बदायूं!चुनाव प्रचार के दौरान जगह जगह नेताओं के कई रूप देखने को मिलते मिलते हैं परंतु बिना चुनाव के जनता की मुसीबत में जनता के साथ सुख दुख में खड़े होने का यदि कोई उदाहरण है तो दातागंज के “हम हैं” संस्था के संस्थापक
डॉक्टर शैलेश पाठक हैं। बताते हैं 103 तेज बुखार में ग्लूकोस की बोतल चल रही थी अचानक कोई बेसहारा क्षेत्र से बाहर अपने परिवार सहित आया जिसे अपने परिवार का पालन पोषण करना मुश्किल हो रहा था डॉ पाठक तत्काल निकल कर आए एवं जरूरतमंद परिवार की हर संभव मदद की एवं भविष्य
में भी मदद करने का पूरा आश्वासन दिया। आपको बताते चलें कि कोरोना काल से डॉ शैलेश पाठक ने जनसेवा का जो जज्बा दिखाया है वह बरसाती आपदा एवं बाढ़ में चाहे किसानों की
मदद करना हो चाहे उनके पशुओं के लिए आवाज उठाना हो बदस्तूर जारी है।आज देश को ऐसे ही समाजसेवियों की आवश्यकता है। शैलेश पाठक अपने कार्यों से क्षेत्र के सभी लोगों के प्रिय हो गए हैं।