कटनी: नल जल योजना में ठेकेदारों की लापरवाही, तीन साल से सूखे नल
हर घर नल, हर घर जल योजना फेल! ग्रामीणों को पानी के लिए रोज़ 1 किलोमीटर का सफर
गर्मी में बढ़ी जलसंकट की मार, महिलाएँ सिर पर मटकी रखकर ला रहीं पानी
तीन साल, कई शिकायतें, फिर भी नहीं जागा प्रशासन!
नल जल योजना में घोर लापरवाही, सरकारी खजाने से खर्च हुए करोड़ों लेकिन पानी नहीं
ग्रामीणों का प्रशासन पर फूटा गुस्सा, एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
सिर्फ कागज़ों में बह रही नल जल योजना, हकीकत में सूखे पड़े नल
कटनी: नल जल योजना में ठेकेदारों की लापरवाही, तीन साल से प्यासे ग्रामीण
महिलाओं को हर दिन 1 किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा, गर्मी में बढ़ी मुश्किलें
कटनी, ढीमरखेड़ा: मध्य प्रदेश सरकार की हर घर नल, हर घर जल योजना का उद्देश्य था कि हर गांव में नल के माध्यम से स्वच्छ पानी उपलब्ध हो। लेकिन कटनी जिले के ढीमरखेड़ा जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांवों में यह योजना ठेकेदारों की लापरवाही के चलते पूरी तरह विफल होती नजर आ रही है।
गांव की महिलाएँ हर दिन लंबी दूरी तय कर पानी लाने को मजबूर हैं। वे उम्मीद से सरकार की ओर देख रही हैं, लेकिन अब तक उनकी परेशानी का कोई समाधान नहीं निकला। तीन साल बीत चुके हैं, लेकिन नल से पानी की एक बूंद भी नहीं टपकी।
तीन साल से नहीं बहा नलों से पानी, महिलाएँ त्रस्त
गांव की महिलाओं ने बताया कि उन्हें करीब 1 किलोमीटर दूर जाकर पानी लाना पड़ता है। खासतौर पर गर्मी के मौसम में यह परेशानी दोगुनी हो जाती है। जब सूरज की तपिश बढ़ती है, तब गांव की महिलाएँ और बच्चे सिर पर मटकी रखकर दूर के कुएँ या हैंडपंप से पानी लाने को मजबूर होते हैं।
ग्रामीण महिलाओं ने कहा, “हमारी पीढ़ियाँ बीत जाएँगी, लेकिन सरकार के नल से पानी नहीं आएगा। तीन साल हो गए, लेकिन अभी तक सिर्फ वादे किए जा रहे हैं।”
गर्मियों में हालात और भी बदतर हो जाते हैं। जलसंकट की वजह से मवेशियों को पानी मिलना मुश्किल हो जाता है, और कई बार तो परिवारों को अपने घरों में पर्याप्त पानी जमा करने के लिए दिनभर मशक्कत करनी पड़ती है।
शिकायतें हुईं दर्ज, लेकिन नतीजा शून्य
गांव के लोग इस समस्या को लेकर 181 हेल्पलाइन, जनपद पंचायत और जिले के उच्च अधिकारियों तक गुहार लगा चुके हैं। हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिलता है, लेकिन जमीन पर कोई कार्रवाई नहीं होती।
समाजसेवी दीपू बैरागी ने इस मामले को कई बार उठाया। उन्होंने जनपद से लेकर जिले तक के प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की, लेकिन ठेकेदारों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
“हम बार-बार जनपद कार्यालय गए, लेकिन अधिकारी कभी मौके पर नहीं मिले,” ग्रामीणों का कहना है।
समीक्षा बैठक में उठा मामला, लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात
गांव वालों की शिकायतों के बावजूद नल जल योजना में कोई सुधार नहीं हुआ। प्रशासन ने समीक्षा बैठक में भी इस मुद्दे को रखा, लेकिन किसी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। ठेकेदार अब भी लापरवाही कर रहे हैं, और सरकारी खजाने से लाखों-करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद लोगों को पानी नहीं मिल रहा।
ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन, बोले- “अब बर्दाश्त नहीं करेंगे”
नल जल योजना की इस लापरवाही से परेशान होकर ग्रामीणों ने एसडीएम के नाम ज्ञापन सौंपा है और जल्द से जल्द समाधान की माँग की है।
गांव की महिलाओं का कहना है कि अगर जल्द ही ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई और पानी की व्यवस्था नहीं की गई, तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएँगी।
आरआई का बयान- “जल्द भेजा जाएगा पत्र”
इस मामले में आरआई मोहनलाल साहू ने बताया कि मुरवारी गांव के ग्रामीणों ने नल जल योजना में लापरवाही को लेकर ज्ञापन सौंपा है। इस संबंध में जल संसाधन विभाग (पीएचई) के एसडीओ को पत्र लिखा जाएगा।
गांव की महिलाओं की बेबसी, सरकार की उदासीनता
गांव की महिलाएँ उर्मिला चौधरी, शकुन चौधरी, शीतला चौधरी, आरती चौधरी सहित कई ग्रामीण हर रोज़ पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उनके अनुसार, “सरकार ने हमें सिर्फ सपने दिखाए, लेकिन हकीकत में हमें आज भी पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।”
यह कहानी सिर्फ मुरवारी गांव की नहीं है, बल्कि पूरे प्रदेश में कई ऐसे गांव हैं जहाँ नल जल योजना सिर्फ कागज़ों पर चल रही है।
अब सवाल यह है कि कब जागेगा प्रशासन?
– क्या प्रशासन ठेकेदारों की लापरवाही पर कार्रवाई करेगा?
– क्या तीन सालों से प्यासे ग्रामीणों को अब पानी नसीब होगा?
– क्या सरकार की “हर घर नल, हर घर जल” योजना सिर्फ एक दिखावा बनकर रह जाएगी?
ये सवाल सिर्फ कटनी के ढीमरखेड़ा पंचायत के नहीं हैं, बल्कि उन लाखों ग्रामीणों के हैं, जो आज भी सरकारी वादों के सूखे में जीने को मजबूर हैं।
अब देखना यह होगा कि यह खबर प्रशासन को झकझोरती है या फिर यह मामला भी किसी फाइल में दबकर रह जाएगा।