Delhi AIIMS : जब स्वास्थ्य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर ने नेहरू मंत्रिमंडल के समक्ष एम्स बनाने का विचार रखा तो नेहरू जी ने इसे बनाने से मना कर दिया। नेहरू जी ने तर्क दिया कि हमारे पास अभी ऐसा संस्थान बनाने के लिए धन नहीं है। इसके अलावा और भी महत्वपूर्ण कार्य हैं।
राजकुमारी अमृता कौर ने यह महसूस करने के बाद कि पर्याप्त धन नहीं है, धन जुटाने की जिम्मेदारी संभाली। शाही परिवार उनका वंशज था। उनके पास बहुत सारी संपत्ति थी। सबसे पहले, उन्होंने शिमला में अपनी एक संपत्ति बेच दी। उसके बाद, उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से धन जुटाया, और अंततः दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान का निर्माण हुआ।
हालांकि, दिल्ली का एम्स 2003 तक एकमात्र एम्स ही बना रहा। 2003 में एक अन्य महिला ने एम्स को बड़ा करने का विचार पेश किया। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार की स्वास्थ्य मंत्री सुषमा स्वराज ने उस समय यह सुझाव दिया था कि दिल्ली के एम्स पर पहले से ही बहुत ज़्यादा बोझ है, इसलिए इस पर पड़ने वाले दबाव को कम किया जाए। एम्स तक पहुँचने के लिए लोगों को काफ़ी दूर जाना पड़ता है। क्यों न एम्स को आम लोगों तक पहुँचाया जाए?
सुषमा स्वराज ने सिर्फ AIIMS का विचार ही नहीं दिया, तत्काल एक्शन लिया
सुषमा स्वराज की एक पहल से भारत में ६ नए ाईम्स का निर्माण कार्य शुरू हो गया और कुछ ही समय के अंदर ये सारे ाईम्स बनकर तैयार हो गए और आज ये अपने क्षेत्र के लोगो को बेहतर स्वस्थ सेवा से रहे है | भारत के नागरिको ने सुषमा स्वराज के इस पहल की काफी सराहना की
1-भोपाल
2-भुवनेश्वर,
3-जोधपुर,
4-पटना,
5-रायपुर और
6-ऋषिकेश में
सभी 6 AIIMS आज कार्यरत हैं।
इसके बाद मनमोहन सिंह भारत के प्रधान मंत्री बने और इन्होने ने पुरे कार्यकाल में सिर्फ एकAIIMS की स्थापना सं 2013 में की एकमात्र नये AIIMS की घोषणा की जो रायबरेली में अभी निर्माणाधीन है। फिर सं 2014 में बीजेपी के सरकार आयी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी बने और इन्होने पुरे भारत में १४ नए आई बनने का संकल्प लिया और आज कुछ AIIMS का निर्माण कम्पलीट हो गया और बाकि का कार्य जल्दी पूरा होगा रहा है अगले लगभग तीन सालों में ये सभी 22 AIIMS अपनी सेवाएं देने लगेंगे। AIIMS का अपना एक मानक है और AIIMS निर्माण में भारी भरकम पूंजी निवेश होता है।
अब AIIMS का देशभर में निर्माण स्वास्थ्य मंत्रालय का एक नियमित कार्यक्रम हो गया है । इसलिए आनेवाले समय में कुछ और नये AIIMS की घोषणा और निर्माण हो । लेकिन एम्स जैसी विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा के लिए अगर किसी को असल धन्यवाद दिया जाना चाहिए तो वो सिर्फ दो महिलाएं हैं – राजकुमारी अमृता कौर जिन्होंने ऐसे संस्थान की कल्पना की और सुषमा स्वराज जिन्होंने ऐसे संस्थान को देश भर में स्थापित करने का विचार किया।
इन दोनों देवियों को शत शत नमन जिन्होंने आम जन की चिकित्सा के लिए इतनी दूरगामी सोच से AIIMS को आधार और विस्तार दिया।
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