अंतरराष्ट्रीय सट्टा गिरोह का पर्दाफाश, करोड़ों के खेल का खुलासा

Aanchalik Khabre
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अंतरराष्ट्रीय सट्टा गिरोह का पर्दाफाश, करोड़ों के खेल का खुलासा

झांसी में हाईटेक सट्टा रैकेट का खुलासा

झांसी के कोतवाली क्षेत्र से मंगलवार रात एक सनसनीखेज खुलासा हुआ। पुलिस ने एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय सट्टा गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो न सिर्फ देश के अलग-अलग हिस्सों में, बल्कि विदेशों तक फैला हुआ था। पुलिस ने मौके से छह सटोरियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 24 मोबाइल, एक लैपटॉप समेत तमाम इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए हैं। लेकिन गिरोह का मास्टरमाइंड, जो दुबई से इस नेटवर्क को ऑपरेट कर रहा था—अब भी फरार है।


साधारण नहीं, यह था हाईटेक और संगठित अपराध

यह मामला जितना चौंकाने वाला है, उतना ही खतरनाक भी। क्योंकि यह कोई आम सट्टेबाज़ी नहीं थी, बल्कि एक सोचे-समझे तरीके से चलाया जा रहा हाईटेक रैकेट था। मोबाइल एप, बारकोड पेमेंट, यूपीआई लेनदेन और एजेंट नेटवर्क के ज़रिए यह गिरोह पूरे देश में फैले सटोरियों को एक धागे में जोड़ रहा था।


आईपीएल जैसे इवेंट्स में चलता था करोड़ों का खेल

सूत्रों की मानें तो इस गिरोह ने आईपीएल जैसे बड़े इवेंट्स के दौरान करोड़ों रुपये की सट्टेबाज़ी करवाई, लेकिन चौंकाने वाली बात ये कि पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी। मोहल्लों में युवाओं को एजेंट बना कर काम करवाया जा रहा था। हर एजेंट को सिखाया जाता था कि किस तरह एप के ज़रिए नए यूज़र जोड़े जाएं, बारकोड से पैसा मंगवाया जाए और किस किस्त में पैसा दुबई के नेटवर्क तक पहुंचाया जाए।


आधी रात की दबिश, रंगे हाथों पकड़े गए आरोपी

पुलिस को जैसे ही इसकी सूचना मिली, आधी रात को दबिश दी गई। कोतवाली क्षेत्र में अचानक हलचल मच गई। पुलिस की रेड के दौरान पांच युवक रंगे हाथ सट्टेबाज़ी करते हुए पकड़ लिए गए, जबकि एक युवक भाग निकला। मौके से जो डिवाइस बरामद हुए, उनसे नेटवर्क की जड़ें और गहरी होने के संकेत मिले।


पहले भी सक्रिय रहा है यही गिरोह

शुरुआती जांच में पता चला कि ये गिरोह पिछले एक साल से फिर से सक्रिय हुआ था। कुछ साल पहले इन्हीं इलाकों में इसी तरह की गतिविधियों का भंडाफोड़ हुआ था, लेकिन आरोपी ज़मानत पर छूटकर वापस आ गए। उस वक्त लगा था कि नेटवर्क खत्म हो गया, लेकिन सट्टेबाज़ी का यह नेटवर्क तकनीक के सहारे और ज्यादा ताकतवर होकर वापस लौटा।


दुबई से हो रहा था पूरा ऑपरेशन, मास्टरमाइंड फरार

अब जो सबसे बड़ा नाम सामने आया है, वह है एक दुबई में बैठा व्यक्ति, जो इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड है। बताया जा रहा है कि वही इस एप का मुख्य एडमिन है। वह न केवल पैसों का नियंत्रण करता है, बल्कि हर एजेंट की निगरानी भी करता है। एप के ज़रिए सभी के लेनदेन, मुनाफे और नुकसान की ट्रैकिंग की जाती थी।


टेक्निकल स्किल वाले युवाओं को मिल रही थी ट्रेनिंग

इस सट्टा नेटवर्क में तकनीकी जानकारी रखने वाले युवाओं को विशेष रूप से शामिल किया जा रहा था। दो युवक—जो इंजीनियरिंग कर चुके हैं—ने बाकायदा दुबई जाकर ट्रेनिंग ली थी और फिर वापस आकर भारत में इस खेल को फैलाया। इन युवाओं को टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल करना सिखाया गया था। कैसे ट्रांजैक्शन ट्रैक किए बिना हों, कैसे ऑनलाइन पेमेंट्स को छुपाया जाए, ये सब इन्हें सिखाया गया था।


फॉरेंसिक जांच में सामने आया अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन

मोबाइल फोन और लैपटॉप की फॉरेंसिक जांच से साफ हुआ है कि एक ही एप से कई देश जुड़े हुए थे। सट्टा सिर्फ झांसी या उत्तर प्रदेश में नहीं, बल्कि राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र और यहां तक कि बांग्लादेश, नेपाल और दुबई तक फैला हुआ था।


गांव और कस्बों तक बन गई थी मज़बूत पकड़

चौंकाने वाली बात यह भी है कि यह गिरोह छोटे कस्बों और ग्रामीण इलाकों में भी अपनी पकड़ बना चुका था। बेरोजगार युवाओं को टारगेट कर एजेंट बनाना, उन्हें मुनाफे का लालच देना और फिर उस लालच के ज़रिए सट्टा खिलवाना—यही इनका काम करने का तरीका था।


जांच में मिले अहम सुराग, साइबर निगरानी पर सवाल

पुलिस की कार्रवाई में अब तक कई अहम सुराग हाथ लगे हैं। जांच एजेंसियों ने डिजिटल ट्रेसिंग शुरू कर दी है और जल्दी ही मास्टरमाइंड तक पहुंचने का दावा किया जा रहा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल ये है—आख़िर कब तक तकनीक का इस्तेमाल इस तरह अपराधों के लिए होता रहेगा? और क्या हमारी साइबर निगरानी एजेंसियां इन नेटवर्क्स को समय रहते पहचान पाएंगी?


डिजिटल तकनीक से खुलेआम हो रहा अपराध, चेतावनी है देश के लिए

इस कार्रवाई से एक बार फिर साफ हो गया है कि अपराधी अब सिर्फ छिपकर नहीं, बल्कि तकनीक के सहारे खुल्लमखुल्ला खेल खेल रहे हैं—और यह खेल सिर्फ आर्थिक नहीं, सामाजिक स्तर पर भी गंभीर असर डाल रहा है।

यह झांसी से उठी एक लहर है, जो शायद पूरे देश को यह चेतावनी दे रही है—सावधान हो जाइए, सट्टा अब सिर्फ गली का खेल नहीं, एक अंतरराष्ट्रीय डिजिटल जाल बन चुका है।

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