मनोकामना लेकर दूर दूर से पहुंच रहे श्रद्धालु।
चैत्र नवरात्रि की महाअष्टमी को हजारों भक्त चांग माता के दर्शन करने सुबह से मंदिरों में पहुंचने लगे है। जिले के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र में विराजी माँ चांग देवी मंदिर में महाष्टमी की पूजा करने भक्तों का तांता लगा हुआ है। लोगों का मानना है की माता रानी सभी भक्तों की मनोकामना पूरी करती है।
महाष्टमी के दिन बुधवार को माता चांग देवी मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है। भरतपुर विकासखण्ड के चांगभखार के नाम से प्रसिद्ध चांग माता का मंदिर जिसकी महिमा स्थानीय लोगो के द्वारा बताया जाता है की, यह चांग देवी बालंद की कुल देवी है। नवरात्रि में माता के दर्शन करने लोग दूर दूर से आते है, वही माता के मंदिर में ज्वार बोया जाता है, और लोगों के द्वारा मनोकामना ज्योति कलश भी जलाया जाता है। मां दुर्गा अपने नौ रूपों में आती है, और भक्त 9 दिन तक माता रानी के उपासना में लीन होकर पूजा अर्चना करते रहते हैं। नवरात्र में मंदिर के पास भव्य मेले का आयोजन भी किया जाता है, जहाँ दूर दूर से आये श्रद्धालुओं द्वारा मेले का भी आंनद लिया जाता है।
समिति के अजय सिंह ने बताया की बुधवार को रामनवमी की अष्टमी तिथि है। चांगभखार स्टेट की कुलदेवी चांग माता मंदिर में दर्शन करने काफी दूर दूर से भक्त आये है। चांग माता की महिमा अपरंपार है। सबकी मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी है।राम नवमी के अवसर पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है।
भक्तराज सिंह द्वारा बताया गया की माता रानी यहां लगभग 200 साल से विराजमान है। इसके पहले माता रानी खोहरा में विराजमान थी और यह पूर्व में बालंद राजाओं की कुलदेवी थी। चौहान वंश का यहां आना हुआ तो चौहानों से बालंद पराजित हुए उसके बाद माता को वहां से ससम्मान लाकर यहां विराजमान किया गया। श्रद्धालु यहां आते हैं पूजा करते हैं और हर किसी की एक इच्छा जरूर पूरी होती है। यहां बलि भी होती है परंतु 9 दिन समिति के द्वारा यह निर्णय लिया गया है 9 दिन बलि नहीं होगी नवमी के बाद भक्त लोग बलि चढ़ाते हैं।
श्याम लाल बर्मन के द्वारा बताया गया की यहां ज्योति कलश की स्थापना की जाती है। लगभग 300 ज्योति कलश प्रज्वलित है। यहां घी के दीपक सबकी मनोकामना पूरी करती हैं।
उपेंद्र सिंह के द्वारा बताया गया मां चांग देवी का मंदिर बहुत पुराना है। प्राचीन समय से ही यहां भक्तों का तांता लगा रहता है। यहां दोनों नवरात्रि में भीड़ बहुत रहता है। खासकर यहां की आरती जो बहुत ही भव्य होती है। माता जी का भव्य श्रृंगार होता है। अष्टमी और नवमी को बहुत ज्यादा भीड़ होती है। यहां पर विशाल भंडारा का आयोजन किया जाता है। यहां आने वाले भक्तों पर माता जी की कृपा बनी रहती है।
नीलिमा चतुर्वेदी के द्वारा बताया गया की मंदिर के प्रांगण में हम लोग आए हुए हैं। माता चांग मैया विराजमान यह सब की मनोकामना पूर्ण करती हैं। यहां अखंड ज्योति जलती है । यहां भंडारे होते हैं यहां 9 दिन के लिए नवरात्रि में मेला लगता है सभी की मनोकामना पूर्ण होती है मैया चाग भखार की देवी माता चांग मैया के नाम से जानी जाती हैं।