झुंझुनू के जगदीप धनखड़ बने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल-आंचलिक ख़बरें-संजय सोनी

Aanchalik Khabre
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झुंझुनू,20 जुलाई। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री जगदीप धनखड़ को पश्चिम बंगाल का राज्यपाल नियुक्त किया है।धनखड़ की नियुक्ति कार्यभार ग्रहण करने की तिथी से प्रभावी होगी। जगदीप धनखड़ 9 वीं लोकसभा (1989 से1991) के लिये राजस्थान में झुंझुनू संसदीय सीट से जनतादल उम्मीदवार के रूप में विजयी हुये थे। उसी दौरान कुछ समय के लिये वो विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में संसदीय कार्य मंत्रालय में उप मंत्री बने। बाद में चन्द्रशेखर की सरकार में उन्हे मंत्री नहीं बनाया गया। 1991 में उन्होने जनता दल छोड़ कर कांग्रेस की सदस्यता ले ली। 1991 में उन्होने कांग्रेस टिकट पर अजमेर से लोकसभा चुनाव लड़ा मगर भाजपा के रासासिंह रावत से हार गये। 1993 में उन्होंने राजस्थान विधानसभा चुनाव में अजमेर जिले की किशनगढ़ विधानसभा चुनाव से कांग्रेस टिकट पर लड़ कर विजयी हुये। उन्होने भाजपा के जगजीत सिंह को एक हजार नौ 58 वोटो से हराया था। 1998 में उन्होंने झुंझुनू से कांग्रेस टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ कर तीसरे स्थान पर रहे थे।

2003 में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनने पर उन्होने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी। गत विधानसभा चुनावो में उनके कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा होती रहती थी मगर उन्होंने भाजपा नहीं छोड़ी।

जगदीप धनखड़ का जन्म राजस्थान में झुंझुनू जिले के किठाना गांव में एक सामान्य किसान परिवार में18 मई 1951 को हुआ था। इनके पिता चौधरी गोकुल चन्द धनखड़ खेती करते थे। धनखड़ ने सैनिक स्कूल चित्तोडग़ढ़ व राजस्थान विश्व विद्यालय जयपुर से शिक्षा ग्रहण की उन्होने1977 से राजस्थान उच्च न्यायालय में वकालत करनी शुरू कर दी थी। 1986 में मात्र 35 वर्ष की उम्र में ही धनखड़ राजस्थान हाई कोर्ट बार एशोसियेशन के अध्यक्ष बन गये थे।

धनखड़ वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील है तथा इंटरनेशनल कोर्ट आफ आर्बिट्रेशन पेरिस के सदस्य हैं। राजस्थान के जाटो को अन्य पिछड़ा वर्ग में आरक्षण दिलाने में धनखड़ की महती भूमिका रही थी। धनखड़ के राज्यपाल बनने पर उनके गांव किठाना गृह जिले झुंझुनू सहित राजस्थान के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गयी है।

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