नवाबगंज नगर पालिका परिषद,हाई कोर्ट भले ही तालाबों के संरक्षण के आदेश करे लेकिन यहां तो बाड़ ही खेतों को खा रही है नवाबगंज । ऐसा ही हाल है नवाबगंज नगर का, जहां नगर पालिका परिषद ही तालाबों का वजूद मिटाने पर तुल गई है। प्रदेश में दिनो दिन समाप्त होते तालाब, पोखरों व अन्य जल स्रोतों पर चिन्ता व्यक्त करते हुए उच्च न्यायालय ने अपने 30 अगस्त 2007 के आदेशों में प्रदेश सरकार को विनष्ट होते तालाबों व जल स्रोतों के पुनरोद्धार व रखरखाव के सख्त निर्देश देते हुए तालाबों की पुरानी स्थिति बहाल करने के आदेश दिए थे । न्यायालय के आदेशों पर शासन ने इस सम्बन्ध में जनपद स्तर पर टास्क फोर्स का गठन कर विशेष अभियान चलाकर तालाबों को शत प्रतिशत अतिक्रमण मुक्त कराए जाने के आदेश सभी जिलाधिकारियों के दिए थे । वर्ष2003 में इकबाल अहमद बनाम डिप्टी डायरेक्टर कन्सोलीडेशन देवरिया में ये आदेश पारित किए थे ।
लेकिन यहां तो सब कुछ उलटा पलटा ही हो रहा है और बाड़ ही खेतों को खाने पर तुली हुई है, नगर के भीतर स्थित एक बडे तालाब का संरक्षण व कब्जा मुक्त कराना तो दूर नगर पालिका परिषद द्वारा स्वयं ही कूड़ा डाल कर तालाब को पाटा जा रहा है । आलम ये है कि जेपीएन कालेज के पीछे स्थित इस बडे तालाब के एक बड़े हिस्से पर निर्माण हो गए हैं और बाकी में ऊंची – ऊँची झाड़ियां उग आई हैं। दसियों फीट गहराई तक कीचड़ से भरा पड़ा ये तालाब संक्रामक रोगों को दावत देने के साथ ही खतरे की घण्टी बन गया है लेकिन पालिका बोर्ड के साथ ही पूरा प्रशासनिक अमला मौन साधे बैठा हुआ है । भला हो उच्च न्यायालय के आदेशों की खिल्ली उड़ाने वाली संस्था व प्रशासन का?
पट चुके हैं नगर के सारे तालाब, पालिका प्रशासन चुप-आंचलिक ख़बरें-अख़लाक़ अंसारी
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