राजेंद्र राठौर
बेटियों के प्रति सम्मान का प्रतीक है ढूंढ परंपरा
बेटे या बेटी के जन्म पर ढूंढ परंपरा निभाई जाती है
राजपूत समाज के रविराज राठौर ने बताया राजपूत समाज हमेशा से इतिहास रचता आ रहा है। जहां कहीं वीरांगनाओं ने जन्म लिया बलिदान दिया और अपने समाज ही नहीं वरन पूरे हिंदू राष्ट्र का गौरव मान सम्मान बढ़ाया ऐसी ही वीरांगनाओं के सपूत हम हमारा समाज और अन्य समाज उसका अनुसरण करते हुए आज बेटी बढ़ाओ बेटी पढ़ाओ का अनुसरण करते हुए राजपूत समाज बेटियों को सम्मानित कर रहा है। और अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है ऐसी ही प्रथा ढूंढ की राजपूत समाज में सदियों से चली आ रही है, और पहले भी राजपूत समाज में बेटियों के जन्म पर ढूंढ का कार्यक्रम होता आ रहा है ।
राजपूत समाज झाबुआ के विक्रम सिंह चौहान ने अपनी पोती जन्म पर ढूंढ का कार्यक्रम रखकर राजपूत समाज की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए बेटियों के प्रति सम्मान और गर्व को बढ़ाया है। राजपूत समाज ही नहीं अन्य सभी समाज के लिए आप बधाई के पात्र हैं।
समाज के अध्यक्ष भैरू सिंह सोलंकी ने बताया आज के समय में समाज में बेटा, बेटी को लेकर कोई भेदभाव नहीं है। बेटियों के जन्म पर ढूंढ परंपरा का रिवाज सदियों से चला आ रहा है। समाज के विक्रम सिंह चौहान ने अपनी पोती की ढूंढ का परंपरा का आयोजन रखा जिसमें समाज के वरिष्ठ जन उपस्थित थे। सभी ने बेटी को आशीर्वाद दिया और विक्रम सिंह चौहान को बधाई दी।।