बदायूं ! सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और भाजपा मिलकर यूपी के मुसलमानों का सियासी वजूद खत्म करने पर तुले हैं। जिसका जीता जागता सबूत है बदायूं जिला है।ये विचार पीस पार्टी के वरिष्ठ नेता अतीक कादरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर व्यक्त किए। बदायूं और उत्तर प्रदेश के अनेको जिलों मे मुसलमान कद्दावर नेताओं को पार्टी से टिकट काटकर उनको दर किनारे लगाया जा रहा है और समाजवादी पार्टी में भाजपा से आए हुए नेता जैसे स्वामी प्रसाद मौर्य जो मुसलमानों के खिलाफ यह बयान देते हैं कि ट्रिपल तलाक मुसलमान करते हैं औरतों के साथ बलात्कार करते हैं।इसके अलावा योगी आदित्यनाथ के चेले हिंदू युवा वाहिनी अध्यक्ष सुनील सिंह जो कहते हैं कि मुसलमानों की औरतों को कब्र से निकालकर उनका बलात्कार करें और इसके अलावा डीएसपी जिया उल हक का कातिल जो जोगिंदर यादव है और आरएसएस संघ के नेता दोनों को सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष नेता अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी बनाना यह आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा पर चलना और राजनीति करना समाजवादी नेता और उनकी पार्टी को 2022 में नुकसान देय होगा। इसीलिए यूपी के मुसलमान सपा से अलग हो चुके हैं उत्तर प्रदेश के दलितों और मुस्लिमों के हक के लिए पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अयूब सर्जन ने सामाजिक परिवर्तन यू डी ए महागठबंधन बनाया है जिसमें आजाद समाज पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद, राष्ट्रीय उलमा काउंसिल राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना आमिर रशदी और पीस पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अयूब ने तीनों दल मिलकर उत्तर प्रदेश 2022 के चुनाव में 403 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारकर चुनाव लड़ रही है।उन्होंने यूपी की आवाम से अपील की कि इस महागठबंधन के प्रत्याशियों को अपना वोट और सपोर्ट देकर विधानसभा में पहुंचाएं ताकि आपके हक और हुकूक और इंसाफ के साथ आपको अधिकार मिल सके।