झांसी में GSTऔर RTO विभाग की बड़ी लापरवाही | रोजाना लाखों की टैक्स चोरी!

News Desk
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झांसी में हर रोज जीएसटी और आरटीओ विभाग से जुड़ी करोड़ों रुपए की राजस्व चोरी की जा रही है। हैरानी की बात यह है कि विभाग को इस पूरे मामले की जानकारी होते हुए भी वह कार्रवाई करने से बचता नजर आता है। ट्रैवल्स कंपनियों की इस गैर-कानूनी गतिविधि के कारण सरकार को बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है।

राज कल्पना, सनी शपथ, सनी सहारा, सहारा और कमला ट्रेवल्स जैसी ट्रैवल्स कंपनियां अवैध रूप से माल परिवहन में शामिल हैं। ये कंपनियां यात्रियों के सामान के साथ व्यापारिक माल भी लाती हैं, जिसका कोई जीएसटी भुगतान नहीं किया जाता।

ये बसें झांसी में इंदौर, दिल्ली और गुजरात जैसे बड़े शहरों से आती हैं, जिनमें भारी मात्रा में सामान छुपाकर लाया जाता है। यात्रियों के लगेज के नाम पर बसों में बड़े पैमाने पर व्यापारिक सामग्री को छिपाकर ले जाया जाता है।

चौंकाने वाली बात यह है कि संबंधित विभागों को इस अवैध माल परिवहन की पूरी जानकारी है। इसके बावजूद, जीएसटी और आरटीओ विभाग ने अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। कई बार इसकी शिकायत भी की गई है, लेकिन हर बार अधिकारियों की ओर से यही जवाब मिलता है कि “समय-समय पर कार्रवाई की जाती है।”

हालांकि, यह समय कब आता है, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। इस बीच, ट्रैवल्स कंपनियां हर रोज लाखों रुपए की चोरी करने में कामयाब हो रही हैं।

झांसी में मौजूद ये ट्रैवल्स कंपनियां यात्रियों की सुविधा के नाम पर अवैध गतिविधियों को अंजाम दे रही हैं। व्यापारिक माल लाकर न केवल सरकारी टैक्स चोरी किया जा रहा है, बल्कि ट्रांसपोर्ट के नियमों की भी धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

कुछ ट्रैवल्स कंपनियां तो विभागीय अधिकारियों को गंभीरता से लेने को भी तैयार नहीं हैं। वे अधिकारियों से अभद्र भाषा में बात करते हैं और नियमों को धता बताते हुए अपनी गतिविधियां बेरोकटोक जारी रखती हैं।

इन बसों में लाए जाने वाले माल की कोई जांच नहीं की जाती, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कहीं न कहीं विभाग भी इस गैर-कानूनी गतिविधि में शामिल है।

यह सवाल उठता है कि जब विभाग को इन गतिविधियों की जानकारी है, तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई? क्या इसमें विभाग की मिलीभगत है, या फिर विभागीय सुस्ती का यह एक और उदाहरण है?

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टैक्स चोरी से सरकारी खजाने को नुकसान

जीएसटी और आरटीओ विभाग को चूना लगाना केवल सरकारी नियमों का उल्लंघन नहीं है, बल्कि सरकारी खजाने को भी भारी नुकसान पहुंचाना है। हर रोज झांसी में लाखों रुपए का माल बिना टैक्स के लाया जाता है, जिससे सरकार को बड़ा आर्थिक घाटा हो रहा है।

अगर इस पर समय रहते सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो यह ट्रेंड और बढ़ सकता है। ट्रैवल्स कंपनियां इस गतिविधि को और बड़े स्तर पर अंजाम दे सकती हैं।

यह सिर्फ एक शहर की समस्या नहीं है, बल्कि यह पूरे राज्य और देश के लिए राजस्व हानि का बड़ा कारण बन सकता है।

झांसी के लोगों में इस विषय को लेकर नाराजगी बढ़ रही है। उन्हें उम्मीद है कि विभाग इस बार गंभीरता से कदम उठाएगा और इन ट्रैवल्स कंपनियों पर सख्त कार्रवाई करेगा।

जनता का कहना है कि यह खबर प्रकाशित होने के बाद विभाग के पास अब कोई बहाना नहीं है। उन्हें तुरंत इस मामले में जांच शुरू करनी चाहिए और दोषियों को सजा देनी चाहिए।

विभाग की यह जिम्मेदारी है कि वह जनता के टैक्स की चोरी को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठाए। यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई, तो यह भ्रष्टाचार का एक बड़ा उदाहरण बन सकता है।

ट्रैवल्स कंपनियों की यह गतिविधि केवल राजस्व हानि तक सीमित नहीं है। यह कानून व्यवस्था के लिए भी एक बड़ा खतरा है। अवैध माल परिवहन कई बार अन्य गैर-कानूनी गतिविधियों को भी बढ़ावा देता है।

इससे यह भी आशंका रहती है कि इन बसों में मादक पदार्थ, नकली सामान या अन्य अवैध वस्तुएं भी लाई जा सकती हैं। यदि इस मामले को समय रहते नहीं रोका गया, तो झांसी एक अवैध व्यापार का बड़ा केंद्र बन सकता है।

अब बड़ा सवाल यह है कि क्या जीएसटी और आरटीओ विभाग इस खबर के बाद अपनी जिम्मेदारी निभाएगा? क्या विभाग इन ट्रैवल्स कंपनियों पर शिकंजा कसेगा, या फिर मौन रहकर इन अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देता रहेगा?

जनता चाहती है कि इस बार विभाग तुरंत एक्शन ले। अधिकारियों को चाहिए कि वे नियमित जांच अभियान चलाएं और दोषी ट्रैवल्स कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें।

सख्त कदम उठाने से ही विभाग अपनी साख बचा सकता है।

यह समय है कि जीएसटी और आरटीओ विभाग अपनी नींद से जागे और जिम्मेदारी को समझे। अगर विभाग ने अब भी इस मामले को हल्के में लिया, तो यह न केवल सरकारी खजाने को भारी नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि जनता का भरोसा भी खो देगा।

अब देखना यह है कि विभाग अपनी छवि बचाने के लिए कितनी जल्दी और कितनी गंभीरता से कार्रवाई करता है।

इसके अलावा, सरकारी अधिकारियों को चाहिए कि वे इस मामले में पारदर्शिता लाएं और समय-समय पर सार्वजनिक रूप से जांच रिपोर्ट पेश करें।

अगर जल्द ही सख्त कदम नहीं उठाए गए, तो इससे अन्य ट्रैवल्स कंपनियों को भी हौसला मिलेगा और वे इसी तरह अवैध गतिविधियों को जारी रखेंगी।

जनता की जागरूकता और मीडिया का दबाव इस मुद्दे को सही दिशा में ले जा सकता है। यह खबर सिर्फ एक रिपोर्ट नहीं है, बल्कि यह सरकार और विभागों के लिए एक चेतावनी भी है कि अब जनता को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता।

सरकारी एजेंसियों की निष्क्रियता अब किसी से छिपी नहीं है, और यदि कार्रवाई में देरी हुई, तो जनता को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। अब देखना यह है कि यह खबर कितना असर डालती है और विभाग क्या कदम उठाता है।

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