महिलाओं और किशोरवय बालिकाओं के स्वास्थ्य पर नींव संस्था की ओर से आयोजित परिचर्चा संपन्न —
ग्वालियर/ 28 मई 2022 को विश्व माहवारी स्वच्छता दिवस के रूप में मनाया जाता है । माहवारी महिलाओं व किशोरी बालिकाओं के न सिर्फ स्वास्थ्य से जुड़ी हुई है बल्कि इससे उनकी शिक्षा भी प्रभावित है । स्वच्छता संबंधी जानकारी के अभाव में महिलाएं और बच्चियां तमाम तरह की बीमारियों से जूझती हैं भारत में प्रतिवर्ष 60,000 महिलाओं की मृत्यु सर्वाइकल कैंसर से हो जाती है जिसमें 40,000 माहवारी स्वच्छता से जुड़े मामले हैं माहवारी के कारण प्रतिवर्ष 23 मिलियन बच्चियां अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देती हैं । हमारे समाज में इससे जुड़े अनेक अंधविश्वास और मिथक हैं जिस पर हमें जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है । नींव संस्था की सचिव रीना शाक्य ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए बताया कि इस विषय पर मैंने अपनी ओर से पिटीशन दायर की है तथा मांग की है कि मध्य प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों में निशुल्क पैड उपलब्ध कराए जाएं जिस पर आमजन के सकारात्मक सुझाव भी आए हैं और अभी तक इस पिटिशन पर 17,000 हस्ताक्षर आ चुके हैं । अनेक संस्थाओं संगठन ने इस पिटीशन के समर्थन में आगे आए हैं ।
गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ प्रवीण गौतम ने कहा की गुजरात के कच्छ में इसी विषय को लेकर एक पिटीशन दायर हुई थी जिसकी रिपोर्ट सार्वजनिक हो चुकी है आज समाज में इस समस्या का मूल कारण जागरूकता का अभाव है इसलिए मांग जायज है कि सभी सरकारी स्कूलों में मुफ्त सेनेटरी पैड मिलना चाहिए ।हमें मिलकर इस विषय पर स्कूल कॉलेजों से लेकर अपने-अपने समूह में चर्चा करना चाहिए ताकि समाज में इस विषय पर एक स्वस्थ वातावरण तैयार हो सके ।
डॉ सुनीता आर्य +वरिष्ठ गायनोलॉजिस्ट फुलवारी हॉस्पिटल) ने कहा कि आज यह समस्या सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में है सभी को मिलकर वहां अभियान चलाने की आवश्यकता है ।
डॉ चंद प्रीत कौर ने कहा कि आज भी इसके बारे में हमारे परिवारों में कोई चर्चा नहीं होती है जिस कारण लड़कियों को माहवारी के समय परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसलिए हमें सबसे पहले इसे अपने घर परिवार में चर्चा का विषय बनाना चाहिए, उसके बाद स्कूल और कॉलेजों में बालक बालिकाओं दोनों के साथ इस पर चर्चा करनी चाहिए ताकि समाज में एक स्वच्छ वातावरण तैयार हो सके ।
डॉ कुसुम चौधरी (प्रोफेसर महारानी लक्ष्मीबाई कॉलेज) ने कहा कि मैं एक प्रोफेसर के साथ-साथ एक बच्ची की बेटी भी हूं और मेरा मानना है कि समस्या जब हम से जुड़ी है तो इसका सामना भी हमें ही करना होगा आज विषय पर जागरूकता की बहुत आवश्यकता है इस विषय पर खुलकर बात होनी चाहिए परंतु यह हमारी विडंबना है कि हमारा समाज अभी परिपक्व नहीं हुआ है हमारा पढ़ा-लिखा वर्ग भी माहवारी के समय मेडिकल में यहां परेशानी नहीं लिख पाता है जो हमारे समाज की सोच को दर्शाता है इसलिए हमें समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है नींव संस्था की पहल सराहनीय है हम सब इस पिटिशन का समर्थन करते हैं और स्कूलों में निशुल्क पैड की मांग जल्द से जल्द पूरी होनी चाहिए ।
अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की जिला सचिव प्रीति सिंह ने कहा कि हमारा संगठन एक राष्ट्रीय संगठन है हमने इस पिटीशन का समर्थन करते हुए सरकार से भी मांग की है और आज हमने कई जिलों में ज्ञापन देकर सभी सरकारी स्कूलों में निशुल्क पैड वितरण किए जाने की मांग की है ।
ये रहे कार्यक्रम में शामिल –
इस पिटीशन के समर्थन में अशोक चौहान प्रोफेसर (अटैर शासकीय महाविद्यालय), श्रीमती ज्योति छाबड़िया (वन विभाग अधिकारी), मीरा गुप्ता, अनुराधा धाकड़े , श्रीमती धम्म मित्रा जी, अंजली राजपूत समाजसेवी, रानी शाक्य (शिक्षिका ) मनीष शर्मा (चाइल्ड लाइन), विकास गोस्वामी (केयर एंड अभिषेक फाउंडेशन), श्रीमती अनुराधा , श्रीमती मीरा गुप्ता (समाज सेवी), कांता राजौरिया, भावना दौहरे (समाजसेवी) तबस्सुम खान, निखिल गंधे, श्रीमती नम्रता गंदे (स्पोर्ट टीचर),श्रीमती रेनू गोस्वामी आदि लोगों ने अपनी बात रखी तथा पिटीशन का समर्थन करते हुए सरकारी स्कूलों में निशुल्क उपलब्ध कराने की मांग की ।