IMMAF Asia MMA Championship 2025 में गोल्ड जीतकर बजाया भारत का डंका
डिजिटल डेस्क | आंचलिक ख़बरें
कहते है न असली प्रतिभा चुनौतियों का सामना करने से निखरती है। सीमित संसाधनों में बड़े सपने देखना सब के बस की बात नहीं होती पर उत्तर प्रदेश के प्रयागराज की बेटी खुशबू निषाद ने इस कहावत को सच कर दिखाया है। खुशबू ने IMMAF Asia MMA Championship 2025 में शानदार प्रदर्शन करते हुए स्वर्ण पदक जीतकर न सिर्फ प्रयागराज बल्कि पूरे देश को गौरवान्वित किया है।
सीमित संसाधनों से एशियाई मंच तक का सफर
सीमित सुविधाओं, आर्थिक कठिनाइयों और सामाजिक दबावों के बावजूद खुशबू निषाद ने कभी हार नहीं मानी। वह MMA चैंपियनशिप में भारत के नाम पर जीत दर्ज करने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट बनकर उभरी हैं। उनकी यह उपलब्धि भारतीय महिला MMA के इतिहास में मील का पत्थर मानी जा रही है।
साधारण परिवार से असाधारण सफलता तक
खुशबू निषाद का जन्म प्रयागराज के एक साधारण परिवार में हुआ। बचपन से ही खेलों के प्रति उनका गहरा लगाव था, लेकिन मार्शल आर्ट्स जैसे कठिन खेल में आगे बढ़ना आसान नहीं था। महज 12 वर्ष की उम्र में उन्होंने अपने भाई के साथ जूडो सीखना शुरू किया। यहीं से उनके संघर्ष और सफलता की कहानी ने रफ्तार पकड़ी।इस पूरे सफर में पिता का निरंतर समर्थन और विश्वास उनकी सबसे बड़ी ताकत बना।
चुनौतियों को बनाया अपनी ताकत
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स (MMA) जैसे चुनौतीपूर्ण खेल में कदम रखते ही खुशबू को चोटों, सीमित प्रशिक्षण संसाधनों और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा। बावजूद इसके उन्होंने हर बाधा को अपनी ताकत बनाया। एशियाई चैंपियनशिप में उनकी तकनीक, धैर्य और रणनीति ने उन्हें स्वर्ण पदक का हकदार बनाया।
सिर्फ जीत नहीं, बेटियों के लिए प्रेरणा
खुशबू निषाद की यह जीत सिर्फ एक पदक भर नहीं है, बल्कि छोटे शहरों और कस्बों की बेटियों के सपनों को नई उड़ान देने वाला संदेश है। खुशबू का कहना है—
“लड़ना कमजोरी नहीं, आत्मसम्मान की पहचान है।”
उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि के बाद पूरे प्रदेश में खुशी और गर्व का माहौल है, और खुशबू निषाद आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।

