झुंझुनू।जिले में नरेगा योजना में जरूरतमंद लोगों को रोजगार नहीं देकर केवल अपनी तनख्वाह के लिये जतन करने वाले कर्मिकों को जिला परिषद के सीईओ रामनिवास जाट द्वारा अंतिम चेतावनी दी गई कि आगामी दिनों में जॉबकार्ड की संख्या के अनुपात में श्रमिक नियोजन नहीं करने वाले नरेगा सहायकों अपनी जगह छोड़नी पड़ सकती है।जिला परिषद सभागार में सोमवार से दो दिवसीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया।जिसमें नरेगा योजना के संचालन के लिये जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान जाट ने कहा कि जिले में श्रमिकों के नियोजन की कमी के कारण योजना का जिले का प्रशासनिक खर्च निर्धारित 5 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत हो चुका है।ऐसी स्थिति में नरेगा मद से वेतन लेने वाले कर्मचारियों को दूसरे जिलों के लिये स्थानन्तरित कर संख्या कम करनी पड़ सकती है।प्रशिक्षण के दौरान अधिशासी अभियंता विजेंद्र ढाका ने नरेगा के उद्देश्यों,काम का अधिकार,जॉब कार्ड जारी करने,कामों की स्वीकृति,निरीक्षण,समापन तथा पोर्टल के बारे में जानकारी दी।सतीश कुमार लेखाधिकारी नरेगा ने ऑनलाइन भुगतान प्रक्रिया के बारे में प्रोजेक्टर के माध्यम से विस्तार से बताया, जिला समन्वयक सुमन चौधरी ने नरेगा के साथ स्वच्छता गतिविधियों के कन्वर्जेन्स, स्वच्छता के बारे में जानकारी दी।सूचना सम्प्रेषण प्रभारी अजीत सिंह ने सामाजिक अंकेक्षण तथा कपिल देगरा ने ई-पंचायत पोर्टल के बारे में विस्तार से जानकारी दी। प्रशिक्षण में 52 ग्राम पंचायतों के ग्राम विकास अधिकारी,लिपिक,ग्राम रोजगार सहायक आदि उपस्थित थे।