‘Youth Ideathon 2023’ में दिल्ली के स्कूलों ने देशभर के स्कूलों में किया टॉप
*भारत और विदेशी स्कूलों के 1.5 लाख छात्रों ने ‘यूथ आइडियाथॉन’ में लिया भाग, केजरीवाल सरकार के आरपीवीवी सूरजमल विहार और एएसओएसई रोहिणी के छात्र टॉप 10 में चुने गए
*भारत सरकार द्वारा आयोजित ‘Youth Ideathon 2023’ में दिल्ली सरकार के स्कूलों की टीम ट्रांक्यूआर और अहिल्या ने 1-1 लाख रुपये का इनक्यूबेशन ग्रांट हासिल किया
*टीम ट्रां-क्यूआर ने विकसित किया क्यूआर बेस्ड अटेंडेंट सिस्टम,स्कूल यूनिफार्म पर लगा कोड को स्कैनर द्वारा फास्ट टैग की तरह करता है स्कैन, मैन्युअल अटेंडेंस रजिस्टर की आवश्यकता ख़त्म कर बचाता है शिक्षकों का समय
*टीम अहिल्या द्वारा विकसित ‘शिक्षा’ ऐप विशेष आवश्यकता वाले बच्चों को अपने आसपास के परिवेश का पता लगाने और विभिन्न गतिविधियों द्वारा सीखने में बना मददगार
*ऐसे बेहतरीन बिजनेस आइडिया से हमारे छात्र न केवल देश से बेरोजगारी मिटाएंगे बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व में नंबर एक बनाएंगे- शिक्षा मंत्री आतिशी
*बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम से आउट ऑफ़ बॉक्स सोचने और रिस्क लेने की क्षमता विकसित हुई, इसी की बदौलत आज हमारा बिज़नेस आईडिया देशभर के टॉप आईडियाज़ में शामिल- तुषार, टीम लीड, टीम ट्रां-क्यूआर
*केजरीवाल सरकार द्वारा एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम के बिज़नेस ब्लास्टर्स कार्यक्रम के तहत मिली सीडमनी के ज़रिए कक्षा 12वीं के इन छात्रों ने स्थापित किया था अपना स्टार्टअप ‘ट्रां-क्यूआर’
केजरीवाल सरकार के स्कूलों के छात्र एक बार फिर से शानदार प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्कूलों को पछाड़ दिया है। केजरीवाल सरकार के आरपीवीवी सूरजमल विहार व एसओएसई रोहिणी सेक्टर-11 के छात्रों ने, केंद्र सरकार के स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप मंत्रालय द्वारा आयोजित Youth Ideathon 2023 में भारत के विभिन्न बोर्डों और अंतर्राष्ट्रीय स्कूलों के 1.5 लाख छात्रों को पीछे छोड़ यूथ आइडियाथॉन 2023 में टॉप 10 में स्थान हासिल किया है अपने शानदार स्टार्टअप आईडिया के लिए ₹1-1 लाख का इनक्युबेशन ग्रांट भी हासिल किया है।

बता दे कि, टीम ट्रां-क्यूआर और अहिल्या के आईडिया को ‘Youth Ideathon 2023’ में टॉप 10 स्टूडेंट स्टार्टअप में से चुना गया है। 2021 में शुरू हुई, यूथ आइडियाथॉन स्कूली छात्रों के लिए भारत की सबसे हाई डिमांड इनोवेशन एंड एंत्रप्रेन्योरशिप कम्पटीशन है।
पहली टीम आरपीवीवी, सूरजमल विहार से है। टीम ने ‘ट्रां-क्यूआर’ के नाम से क्यूआर-बेस्ड स्मार्ट अटेंडेंस सिस्टम तैयार किया है जो फ़ास्टैग की तरह काम करता है। दूसरी टीम डॉ. बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस, सेक्टर 11, रोहिणी की ‘अहिल्या’ है, जिन्होंने विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (दृष्टि बाधित, श्रवण बाधित और ऑटिस्टिक बच्चे) के लिए एक ऐप प्रोटोटाइप बनाया है जो उन्हें परिवेश का पता लगाने और विभिन्न गतिविधियों द्वारा सीखने में मदद करता है।
शिक्षा मंत्री आतिशी ने टीम ‘ट्रां-क्यूआर’ की उल्लेखनीय उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा, ”सीएम अरविंद केजरीवाल और दिल्ली शिक्षा क्रांति के जनक मनीष सिसोदिया जी का सपना अब हकीकत में बदलता दिख रहा है। टीम ट्रां-क्यूआर की यह उपलब्धि इसका एक उदाहरण है।”
शिक्षा मंत्री ने कहा कि “एक बार फिर, हमारे स्कूल के ‘यंग एंत्रप्रेन्योर्स’ ने अपनी क्षमताओं को साबित किया है

उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने देश से बेरोज़गारी की महामारी को दूर करने के लिए अपने स्कूलों में बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम का शुरुआत की। इसका उद्देश्य था कि छात्र नौकरी माँगने की लाइन में न लगे बल्कि नौकरी देने वाले बने।
मात्र 2 साल पहले शुरू हुए इस प्रोग्राम ने अपने विज़न को पूरा करते हुए कई शानदार सफलताएँ हासिल की है। और अब हमारे छात्रों द्वारा अपने शानदार स्टार्टअप आईडिया के दम पर देश-विदेश के स्कूलों को पीछे छोड़ना एक और शानदार उपलब्धि है। अपने इस उपलब्धि से हमारे बच्चों ने साबित कर दिया है कि वो किसी से कम नहीं है।
टीम अहिल्या के बारे में बोलते हुए, शिक्षा मंत्री आतिशी ने आगे कहा, “टीम अहिल्या दिल्ली सरकार के सबसे अधिक मांग वाले स्कूलों- डॉ. बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस से आती है। उनकी उपलब्धि दर्शाती है कि अगर हम अपने बच्चों के लिए छोटी उम्र से ही स्पेशलाइज्ड एजुकेशन के दरवाजे खोल दें तो वे बहुत कुछ कर सकते हैं।
2015 तक किसी ने नहीं सोचा होगा कि दिल्ली के सरकारी स्कूल के छात्र इतनी उच्च स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेंगे, आज वे न केवल भाग ले रहे हैं बल्कि शीर्ष 10 में भी जगह बना रहे हैं। यह हमारे सभी स्कूलों के लिए बहुत गर्व का क्षण है ।”
शिक्षा मंत्री ने कहा कि “एक बार फिर, हमारे स्कूल के ‘यंग एंत्रप्रेन्योर्स’ ने अपनी क्षमताओं को साबित किया है और दिखाया है कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। ऐसे बेहतरीन बिजनेस आइडिया से हमारे छात्र न सिर्फ देश से बेरोजगारी दूर करेंगे, सामाजिक समस्याओं को दूर करेंगे बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था को भी नंबर वन बनाएंगे।
क्या है ट्रां-क्यूआर का बिज़नेस आईडिया?
ट्रां-क्यूआर, एक छात्र स्टार्टअप है। इसे आर.पी.वी.वी सूरजमल विहार के 12 क्लास के छात्रों द्वारा शुरू किया गया है। जहां एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम के तहत दिल्ली सरकार द्वारा बिज़नेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम में दिए सीड मनी के ज़रिए इन छात्रों ने अपना स्टार्ट-अप विकसित किया।
ये बिज़नेस आईडिया स्कूलों-शिक्षकों के काम को आसान बनाएगा| यहाँ टीम ने क्यूआर बेस्ड मोनो-ग्राम विकसित किया है, जो छात्र के वर्चुअल आईडी कार्ड की तरह होगा| जिसमें एक छात्र से जुड़ी जानकारियां होंगी| और छात्र जब स्कूल में प्रवेश करेगा तो फ़ास्टटैग की तरह एक स्कैनिंग डिवाइस उसकी उपस्थिति दर्ज कर लेगा साथ ही जब वो स्कूल के गेट से बाहर निकलेगा तब क्यूआर कॉड स्कैन के जरिए उसे भी दर्ज कर लिया जायेगा| इससे न केवल शिक्षकों का समय बचेगा बल्कि मैन्युअल रजिस्टरों की जरुरत को समाप्त करके आटोमेटिक डेटा रिकॉर्ड करेगा|
छात्र एंत्रप्रेन्योर्स ने यह स्टार्टअप 16,000 रुपये की सीड मनी के साथ शुरू किया गया था। ये टीम पहले से ही दिल्ली सरकार के चार स्कूलों में काम कर रही है। और पहले 4 महीने में ही 60,000 रुपये से ज़्यादा का रेवन्यू हासिल किया है।
‘Youth Ideathon 2023’ के अपने अनुभव को साझा करते हुए, ट्रां-क्यूआर के को-फाउंडर तुषार तुली ने कहा, “बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम ने हमें लीक से हटकर सोचने और जोखिम लेने की क्षमता पैदा की है, और इसके कारण ही हमारा बिजनेस आइडिया, आईडियाथॉन के टॉप आइडियाज़ में शामिल हुआ।
‘Youth Ideathon 2023’ में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए टीम अहिल्या ने तैयार किया ‘शिक्षा’ ऐप
‘शिक्षा’ नाम का ऐप डॉ. बीआर अंबेडकर स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस, सेक्टर 11, रोहिणी के तीन छात्रों की एक टीम अहिल्या द्वारा विकसित किया गया है। ऐप विशेष आवश्यकता वाले बच्चों (दृष्टि बाधित, श्रवण बाधित और ऑटिस्टिक बच्चे) को अपने परिवेश का पता लगाने और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से सीखने में मदद करने पर फोकस है। यह विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के माता-पिता को काउन्सलर्स से जुड़ने की सुविधा भी प्रदान करता है। साथ ही जो वालंटियर इन बच्चों की मदद करना चाहते हैं वे भी इस ऐप के ज़रिए बच्चों से जुड़ सकते हैं।

टीम की उपलब्धि से उत्साहित डेवलपर्स में से एक भाव्या झा ने कहा, “Youth Ideathon का यह इनक्यूबेशन ग्रांट विशेष जरूरतों वाले बच्चों की मदद करने के हमारे सपने को मज़बूती देगा।”उन्होंने आगे कहा कि अगर यह स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस नहीं होता, तो उन्होंने 10वीं कक्षा में एक ऐप विकसित करने के बारे में नहीं सोचा होता।
भाव्या झा ने कहा कि “मैंने डिजिटल मीडिया डिजाइन में विशेष विषयों के कारण एक प्रसिद्ध प्राइवेट स्कूल से एएसओएसई, सेक्टर 11, रोहिणी में एडमिशन लिया। यहां लगभग एक वर्ष से पढ़ाई करने के बाद, मैं अब रोज़मर्रा की चुनौतियों से लड़ने के लिए और मज़बूती से तैयार हूँ और उनके समाधान ढूँढती हूँ। इस स्कूल में हर बच्चे को नियमित रूप से विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर मिलता है जिससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ा है और इसी की बदौलत यूथ आईडियाथॉन में हमारी टीम ने टॉप 10 में जगह हासिल की है।”
उल्लेखनीय है कि Youth Ideathon एक छात्र इनोवेशन एंड एंत्रप्रेन्योरशिप कम्पटीशन है, जहां छात्रों को अपने आइडियाज़ को प्रदर्शित करने के लिए मंच मिलता है।
YI23 पोर्टल पर ऑनलाइन आइडियाज़ प्रस्तुत करने के साथ शुरू होकर, प्रतियोगिता वीडियो द्वारा आईडिया पिच करने, टीम इंटरव्यू सहित विभिन्न चरणों के माध्यम से आगे बढ़ती है और अंत में इनक्यूबेशन इन्वेस्टमेंट के लिए शीर्ष 10 टीमों के चयन में होता है।
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