बिजौली के डंपिंग यार्ड में लगी भीषण आग ने पूरे इलाके को जहरीले धुएं और दुर्गंध से भर दिया। इस हादसे के बाद स्थानीय लोगों में आक्रोश फैल गया है। बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों के लिए यह धुआं जानलेवा साबित हो रहा है। सांस लेने में तकलीफ, खांसी, आंखों में जलन जैसी समस्याएं तेजी से फैल रही हैं। इस बीच, नगर निगम की घोर लापरवाही को लेकर जनता में भारी रोष देखने को मिल रहा है।
इस गंभीर स्थिति की जानकारी मिलते ही पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य तुरंत मौके पर पहुंचे और नगर निगम प्रशासन को जमकर घेरा। उन्होंने इस घटना को महज एक हादसा मानने से इनकार करते हुए इसे “सुनियोजित लापरवाही” करार दिया।
नगर निगम पर गंभीर आरोप, साजिश की आशंका
“यह आग प्राकृतिक नहीं है। नगर निगम के भ्रष्टाचार और लापरवाही का नतीजा है। ठेकेदारों और नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से यह हादसा हुआ है। खुले में कचरा जलाने की अनुमति किसने दी? इससे निकलने वाले जहरीले धुएं से लोगों की जान खतरे में पड़ रही है। दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज होनी चाहिए। अगर कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो हम आंदोलन करेंगे।”
स्थानीय लोगों का भी कहना है कि यह आग अपने आप नहीं लगी, बल्कि इसे जानबूझकर जलाया गया है। इस डंपिंग यार्ड में लगातार अव्यवस्थित ढंग से कचरा फेंका जाता है और सफाई की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। आग लगने के बाद भी नगर निगम के अधिकारी मौके से नदारद रहे।
प्रदूषण का कहर: लोगों की सेहत पर संकट
इस आग से निकलने वाला धुआं हवा में घुलकर जहरीला साबित हो रहा है। स्थानीय लोगों में गंभीर बीमारियां फैल रही हैं। बच्चों और बुजुर्गों में खांसी, सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और अस्थमा जैसी बीमारियां देखी जा रही हैं।
“रातभर धुएं के कारण सांस लेना मुश्किल हो गया था। हमारे छोटे बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही है, लेकिन नगर निगम को कोई परवाह नहीं।”
गंदे पानी की आपूर्ति से बढ़ी समस्या
बिजौली में पीने के पानी की समस्या भी विकराल होती जा रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नलों में गंदा और बदबूदार पानी आ रहा है, जिससे पेट संबंधी बीमारियां फैल रही हैं। डायरिया, उल्टी, पेट दर्द जैसी समस्याएं बढ़ गई हैं।
इस मुद्दे को उठाते हुए प्रदीप जैन आदित्य ने कहा,
“नगर निगम की लापरवाही सिर्फ कचरे और आग तक सीमित नहीं है। लोग गंदा पानी पीने को मजबूर हैं। यह प्रशासन की नाकामी है। अगर जल्द ही स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था नहीं की गई, तो हम बड़ा जन आंदोलन छेड़ेंगे।”
NGT के आदेशों की खुली अवहेलना
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने डंपिंग यार्ड में कचरा जलाने पर सख्त प्रतिबंध लगाया हुआ है। इसके बावजूद नगर निगम प्रशासन ने इस नियम की धज्जियां उड़ा दीं। NGT ने साफ कहा था कि डंपिंग यार्ड को वैज्ञानिक तरीके से संचालित किया जाए और कचरा जलाने पर पूरी तरह रोक लगाई जाए। लेकिन नगर निगम ने इन आदेशों को नजरअंदाज कर दिया।
प्रदीप जैन आदित्य ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा,
“यह सिर्फ प्रशासनिक असफलता नहीं, बल्कि जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ है। अगर नगर निगम के अधिकारी NGT के आदेशों की अनदेखी कर रहे हैं, तो यह साफ है कि उन्हें जनता की सेहत की कोई परवाह नहीं है।”
FIR दर्ज कराने की मांग से गरमाई राजनीति
नगर निगम प्रशासन पर FIR दर्ज कराने की मांग के बाद राजनीति भी गर्मा गई है। मौके पर पहुंचे अपर नगर आयुक्त मोहम्मद कमर ने कहा,
“हम मामले की जांच कर रहे हैं। जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और FIR दर्ज कराई जाएगी।”
हालांकि, स्थानीय लोगों का कहना है कि सिर्फ जांच का आश्वासन काफी नहीं है। उन्हें तत्काल कार्रवाई चाहिए।
प्रदर्शन और आंदोलन की चेतावनी
प्रदीप जैन आदित्य ने साफ कहा कि अगर नगर निगम जल्द ही इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं करता, तो जनता को साथ लेकर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा,
“अगर दोषियों के खिलाफ FIR दर्ज नहीं हुई, तो हम नगर निगम के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे। जनता अब जाग चुकी है और नगर निगम को जवाब देना होगा।”
जनता का सवाल: कब मिलेगा न्याय?
यह घटना नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करती है। क्या नगर निगम दोषियों पर सख्त कार्रवाई करेगा या यह मामला भी फाइलों में दबकर रह जाएगा? स्थानीय लोग जानना चाहते हैं कि उनकी सेहत और जीवन के साथ खिलवाड़ करने वालों को कब सजा मिलेगी?
नगर निगम पर पहले भी कई बार भ्रष्टाचार और लापरवाही के आरोप लग चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस बार जनता और स्थानीय नेता दोनों ही इस मुद्दे को लेकर आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं।
अब देखना यह होगा कि क्या नगर निगम इस बार अपनी जिम्मेदारी निभाएगा या फिर झांसी की जनता को एक और प्रशासनिक असफलता का सामना करना पड़ेगा?