जाति संप्रदाय सूचक अश्लील गीतों के खिलाफ ऐपवा इंसाफ मंच जसम का अभियान पहुंचा विधानसभा
माले विधायक अजीत कुशवाहा ने विधानसभा में इस मामले को उठाकर कार्रवाई की मांग की।
जाति संप्रदाय सूचक महिला को अपमानित करने वाले भड़काऊ एवं अश्लील गीतों को बैन एवं गायक पर एफ आई आर दर्ज करने को लेकर ताजपुर- समस्तीपुर में जारी ऐपवा,इन्साफ मंच जस्म एवं माले के आंदोलन की आवाज गुरुवार को विधानसभा में गूंजी. विधानसभा सत्र के दौरान यह सवाल माले विधायक अजीत कुशवाहा ने उठाकर संप्रदायिक भड़काऊ एवं अश्लील गीतों को बैन करने की मांग सरकार से की. उन्होंने सदन में कहा की जाति और धर्म के नाम पर भोजपुरी समेत अन्य भाषाओं में गीतों में अश्लीलता परोसी जा रहीं हैं. इससे सामाजिक सदभाव खराब हो रहा है।
अतः सरकार ऐसे गीतों पर अविलंब प्रतिबंध लगाकर ऐसे गीतों को बनाने और प्रसारित वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए. विदित मुस्लिम चमार मुनिया मल्लाह माली ग्वाला तुरहा आदि समुदाय की बहन बेटी को सुपरहिट एवं झक्कास माल बता कर भोजपुरी गायक अजीत बिहारी ने 2 3 गीतों में अश्लीलता परोसी थी. जिससे सामाजिक सदभाव बिगड़ रहा था, इसे लेकर बुधवार को दर्जनभर युवको ने माले नेता सुरेंद्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में थाने में लिखित आवेदन दिया था लेकिन थानेदार ने एफ आई आर दर्ज करने से इंकार कर दिया. इसके बाद भाकपा माले मिथिलांचल प्रभारी धीरेंद्र झा को वस्तु स्थिति की जानकारी देकर मामले को विधानसभा में उठाने का आग्रह किया गया तत्पश्चात मामले की गंभीरता को देखते हुए माले विधायक अजीत कुशवाहा ने मामले को सदन में उठाकर कार्रवाई की मांग की. युवा जिला अध्यक्ष वंदना सिंह ने कहा कि महिला संगठन ऐपवा महिलाओं की सम्मान के प्रति गंभीर है महिला बहन बेटियों के खिलाफ अश्लीलता किसी भी भाषा में परोसी जाए बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा की विधानसभा में मुद्दा उठाने के बाद मसले का समाधान होने की संभावना है. राज्य की नीतीश एवं केंद्र की मोदी सरकार उपभोक्तावादी संस्कृति को बढ़ावा दे रही है. पितृसत्तात्कमक समाज महिलाओं हमला करते रहते हैं और सरकार चुप बैठी रहती है इसे लेकर एपावा का अभियान जारी रहेगा
समस्तीपुर बिहार से अशोक कुमार पूसा की रिपोर्ट देखते रहिये आपका अपना चैनल आंचलिक ख़बरें अपनों की खबर आप तक
बाईट माले विधायक अजीत कुशवाहा
बाईट ऐपवा जिलाध्यक्ष बंदना सिंह
ममता बनर्जी के दस साल