गीता जयंती के भव्य आयोजन के साथ गरीब परिवारों की कन्याओं के सामूहिक विवाह समारोह

Aanchalik khabre
By Aanchalik khabre
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गीता जयंती के भव्य आयोजन के साथ गरीब परिवारों की कन्याओं के सामूहिक विवाह समारोह
कुरुक्षेत्र, 28 मार्च: धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में पिछले करीब चार दशकों से गीता जयंती के भव्य आयोजन के साथ गरीब परिवारों की कन्याओं के सामूहिक विवाह समारोह, ग्रामीण आंचल में कन्याओं को उच्च शिक्षा प्रदान करने, भारतीय संस्कृति व संस्कारों, संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार, विज्ञान, स्वास्थ्य सेवाओं, गौ संरक्षण एवं अध्यात्म में श्री जयराम संस्थाओं तथा इनके परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी का अहम योगदान है। कुरुक्षेत्र में श्री जयराम शिक्षण संस्थान का भी निरंतर विकास हो रहा है।

सफल जीवन के लिए गीता ज्ञान जरूरी – महंत राजेंद्र पुरी

श्री जयराम संस्थाओं के मीडिया प्रभारी राजेश सिंगला ने बताया कि श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष एवं श्री जयराम शिक्षण संस्थान के चेयरमैन ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी को 29 मार्च को गीता जयंती आयोजन समारोह समिति, अग्रवाल वैश्य समाज हरियाणा की कुरुक्षेत्र इकाई, श्री वैश्य अग्रवाल पंचायत, हरियाणा पंजाबी अधिकार संघर्ष मोर्चा, जयराम महिला मंडल, श्री जयराम शिक्षण संस्थान के शिक्षकों सहित नगर की अन्य समाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं के पदाधिकारियों द्वारा सम्मानित किया जाएगा। सिंगला ने बताया कि परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी के प्रकट दिवस पर 29 मार्च को विभिन्न संस्थाओं द्वारा यह सम्मान दिया जाएगा।
सफल जीवन के लिए गीता ज्ञान जरूरी - महंत राजेंद्र पुरी
उन्होंने बताया कि हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी सनातन संस्कृति के प्रबल सम्पोषक, राष्ट्र एवं राष्ट्रीयता के मुखर उदबोधक, धर्म – अध्यात्म -सेवा -संस्कार तथा नैतिकता के माध्यम से राष्ट्र के सतत संरक्षक, जनसेवा, समाज सेवा एवं मानवता की सेवा के लिए देशभर में जयराम संस्थाओं का संचालन कर रहे परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी का प्रकट दिवस 29 मार्च को उत्साह एवं उल्लास के साथ मनाया जा रहा है।

परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी के प्रकटोत्सव के अवसर पर कुरुक्षेत्र के जयराम विद्यापीठ में यज्ञ एवं भगवान श्री राम भक्त श्री हनुमान का विशेष पूजन होगा। ब्रह्मचारी श्री हनुमान के अनन्य भक्त है। उनके द्वारा संस्थाओं के सभी सामाजिक, शैक्षणिक एवं धार्मिक कार्यक्रम वीर हनुमान के आह्वान के साथ ही आयोजित होते हैं। सिंगला ने बताया कि ब्रह्मचारी के प्रकटोत्सव पर जयराम विद्यापीठ कुरुक्षेत्र में 29 मार्च को सुप्रसिद्ध गायक अजय याज्ञनिक द्वारा सुंदरकांड पाठ की मनमोहक सुचारू पदावली की दिव्य पीयूष धारा प्रवाहित की जाएगी।

बच्चों में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विज्ञान विषय में रुचि पैदा की डा. सुमंत कुमार

आज बच्चों में विज्ञान की जानकारी होना बहुत जरूरी है। भविष्य में विज्ञान की जानकारी होना आवश्यक है। इसी उद्देश्य से पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय देवीदास पुरा में हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद पंचकूला के तत्वाधान में मॉनिटरिंग एवं मेंटरिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डा. सुमंत कुमार गोयल असिस्टेंट प्रोफेसर फिजिक्स स्टेट इंस्टिट्यूट ऑफ़ एडवांस्ड स्टडीज इन टीचर एजुकेशन कुरुक्षेत्र द्वारा बच्चों का विज्ञान विषय में मार्गदर्शन किया गया।

सफल जीवन के लिए गीता ज्ञान जरूरी - महंत राजेंद्र पुरी

डा. गोयल ने बच्चों में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से विज्ञान विषय में रुचि पैदा की व अपनी दिनचर्या में विज्ञान की उपयोगिता एवं महत्व के बारे में बताया। मंच का संचालन आराधना गोयल प्रवक्ता रसायन विज्ञान द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में मनोज कुमार द्वारा सभी का धन्यवाद किया गया। इस कार्यक्रम में अनिल कुमार, मीनाक्षी, साक्षी, प्रवीण, नीरज आश्री तथा कविता सहित बड़ी संख्या में बच्चे मौजूद रहे।

देश विदेश में सनातन की आवाज बुलंद कर रहे हैं महंत राजेंद्र पुरी

देश विदेश में निरंतर सनातन की आवाज बुलंद करने का अभियान चला रहे जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि आज हमारी बेटियां किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। बेटियां अपने परिवार के साथ देश प्रदेश एवं समाज का नाम भी रोशन कर रही हैं। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि हमारे देश में बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए उन्हें शिक्षा और सहयोग के साथ अपने जीवन में अपने तरीके से जीवन जीने की छूट जरूर देनी चाहिए। उन्हें उड़ना है, तो उड़ने दें। बेटियों की उड़ान में अंधे रीति रिवाज और कुरीतियों का बंधन न बांधें।
उन्होंने कहा कि हर इंसान को गीता ज्ञान जरूरी है। गीता में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हैं कि जो भी मनुष्य भगवद गीता की अठारह बातों को अपनाकर अपने जीवन में उतारता है वह सभी दुखों से, वासनाओं से, क्रोध से, ईर्ष्या से, लोभ से, मोह से, लालच आदि के बंधनों से मुक्त हो जाता है। जो व्यक्ति नियमित गीता पढता है, उसका मन शांत बना रहता है। वह विपरीत परिस्थिति में भी अपने मन व वचनों पर नियंत्रण पा लेता है।

अश्विनी वालिया

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