सरदार वल्लभ भाई पटेल जिला चिकित्सालय में उस वक्त हड़कम्प मच गया जब कलेक्टर अनुराग वर्मा मरीज बनकर पहुंचे थे कलेक्टर अनुराग वर्मा जिला पंचायत के सीईओ परीक्षित राव भी कलेक्टर के साथ थे। दरअसल, हुआ यूं कि कलेक्टर अचानक अपनी पर्सनल कार में बैठकर डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल गए कार जिला पंचायत सीईओ चला रहे थे। कार पार्क करने के बाद दोनों अधिकारी ओपीडी पहुंचे तो देखा कि अधिकांश डॉक्टर नदारद थे। कलेक्टर को कोई भी नहीं पहचान सका। इतना देखते ही कलेक्टर का पारा सातवें आसमान पर था
सुबह का करीब 9 बजे थे देखने के लिए एक सर्जिकल स्पेशलिस्ट जिला अस्पताल पहुंचे।
इस बीच जानकारी मिलते ही सीएमएचओ डॉ. एके अवधिया एवं सिविल सर्जन डॉ. रेखा त्रिपाठी भी आनन-फानन अस्पताल पहुंच गए। इधर-उधर से डॉक्टर्स भी ओपीडी पहुंचने लगे। कलेक्टर ने और एक आर्थो सर्जन की उपस्थिति रजिस्टर को अपने कब्जे में ले लिया। गैरहाजिर डॉक्टरों को कलेक्टर ने शोकाज नोटिस देने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने दो टूक कहा कि हॉस्पिटल की व्यवस्थाएं दुरुस्त कराइए। उन्होंने रोस्टर चार्ट को भी तलब किया जिसके जरिए डॉक्टरों की ड्यूटी तय की जाती है। कलेक्टर ने यह भी कहा कि अस्पताल के अंदर घूमने वाले प्राइवेट एम्बुलेंस औरतलब हासिल जानकारी के अनुसार निरीक्षण के दरमियान ओपीडी में मेडिकल उन्होंने ऑफीसर डॉ. सुधीर सिंह, डॉ. नम्रता मरीजों का चेकअप करते पाए गए जबकि उस बीच डॉ. आलोक खन्ना वार्ड में किया भ्रमण कर रहे थे। औचक निरीक्षण में रोस्टर के मुताबिक ड्यूटी पर लगे डॉक्टर नदारद मिले। कलेक्टर के निर्देश पर ड्यूटी सिविल सर्जन डॉ. त्रिपाठी ने फिलहाल डॉ. मनोज प्रजापति, डॉ. संजीव प्रजापति, डॉ. राजीव सिंह, डॉ. आनंद मिश्रा, के यह भी डॉ. पुष्पा तिवारी एवं डॉ. अभिनव चौरसिया को शोकान नोटिस दिया है। अभी इस बात की तस्दीक की जा रही है कि ठेव र घूमने कौन-कौन डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ था जिसकी ड्यूटी रोस्टर के मुताबिक उस वक्त होनी चाहिए और वह खून के गैरहाजिर था। रोस्टर के मुताबिक वार्ड भ्रमण में डॉ. जेएन पाण्डेय की भी ड्यूटी लगाई गई है जबकि वो मेडिकल लीव पर हैं। इस पर कलेक्टर ने आरएमओ डॉ. अमर सिंह को फटकार लगाते हुए रोस्टर पर सवाल
कलेक्टर साहब अचानक पहुंचे अस्पताल पहचानने वाला कोई नहीं?-आंचलिक ख़बरें-मनीष गर्ग
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