झांसी। सीपरी बाजार थाना क्षेत्र शनिवार दोपहर उस वक्त दहल उठा जब मसीहा गंज स्थित नाथ की कोठी के पास एक घर में दिनदहाड़े आशा वर्कर की बेरहमी से हत्या कर दी गई। नकाबपोश बदमाश ने घर में घुसकर महिला पर चाकुओं से ताबड़तोड़ वार किए और खून से सना चाकू लेकर फरार हो गया।
घटना के समय मृतका के मासूम बेटे-बेटी घर के ऊपर कमरे में थे। चीख-पुकार सुनकर आस-पास के लोग इकट्ठा हुए लेकिन तब तक हमलावर भाग चुका था। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची, लहूलुहान महिला को अस्पताल पहुंचाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मृतका का परिचय और परिवार का हाल
मृतक महिला की पहचान 32 वर्षीय ज्योति अहिरवार के रूप में हुई है, जो पेशे से आशा वर्कर थीं। उनका पति लखन अहिरवार मजदूरी करता है। शनिवार की सुबह लखन रोज की तरह काम पर निकल गया था, घर में ज्योति अपने दो बच्चों के साथ थी।
परिवार और पड़ोसियों के अनुसार, ज्योति मिलनसार और मददगार स्वभाव की थीं। स्वास्थ्य सेवाओं के तहत गर्भवती महिलाओं और बच्चों की देखभाल में जुटी रहती थीं। उनकी किसी से दुश्मनी की कोई जानकारी नहीं थी, जिससे हत्या के पीछे का मकसद रहस्यमय बना हुआ है।
दोपहर करीब 1 बजे एक अज्ञात युवक चेहरे पर नकाब लगाए घर में दाखिल हुआ। दरवाजा खुला था क्योंकि ज्योति घर के काम में व्यस्त थीं।
जैसे ही युवक अंदर गया, ज्योति से कुछ कहासुनी हुई और फिर उसने चाकू से ताबड़तोड़ वार शुरू कर दिए। ज्योति बचाव के लिए चीखी लेकिन हमलावर बेरहमी से वार करता रहा। उपर कमरे में मौजूद दोनों बच्चे कुछ समझ पाते, इससे पहले ही हमलावर तेजी से भाग निकला।
बच्चों ने जब नीचे आकर मां को खून से लथपथ देखा तो उनकी चीखें गली में गूंज उठीं। पड़ोसी दौड़े और नजारा देखकर दहल उठे। सूचना मिलते ही पुलिस और परिजन मौके पर पहुंचे।
पुलिस की त्वरित कार्रवाई और जांच का दायरा
घटना की सूचना मिलते ही सीपरी बाजार थाना प्रभारी अपनी टीम के साथ पहुंचे। झांसी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और फॉरेंसिक टीम को बुलाया गया।
परिवारिक विवाद: क्या हत्या घरेलू रंजिश का नतीजा थी?
पुरानी दुश्मनी: ज्योति के कार्यक्षेत्र में किसी से अनबन तो नहीं थी?
लूटपाट से इनकार: शुरुआती जांच में लूट की आशंका खारिज की गई।
पुलिस ने घर के आस-पास लगे CCTV कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है। संदिग्ध युवक की तस्वीरें आसपास के इलाकों में बांटी जा रही हैं।
ज्योति के 10 वर्षीय बेटे और 8 वर्षीय बेटी ने पुलिस को बताया कि युवक दुबला-पतला था और उसने काले रंग के कपड़े पहन रखे थे। हालांकि उसके चेहरे पर नकाब होने से पहचान में मुश्किल आ रही है।
बच्चों के बयान से पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि क्या हमलावर पहले भी कभी घर के आस-पास देखा गया था।
घटना के बाद मसीहा गंज इलाके में दहशत फैल गई है। पड़ोसी सुरेश यादव का कहना है, “दिनदहाड़े इस तरह की वारदात से हम सब सदमे में हैं। ज्योति बेहद नेक इंसान थीं। यह हमला बेहद निंदनीय है।”
इलाके में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है ताकि किसी तरह की अफवाह और तनाव से बचा जा सके।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और प्रशासनिक कार्रवाई
घटना के बाद स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने परिवार से मुलाकात की। विपक्षी दलों ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि महिलाओं की सुरक्षा पर सरकार नाकाम साबित हो रही है।
झांसी के एसएसपी का बयान:
“हत्या के पीछे जो भी होगा, बख्शा नहीं जाएगा। कुछ संदिग्धों से पूछताछ चल रही है। जल्दी ही आरोपी सलाखों के पीछे होगा।”
मौत से पहले के आखिरी पल: ज्योति की बहादुरी
सूत्रों के मुताबिक, हमले के दौरान ज्योति ने हमलावर से मुकाबला किया और उसे धक्का देने की कोशिश की। उनके नाखूनों में खून के अंश मिले हैं, जो जांच में अहम सुराग साबित हो सकते हैं।
आखिरी विदाई में उमड़ा जनसैलाब
रविवार सुबह ज्योति का अंतिम संस्कार किया गया। हजारों की भीड़ ने नम आंखों से विदाई दी। परिवार के प्रति संवेदना जताते हुए कई लोगों ने न्याय की मांग की।
लखन का रो-रोकर बुरा हाल था। वह बार-बार एक ही सवाल पूछता रहा, “मेरी पत्नी ने किसी का क्या बिगाड़ा था?”
झांसी में हुई यह वारदात कई सवाल खड़े करती है:
क्या महिलाएं अपने ही घर में सुरक्षित नहीं?
हत्यारे को सजा दिलाने के लिए प्रशासन कितनी तेजी दिखाएगा?
बच्चों के मासूम दिल पर इस हादसे का क्या असर पड़ेगा?
समाज को इस तरह की घटनाओं पर संवेदनशीलता के साथ कदम उठाने होंगे।
झांसी पुलिस ने जनता से सहयोग की अपील की है। किसी के पास आरोपी के बारे में सूचना हो तो पुलिस को तुरंत सूचित करें।
ज्योति अहिरवार के परिवार को इंसाफ कब मिलेगा? क्या मासूम बच्चों की चीखें प्रशासन की नींद तोड़ पाएंगी? इन सवालों के जवाब आने वाला वक्त देगा।