दिल्ली विधानसभा में नया मोर्चा: विपक्ष की कमान आतिशी के हाथ, सत्र में गरमाएंगे ये मुद्दे!

News Desk
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दिल्ली की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत हो गई है। आम आदमी पार्टी ने रविवार को अपने विधायक दल की बैठक में ऐलान किया कि *दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी अब विधानसभा में विपक्ष की नेता होंगी।* पार्टी मुख्यालय पर हुई इस अहम बैठक में सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से आतिशी के नाम पर मुहर लगाई। इसके साथ ही, यह तय हो गया कि अब दिल्ली विधानसभा में भाजपा सरकार के खिलाफ आम आदमी पार्टी की आवाज़ बुलंद करने की जिम्मेदारी आतिशी के कंधों पर होगी।

इस बैठक में आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी मौजूद थे। उन्होंने आतिशी को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने को पार्टी के लिए “सशक्त विपक्ष की दिशा में महत्वपूर्ण कदम” करार दिया।

“आम आदमी पार्टी हमेशा जनता की आवाज़ रही है और अब विपक्ष में रहकर भी हम उसी जोश और जज़्बे से जनता के मुद्दों को उठाएंगे,” आतिशी ने विधायक दल की बैठक के बाद यह बयान देते हुए भाजपा सरकार को घेरने का संकेत दिया।

दिल्ली विधानसभा सत्र: क्या होगा एजेंडा?

दिल्ली विधानसभा का नया सत्र *24 फरवरी* से शुरू हो रहा है। यह सत्र इसलिए भी अहम होगा क्योंकि पहली बार आम आदमी पार्टी विपक्ष की भूमिका में होगी और भाजपा सरकार का एजेंडा सदन में पेश होगा।

पहला दिन (24 फरवरी) : शपथ और स्पीकर का चुनाव
सत्र की शुरुआत सुबह 11 बजे से होगी। पहले नए विधायकों को शपथ दिलाई जाएगी, उसके बाद दिल्ली विधानसभा के नए स्पीकर का चुनाव होगा। माना जा रहा है कि इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गरमागरम बहस देखने को मिलेगी, क्योंकि आम आदमी पार्टी इस चुनाव में अपनी भूमिका को मजबूत करने की कोशिश करेगी।

दूसरा दिन (25 फरवरी) : उपराज्यपाल का अभिभाषण
दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना सदन में अपना अभिभाषण देंगे। इस अभिभाषण में भाजपा सरकार अपनी प्राथमिकताएं गिनाएगी और आगामी नीतियों की रूपरेखा प्रस्तुत करेगी।

तीसरा दिन (27 फरवरी) : जबरदस्त बहस की तैयारी!
सत्र के तीसरे दिन, यानी 27 फरवरी को, उपराज्यपाल के अभिभाषण पर बहस होगी। इसी दिन मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सदन में सरकार की तरफ से जवाब देंगी। माना जा रहा है कि इसी दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने होंगे।

भाजपा के खिलाफ आम आदमी पार्टी का प्लान
आम आदमी पार्टी विपक्ष में रहते हुए भाजपा सरकार को घेरने की पूरी रणनीति बना चुकी है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, आप के नेता सदन में तीन बड़े मुद्दों पर भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा करने की योजना बना रहे हैं:

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सीएजी रिपोर्ट पर हमला:

आप का दावा है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में वित्तीय अनियमितताएं हुई हैं।
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि हर विभाग में घोटाले हुए हैं और सीएजी की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
पार्टी इस मुद्दे को सदन में जोरशोर से उठाएगी और सरकार से जवाब मांगेगी।

आम आदमी पार्टी सरकार से यह सवाल करेगी कि भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान जो वादे किए थे, उन्हें अब तक पूरा क्यों नहीं किया गया?
विपक्ष भाजपा पर दबाव बनाएगा कि वह अपने घोषणापत्र को लागू करे और जनता से किए गए वादों का हिसाब दे।

दिल्ली की कानून-व्यवस्था पर सवाल:
आम आदमी पार्टी का आरोप है कि दिल्ली में अपराध बढ़ रहे हैं और भाजपा सरकार कानून-व्यवस्था को संभालने में नाकाम रही है।
महिलाओं की सुरक्षा, सड़कों पर बढ़ते अपराध और पुलिस की निष्क्रियता पर विपक्ष सरकार को घेर सकता है।

भाजपा की रणनीति: भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को घेरेगी?
जहां आम आदमी पार्टी भाजपा पर हमले की तैयारी कर रही है, वहीं सत्ता पक्ष भी पूरी तरह तैयार है। भाजपा सरकार सीएजी रिपोर्ट और वित्तीय अनियमितताओं के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को ही कठघरे में खड़ा कर सकती है।

पूर्व आप सरकार के फैसलों पर सवाल:
भाजपा यह तर्क दे सकती है कि आम आदमी पार्टी की पिछली सरकार ने कई नीतिगत फैसले गलत लिए, जिससे दिल्ली को नुकसान हुआ।
खासतौर पर वित्तीय मामलों में अनियमितताओं को लेकर भाजपा तीखा हमला कर सकती है।

घोटालों की चर्चा:
भाजपा सरकार का फोकस इस बात पर होगा कि आप के शासनकाल में कौन-कौन से घोटाले हुए, और किस स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ।
इसका सीधा असर यह होगा कि आम आदमी पार्टी को अपने बचाव में सफाई देनी पड़ेगी, जिससे विपक्षी हमलों की धार कमजोर हो सकती है।

भाजपा नेता आतिशी के खिलाफ व्यक्तिगत हमले कर सकते हैं, जिसमें उनके पिछले फैसलों और कामकाज को निशाना बनाया जा सकता है।
इससे आम आदमी पार्टी को अपने नए नेता प्रतिपक्ष को बचाने की रणनीति पर काम करना पड़ेगा।

सदन के बाहर सियासत: धरना-प्रदर्शन की तैयारी!
सिर्फ विधानसभा के अंदर ही नहीं, बल्कि बाहर भी आम आदमी पार्टी भाजपा सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश करेगी।

धरना-प्रदर्शन की योजना:
पार्टी के वरिष्ठ नेता सदन के बाहर जनता के मुद्दों को लेकर विरोध-प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं।
सरकार पर दबाव बनाने के लिए आम आदमी पार्टी सड़कों पर प्रदर्शन कर सकती है।

सोशल मीडिया पर BJP के खिलाफ प्रचार:
आम आदमी पार्टी भाजपा सरकार के फैसलों को सोशल मीडिया पर जोरशोर से घेरने की तैयारी कर रही है।
पार्टी डिजिटल कैंपेन के जरिए भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था और महंगाई जैसे मुद्दों को हाईलाइट करेगी।

आम आदमी पार्टी दिल्ली के लोगों से सीधा संवाद करने के लिए सभाओं और रैलियों का आयोजन कर सकती है।
पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को दिल्ली के हर विधानसभा क्षेत्र में भेजकर भाजपा सरकार की विफलताओं को उजागर करने की योजना बना रही है।

आतिशी को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या आम आदमी पार्टी विपक्ष में रहकर सरकार को घेरने में सफल होती है, या फिर भाजपा सरकार उनकी रणनीतियों को ध्वस्त कर देती है।

सवाल यह भी है कि क्या भाजपा आम आदमी पार्टी के आरोपों का ठोस जवाब दे पाएगी, या फिर सदन में बहस हंगामे में बदल जाएगी?

जो भी हो, इतना तय है कि दिल्ली विधानसभा का यह सत्र राजनीतिक सरगर्मियों से भरपूर होगा और दिल्ली की जनता को बड़े राजनीतिक नाटक का गवाह बनने का मौका मिलेगा

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