BJP अपना वर्चस्व कायम रखने में असफल

Aanchalik khabre
5 Min Read
BJP राजस्थान
BJP राजस्थान

BJP पार्टी से दूरी निर्दलीय राजेंद्र भाम्बू का बढ़ता कारवां

झुंझुनू। शेखावाटी का झुंझुनू जिला कांग्रेस का गढ़ रहा है फिर भी यहां से BJP ने दो बार जीत का परचम भी लहराया है। कांग्रेस के गढ़ में जीतने के बाद BJP अपना वर्चस्व कायम रखने में स्वयं ही असफल रही है कभी गलत टिकट वितरण तो कभी नामांकन के वक्त टिकट का बदलकर पार्टी सिम्बल दूसरे को थमाना मुख्य कारण रहा है।

आगामी 25 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए भी BJP ने इस बार पूर्व में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी रहे राजेंद्र भाम्बू का टिकट काटकर पिछले चुनाव में भाजपा के बागी बनकर चुनाव लड़े निषित कुमार को टिकट दिया है।

BJP राजस्थान
BJP राजस्थान

पिछले विधानसभा चुनाव में की टिकट पर चुनाव लड़े राजेंद्र भाम्बू को भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव से ठीक पहले उन्हें टिकट दी थी और उन्हें प्रचार करने का समय कम मिला था फिर भी सम्मानजनक वोट हासिल करते हुए 35612 मत लेने में कामयाब रहे थे। जबकि बागी प्रत्याशी निषित कुमार तकरीबन 29 हजार वोट लेने में कामयाब रहे थे। राजनीति के जानकारों का मानना है कि उक्त चुनाव में भाजपा के बागी उम्मीदवार चुनाव मैदान में नहीं होता तो भाजपा कि यह बड़ी जीत में शामिल होती ।

पूर्व भाजपा विधायक मूलसिंह का मिला साथ

aanchalikkhabre.com BJP Dr.MoolSinghSekhawat

ज्यों ज्यों मतदान की तारीख नजदीक आ रही है कांग्रेस भाजपा सहित सभी दलों में समर्थन देने और लेने की प्रदेश में होड़ मची हुई है। वहीं इन सबसे इतर झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र में निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र भाम्बू का कारवां बढ़ता जा रहा है।

सन 1993 में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर जीते कद्दावर कांग्रेस नेता शीशराम ओला के लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने पर हुए उपचुनाव में झुंझुनू विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के डॉ मूलसिंह शेखावत विधायक बने। राजस्थान विधानसभा की स्पीकर रही सुमित्रा सिंह पहले ही निर्दलीय राजेंद्र भाम्बू को अपना समर्थन दे चुकी है।

वहीं अब BJP टिकट पर विधायक बड़े डॉ मूलसिंह शेखावत ने भी निर्दलीय प्रत्याशी भाम्बू को अपना समर्थन दिया है।शेखावत का साथ मिलने से झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र का चुनाव रोचक बन गया है। जो कोई भी करवट ले सकता है अभी मतदान में एक सप्ताह शेष रहा है माना जाता है कि चुनाव में माहौल बनता बिगड़ता रहता है जिसके चलते कहा नहीं जा सकता चुनावी ऊंट किस करवट बैठे।

फिलहाल झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र के मूल भाजपाई कार्यकर्ताओं ने पार्टी से दूरी बनाई हुई है जो वर्तमान में भाजपा के बागी निर्दलीय राजेंद्र भाम्बू के इर्द-गिर्द नजर आते हैं जबकि कुछ मूल भाजपाई खुलकर सामने आ रहे हैं कुछ अंदर खाते भाजपा की ही कब्र खोदने में तल्लीन हैं।

BJP ने 2008 में बदला था टिकट

aanchalikkhabre.com BJP

झुंझुनू जिले से 9 बार विधायक का चुनाव जीत चुकी सुमित्रा सिंह ने झुंझुनू विधानसभा सीट से पहली दफा 2003 में BJP का कमल खिलाया था। सुमित्रा सिंह की जीत के बाद बनी राज्य में भाजपा सरकार में सुमित्रा सिंह पहली महिला विधानसभा अध्यक्ष बनी। BJP द्वारा अगले ही चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर ओम प्रकाश आबूसरिया को अपना उम्मीदवार घोषित किया।

जबकि नामांकन के समय पार्टी ने डॉ मूल सिंह को सिम्बल देखकर BJP प्रत्याशी बनाया। जिसका काफी विरोध विधानसभा के मतदाताओं ने किया लेकिन पार्टी ने प्रत्याशी बदलने के कारण हार का मुंह देखना पड़ा और डॉ मूलसिंह शेखावत 29255 मत ही हासिल कर सके थे।

झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं ने इस बार भी टिकट काटने का काफी विरोध किया लेकिन भाजपा आलाकमान और प्रदेश नेतृत्व टस से मस नहीं हुआ जिसका खामियाजा एक बार फिर BJP को भुगतना पड़ सकता है ऐसा झुंझुनू विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं का मानना है।

 

See Our Social Media Pages

YouTube:@Aanchalikkhabre

Facebook:@Aanchalikkhabre

 

इसे भी पढ़ें – जिले में 22 नवम्बर तक होगा सतरंगी सप्ताह का आयोजन

Share This Article
Leave a Comment