नवी मुंबई, 13 अगस्त 2025
जीवन के अंतिम पलों में भी एक साहसिक निर्णय कई लोगों के लिए नई उम्मीद का स्रोत बन सकता है। विश्व अंगदान दिवस के अवसर पर, अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई (AHNM) उन नायकों को सलाम करता है, जिनके अंगदान ने मरीजों को दूसरा जीवन दिया। यह अस्पताल प्रत्यारोपण चिकित्सा के क्षेत्र में पश्चिमी भारत का अग्रणी केंद्र बनकर उभरा है, जहाँ उन्नत सर्जिकल तकनीक, विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम और समर्पित देखभाल ने 660 से अधिक प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक किए हैं।
अंगदान: एक जीवनदायी उपहार
2017 से अब तक, अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई ने 408 किडनी, 229 लिवर, 11 हृदय और 13 कॉर्निया प्रत्यारोपण करके न केवल चिकित्सा इतिहास रचा है, बल्कि यह भी साबित किया है कि एक व्यक्ति का निर्णय आठ लोगों को नया जीवन दे सकता है। यह सफलता अस्पताल की बहु-विषयक टीम के अथक प्रयास और रोगियों के प्रति समर्पण का परिणाम है।

भारत में अंगदान: चुनौतियाँ और अवसर
राष्ट्रीय अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) के अनुसार, भारत में हर साल हजारों मरीज अंग प्रत्यारोपण की प्रतीक्षा सूची में होते हैं, लेकिन दानदाताओं की कमी के कारण कई की मौत हो जाती है। महाराष्ट्र ने सरकारी पहल, अस्पतालों के अभियान और जागरूकता बढ़ाने के प्रयासों से इस दिशा में सराहनीय प्रगति की है, लेकिन अभी भी एक बड़ा अंतर बना हुआ है।

महिलाएँ: अंगदान में अग्रणी
अध्ययनों से पता चलता है कि महिलाएँ अक्सर परिवार और समाज के लिए अंगदान का निर्णय लेने में आगे रहती हैं। यह न केवल उनकी सहानुभूति, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को भी दर्शाता है।
“एक हाँ से आठ जीवन” – अपोलो का मिशन
अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई ने अंगदान जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए कई पहलें शुरू की हैं:
ऑफलाइन अभियान: मॉल्स में जागरूकता कार्यक्रम और नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर।
डिजिटल पहुँच: सोशल मीडिया के माध्यम से 5 लाख से अधिक लोगों तक पहुँचकर मिथकों को दूर करना।
रोगी सम्मेलन: 8 अगस्त को आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में दाताओं, प्राप्तकर्ताओं और डॉक्टरों को एक मंच पर लाया गया।
विशेषज्ञों की राय
डॉ. अमोलकुमार पाटील (सीनियर कंसल्टेंट, यूरोलॉजी एवं किडनी ट्रांसप्लांट) के अनुसार, “किडनी प्रत्यारोपण सिर्फ एक ऑपरेशन नहीं, बल्कि एक नई ज़िंदगी की शुरुआत है। हमारे मरीज डायलिसिस की पीड़ा से मुक्त होकर सामान्य जीवन जी पाते हैं, और यही हमारी सबसे बड़ी सफलता है।”
डॉ. अश्वथी हरिदास (सीनियर कंसल्टेंट, नेफ्रोलॉजी) ने बताया, “अंगदान न केवल शारीरिक स्वास्थ्य, बल्कि मानसिक और आर्थिक बोझ से भी मुक्ति दिलाता है। एक सफल प्रत्यारोपण के बाद मरीजों में आत्मविश्वास और स्वतंत्रता लौट आती है।”
आप भी बन सकते हैं जीवनदाता
अंगदान की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी है। एक छोटी सी सहमति कई परिवारों के चेहरे पर मुस्कान ला सकती है। यदि आप अंगदान करने का संकल्प लेना चाहते हैं, तो अपोलो हॉस्पिटल्स नवी मुंबई की वेबसाइट पर जाकर या नजदीकी केंद्र पर संपर्क करके जानकारी प्राप्त करें।
“दान करें, जीवन बचाएँ – क्योंकि आपकी एक हाँ किसी की पूरी दुनिया बदल सकती है!”