कोर्ट में टिक नहीं पाई पुलिस, 15 क्विंटल गांजे की तस्करी के केस में अंततः अभियोजन फेल-आंचलिक ख़बरें-मनीष गर्ग

Aanchalik Khabre
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15 क्विंटल गांजे की तस्करी के एक बहुचर्चित मामले में अंततः अमरपाटन पुलिस टिक नहीं पाई। एनडीपीएस एक्ट के स्पेशल जज योगिराज पांडेय की अदालत में अभियोजन के फेल हो गया, लिहाजा सबूत के अभाव में आरोपी दोषमुक्त हो गए। यह वही बहुचर्चित मामला है, जिसमें आरोपी बनाए गए आबकारी आरक्षक शैलेन्द्र सिंह की जेल में मौत हो गई थी।
आरक्षक की जेल में हो चुकी है मौत पुलिस पर थे फर्जी फंसाने के आरोप
काम नहीं आए 11 साक्षी, 61 दस्तावेज
परिपादियों के अधिवक्ता अरुण सेन ने बताया कि थाना पुलिस ने 15 मार्च 2010 को ग्राम में ट्रक क्रमांक एमपी 37 एस 7049 से 291 किसी और ट्रक के नीचे पड़ा 495 किलो कार एमपी 19 सीए 1805 से 57 किलो और ट्रैक्टर-ट्रॉली से 655 किलो कुल 1 हजार 496 किलो जत किया था। अमरपाटन पुलिस के बाद सभी आरोपियों के विरूद्ध एनएसए को धारा 20 (बी) (2) (सी), 25 के तहत चार्जशीट पेश की थे। आरोकि आरोपियों ने कार और ट्रक में था। जो में ट्रैक्टर और कार में लोड कर अन्य लोगों की बिक्री के लिए भेजा जा रहा था। पुलिस का मुख्य आरोप यह था कि आरोपियों ने बगान में और तस्करी करना स्वीकार किया है।
अदालत में आरोपियों ने पुलिस द्वारा ही फसाया जा कहा और यह भी कहा कि सुमत सिंह घटना दिनांक को मेडिकल कॉलेज में सामंत सिंह भी था। नरेन्द्र ने कहा और अन्य आरोपियों ने कहा कि उनका नाम देकर प्रकरण में आरोपित किया गया, जबकि वैभव ने बताया कि कार उसकी नहीं है। कार का उपयोग उसके जीजा शैलेन्द्र सिंह करते थे और वाहन आज भी शैलेन्द्र सिंह के घर में है। अदालत ने सम्पूर्ण प्रकरण का सूक्ष्म परिन कर आरोपी रामनरेश जायसवाल, सुमंत सिंह, सामंत सिंह, मनोज सिंह, वैभव हांडा, नरेन्द्र सिंह, उपेन्द्र सिंह को संदेश के लाभ और प्रकरण में अभियोजन सकारात्मक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए जाने पर दोषमुक्त किए जाने का निर्णन है। आरोपियों की ओर से अधिवक्ता अरुण से महेश्वर प्रताप सिंह, देवेन्द्र शर्मा और देव सिंह ने पक्ष रखा।
आरोप निराधार ऐसी कोई बात नहीं

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