मनीष गर्ग
सतना मध्य प्रदेश। विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू होने के साथ ही एक ही जिले में तीन वर्ष से अधिक समय तक पदस्थ रहने वाले प्रशासनिक और राजस्व अफसरों के तबादले की उलटी गिनती शुरू हो गई है। निर्वाचन आयोग भोपाल ने तीन वर्ष से अधिक समय से पद्स्थ प्रशासनिक और राजस्व अफसरों की एक सूची तलब की है। इस सूची को संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन से तीन दिन पहले भेज भी दिया गया है। तीन वर्ष की समय सीमा की बाध्यता में एक एसडीएम, एक तहसीलदार के अलावा 6 नायब तहसीलदार आ रहे हैं। इन अधिकारियों के ताबदला आदेश कभी भी आ सकते हैं। शुक्रवार को आयोजित राजस्व अफसरों की मीटिंग में कलेक्टर अनुराग वर्मा ने तीन वर्ष से अधिक समय से जिले में काम करने वाले अफसरों की जानकारी भी ली है।
कभी भी आ सकती है लिस्ट
सूत्रों के मुताबिक तीन वर्ष की बाध्यता में जिले में पदस्थ 8 अफसर आ रहे हैं। इनमें नागौद एसडीएम धीरेंद्र सिंह, रघुराजनगर तहसीलदार बीके मिश्रा के अलावा नायब तहसीलदर प्रदीप तिवारी, अजीत तिवारी, सुमित गुर्जर, अनुराधा सिंह, डॉ. शैलेंद्र बिहारी शर्मा और नागेंद्रमणि त्रिपाठी शामिल हैं। इन अफसरों के कभी तबादला आदेश आ सकते हैं।
तहसीलदार के खाली हैं 12 पद
सूत्रों के मुताबिक जिले में प्रशासनिक अफसरों के एडीएम समेत 13 पदस्थ स्वीकृत हैं जो सभी भरे हुए हैं। इसके अलावा जिले में तहसीलदार के स्वीकृत 14 पदों में से केवल 2 पद भरे हुए हैं, जबकि जिले में 11 तहसील हैं। इनमें से 9 तहसीलों पर नायब को तहसीलदार का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इसी तरह 23 पद के विरूद्ध 25 नायब तहसीलदार काम कर रहे हैं। कुछ तहसीलदारों ने तो सतना रीवा शहडोल में मकान बना रखे हैं और नियम विरुद्ध कार्य कर रहे हैं ऐसे ही मामलों की अगर जांच की जाए तो मैहर में ज्यादा सरकारी प्रॉपर्टी को प्राइवेट बना दिया गयाप्राइवेट फॉर्म को मरघट बना दिया गया है कुछ रहवासी सरकारी जमीनों में कब्जा करा दिया गया है कुछ को खरीद के अपना फार्म हाउस दूसरे के नाम से बना लिया गया है इसलिए मुख्यमंत्री से निवेदन है कि सतना जिले में ध्यान देवें चल अचल संपत्ति का ब्यौरा मांगे।