Teacher प्रशिक्षण के समापन समारोह में BRCC नरहरि मिश्रा मुख्य वक्ता के रूप में सम्मिलित हुए
भितरवार। शिक्षा मानव के सर्वांगीण विकास का एक सशक्त माध्यम है। शिक्षा विद्यार्थियों के लिए सिर्फ ज्ञानार्जन का ही साधन नही अपितु यह आर्ट ऑफ लिविंग अर्थात जीने की कला सिखाती है। आज के प्रतिस्पर्धी युग में बच्चों के सर्वागीण विकास पर बाल्य काल पर ही ध्यान देना होगा तभी बेहतर उपलब्धियां प्राप्त कर सकेगी।
Teacher को प्राथमिकता से बच्चों के नैतिक शिक्षा पर बल देना चाहिए। Teacher अपने विद्यार्थियों के लिए रोल मॉडल होता है। अतः बेहतर Teacher निश्चित तौर पर सुसंस्कारित बेहतर नायक तैयार करने में महती भूमिका निभाते हैं Teacher पर देश के भावी कर्णधारों के जीवन को गढ़ने और उनके चरित्र निर्माण करने का महत्वपूर्ण दायित्व होता है। यह बात विकासखंड स्त्रोत समन्वयक नरहरि मिश्रा ने शिशु मंदिर कार्यालय में चल रहे तीसरे चरण के सेवाकालीन शिक्षक प्रशिक्षण समापन कार्यक्रम के दौरान कही।
शिक्षा विभाग द्वारा विकासखंड के अंतर्गत तीसरे चरण में दो बैचों में संचालित शासकीय माध्यमिक शालाओं के शिक्षकों को पांच दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया इस बैच की खास बात की इसमें सिर्फ अतिथि Teacher को शामिल किया गया था, शनिवार को प्रशिक्षण के समापन समारोह में बीआरसीसी नरहरि मिश्रा मुख्य वक्ता के रूप में सम्मिलित हुए। कार्यक्रम मे इस मौके पर मुख्य वक्ता बीआरसीसी नरहरि मिश्रा ने प्रशिक्षार्थीयों को संबोधित करते हुए कहा Teacher अपने अपने विद्यालय में नित नये नवाचार पर अपने विद्यार्थियों को नये अवसर प्रदान करें।
समाज निर्माण में Teacher की भूमिका महत्वपूर्ण होते हैं। क्योंकि विद्यालय समाज के प्रांगण में आते हैं, बच्चे उसी समाज के हिस्से होते हैं अध्यापक बच्चों को अच्छी शिक्षा के साथ-साथ, एक अच्छे नागरिक बनने के लिए प्रेरित करें उन्होंने आदर्श शिक्षक के गुण बताते हुए कहा कि आदर्श Teacher समय का सही सदुपयोग करते हैं। बच्चों के समय की महत्व के बारे में बताते हैं। समय के अनुसार सुनियोजित, योजनाबद्ध तरीके से विषय का पूर्ण ज्ञान कराते हैं।
Teacher, शिक्षा और ज्ञान के जरिये बेहतर इंसान तैयार करते है, जो राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देते है
जिससे बच्चों को अच्छी तरह से अधिगम करा सकें उनके व्यवहार में नम्रता एवं विनम्रता का भाव हो, उनमें सहजता गंभीरता एवं विद्वता झलकता हो , उनकी वाणी ऐसी हो कि बच्चे के मन को जीत ले वैसे तो शिक्षक का पद अत्यंत गरिमा पूर्ण होता है, क्योकिं “जिस प्रकार खेती के लिए बीज, खाद एवं उपकरण के रहते हुए, अगर किसान नहीं हैं, तो सब बेकार है। उसी प्रकार विद्यालय के भवन, शिक्षण सामग्री एवं छात्रों के होते हुए, Teacher नहीं हैं तो सब बेकार है।” Teacher शब्द तीन अक्षरों के मेल सेे बना है लेकिन शिक्षक का अर्थ व्यापक है
शि-सीखाने वाले।
क्ष-क्षमा करने वाले।
क- कामयाबी पर पहुंचाने वाला।
बीआरसी नरहरि मिश्रा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि ‘‘जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सके, मनुष्य बन सकेें, चरित्र का गठन कर सकें और विचारों का सामंजस्य कर सकें, वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है‘‘। Teacher, शिक्षा और ज्ञान के जरिये बेहतर इंसान तैयार करते है, जो राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान देते है।
हमारे देश की संस्कृति और संस्कार Teacher को विशेष सम्मान और स्थान देती है। गुरू शिष्य के जीवन को बदलकर सार्थक बना देता है।इस मौके पर मास्टर ट्रेनर श्रीमती रेखा , श्रीमती मधु पाठक,चंद्रभान यादव, होतम बघेल, महेंद्र राजपूत, प्रमोद जैन, प्रशिक्षण प्रभारी राकेश पिप्पल, सहायक प्रशिक्षण प्रभारी नरेंद्र भार्गव, अनिल मोदी सहित अनेक शिक्षक उपस्थित थे
के के शर्मा, ग्वालियर
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