बरेली में पांच साल की छात्रा को फतेहगंज पूर्वी के गांव निवड़िया में स्थित कंपोजिट विद्यालय का स्टाफ छुट्टी के बाद स्कूल में बंद करके चला गया। एक घंटे बाद छात्रा का पिता उसे ढूंढते हुए स्कूल पहुंचा तो आंगनबाड़ी केंद्र के एक कक्ष में वह बैठी मिली। छात्रा के पिता ने फोन करके मामले की शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी से की तो उन्होंने कंपोजिट विद्यालय के स्टाफ का स्पष्टीकरण तलब किया है।निवड़िया गांव में रहने वाले संजीव मिश्रा की पांच साल की बेटी निहारिका गांव में ही स्थित कंपोजिट विद्यालय में आंगनबाड़ी केंद्र में पढ़ती है। उसका बड़ा भाई वंश भी इसी स्कूल में कक्षा एक पढ़ता है। शुक्रवार को दो बजे स्कूल की छुट्टी होने के बाद वंश तो घर पहुंच गया, लेकिन निहारिका नहीं पहुंची। इस पर उसकी दादी स्कूल पहुंची तो वहां मिले एक कर्मचारी ने बताया कि छुट्टी के बाद सभी बच्चे घर जा चुके हैं। वह घर पहुंची और अपने बेटे संजीव को बताया। करीब पौन घंटे तक संजीव बेटी को गांव में ढूंढते रहे .
उसका कहीं पता नहीं चला तो तलाश करते हुए स्कूल पहुंचे। स्कूल के गेट पर ताला पड़ा होने पर वह गेट कूदकर परिसर के अंदर दाखिल हुए। वहां आंगनबाड़ी केंद्र के एक कमरे में निहारिका गुमसुम सहमी हुई बैठी मिली। संजीव उसे निकालकर घर लेकर आए। इसके बाद उन्होंने मामले की शिकायत खंड शिक्षा अधिकारी शशांक शेखर मिश्रा को फोन करके की।पिता को बच्ची जिस कमरे में बैठी मिली उसका दरवाजा खुला हुआ था। स्कूल परिसर के सिर्फ गेट पर ताला पड़ा था। ग्रामीणों का कहना है कि बच्ची या तो कमरे में सो गई होगी या फिर खुद ही वहां छिपकर बैठी होगी। उन्होंने बताया कि बच्ची कुछ दिन पहले भी इसी तरह पड़ोस के एक घर में छिप गई थी। परिजन के काफी तलाश करने पर वह मिली थी। बताया कि स्कूल जिस रास्ते पर है उस पर हर समय आवाजाही रहती है, आसपास में कई घर भी हैं। ऐसे में यदि वह आवाज लगाती या रोती तो किसी न किसी को पता चला जाता।