कोलकाता में लॉ स्टूडेंट का गैंग रेप मामले में आरोपी क्या बोले
पिछले महीने 25 जून को कोलकाता में लॉ की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म की घटना मामले में एसआईटी ने सोमवार को चौंकाने वाला खुलासा किया है। जांच में मिले ठोस सबूतों के मुताबिक रेप के तीनों मुख्य आरोपियों ने आरोप को कबूल करने के दौरान बताया कि वो पहले से ही घटना को अंजाम देने की साजिश रच ली थी। छात्रा के कॉलेज में दाखिले के समय से ही उसे निशाना बना रहे थे। हम सिर्फ मौके का इंतजार कर रहे थे। आरोपियों ने यह भी माना कि पीड़ित छात्रा की वीडियो बनाने वा तस्वीरें खींचने का मकसद पीड़िता को ब्लैकमेल करना था। नौ सदस्यीय एसआईटी के अधिकारियों ने बताया कि आरोपी मोनोजीत मिश्रा, प्रतिम मुखर्जी और जैद अहमद का आपराधिक पृष्ठिभूमि रहा है। ये कॉलेज की छात्राओं का यौन उत्पीड़न करने के कई मामलों में शामिल रहे हैं। मामले में चौथा आरोपी कॉलेज का सुरक्षा गार्ड है।
लॉ छात्रा को शुरू से थी आरोपियों के निशाने पर
अभी तक की जांच में यह सामने आया है कि गार्ड समेत चारों आरोपियों ने पीड़ित लॉ छात्रा से साजिश के तहत दरिंदगी की थी। वहीं छात्रा को पहले से इस बात का अंदेशा था लेकिन उसने इसकी कभी शिकायत नहीं की।
एक पुलिस अधिकारी के अनुसार, तीनों आरोपी अपने मोबाइल फोन पर इस तरह की घटनाओं को रिकॉर्ड करते थे और बाद में फुटेज का इस्तेमाल कर पीड़ितों को
ब्लैकमेल करते थे। पुलिस अधिकारी ने कहा कि पूरा मामला पहले से ही योजनाबद्ध था। तीनों कई दिनों से घटना को अंजाम देने के लिए साजिश रच रहे थे।
जांच में सामने आया है कि पीड़िता के कॉलेज में प्रवेश लेने के पहले दिन ही मुख्य आरोपी ने निशाना बनाया था। पुलिस अधिकारी ने कहा कि रविवार को आरोपी प्रतिम मुखर्जी और जैद अहमद के घरों पर तलाशी ली गई। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि 25 जून की घटना का वीडियो क्लिप आरोपियों ने किसी अन्य से साझा की हो। अभी इसकी भी जांच की जा रही है। जांच करते हुए एसआईटी ने 25 से अधिक लोगों की सूची तैयार की है। जिनमें ज्यादातर साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज के छात्र हैं। उधर, भाजपा द्वारा गठित चार सदस्यीय जांच समिति सोमवार सुबह कोलकाता पहुंच गई। और ममता सरकार को घेरना भी शुरू कर दिया है।
हाईकोर्ट में दायर हुई जनहित याचिका
कलकत्ता उच्च न्यायालय में सोमवार को घटना से संबंधित दो जनहित याचिकाएं दायर की गईं। एक विजय सिंघल और दूसरा, अधिवक्ता सौम्या शुभ्रा रॉय की ओर से न्यायमूर्ति सौमेन सेन की अध्यक्षता वाली पीठ में अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई हैं। न्यायालय ने दोनों जनहित याचिकाओं को स्वीकार कर लिया है। एक याचिका में मामले की जांच के लिए पुलिस की ओर से गठित एसआईटी की अगुवाई करने के लिए सेवानिवृत्त न्यायाधीश की नियुक्ति की मांग की गई है। वहीं 29 जून को राष्ट्रीय महिला आयोग की मेंबर अर्चना मजूमदार ने घटना से जुड़े लॉ कॉलेज का दौरा किया। इस बीच उन्होंने कहा कि कुछ छिपाने की कोशिश की जा रही है। कोलकाता पुलिस महिला आयोग के साथ जांच में सहयोग नही कर रही है।
बीजेपी की जांच समिति जायेगी कोलकाता
पश्चिम बंगाल की विपक्षी दल की पार्टी बीजेपी ने 29 जून को कोलकाता रेप केस के विरोध में कन्या सुरक्षा मार्च निकाला। मार्च का नेतृत्व बंगाल के नेता शुभेंदु अधिकारी कर रहे थे। हजारों की संख्या में बीजेपी कार्यकर्ता हाथों में मशाल लिए हुए थे। वहीं बीजेपी की की राष्ट्रीय जांच समिति कोलकाता का दौरा करेगी। खबर के मुताबिक 30 जून को बीजेपी की चार सदस्यीय जांच समिति टीम दिल्ली से कोलकाता रवाना हो गई है। बीजेपी जांच समिति टीम में पूर्व केंद्रीय मंत्री सतपाल सिंह , मीनाक्षी लेखी, विप्लव देव और मनन मिश्रा शामिल है। जांच के बाद ये टीम बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को रिपोर्ट सौंपेगी।
लॉ छात्रा की मेडिकल रिपोर्ट में क्या निकला था
कोलकाता के लॉ कॉलेज में 25 जून की शाम 24 वर्षीय लॉ छात्रा के साथ तीन स्टूडेंट ने सामूहिक बलात्कार किया था। जिसमें आरोपी मनोजीत मिश्रा, प्रोमित मुखर्जी और जैद अहमद ने तीन घंटे तक छात्रा के साथ दरिंदगी की थी। पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि उसकी गर्दन पर खरोंच के निशान थे। छाती और जांघो के अंदर गंभीर चोट के निशान थे। पीड़िता के साथ यौन उत्पीडन के साथ मौखिक उत्पीड़न भी हुआ। रिपोर्ट में पीड़िता के गर्भवती होने की रिपोर्ट निगेटिव आई है। चारो ही आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।