कभी-कभी क्रिकेट में कुछ ऐसा होता है जो उम्मीदों से परे होता है। एक ऐसा नाम सामने आता है जो न उम्र देखता है, न अनुभव बस बल्ला बोलता है। ऐसा ही एक नाम इन दिनों चर्चा में है वैभव सूर्यवंशी। सिर्फ 14 साल का ये लड़का आज हर क्रिकेट प्रेमी की जुबान पर है, और इसकी वजह है पूर्व भारतीय कप्तान कृष्णमाचारी श्रीकांत का बयान।
श्रीकांत बोले - “उसे इंतजार मत करवाओ”
श्रीकांत ने बिना किसी झिझक के कहा कि वैभव को एशिया कप 2025 के लिए भारतीय टीम में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “उसे ये मत कहिए कि पहले परिपक्व हो जाए। वह पहले से ही मैच्योर खेल दिखा रहा है। उसकी शॉट मेकिंग अलग ही स्तर की है। मैं होता तो उसे टीम में ले लेता।”
इस बयान ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है।

कौन है वैभव सूर्यवंशी?
अगर आपने इस IPL सीजन को देखा है, तो आपने जरूर इस नाम को सुना होगा। राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए इस किशोर ने सिर्फ 7 मैचों में 252 रन बनाए, और वो भी 200+ के स्ट्राइक रेट के साथ। सबसे बड़ी बात? गुजरात टाइटंस के खिलाफ 35 गेंदों में शतक ठोक डाला। ये आईपीएल इतिहास का दूसरा सबसे तेज शतक है।
और ये सब एक ऐसे खिलाड़ी ने किया है जिसकी उम्र अभी स्कूल जाने की है।
सिर्फ IPL नहीं, विदेश में भी दिखाया दम
IPL कोई तुक्का नहीं था। इंग्लैंड दौरे पर वैभव ने अंडर-19 टीम के खिलाफ भी शानदार शतक जड़ा। ये दिखाता है कि वह सिर्फ घरेलू मैदान पर नहीं, बाहर भी टिक सकता है। जो खिलाड़ी अलग-अलग परिस्थितियों में खुद को ढाल सके, वो टीम इंडिया के लिए बड़ा हथियार बन सकता है।
क्या कहते हैं श्रीकांत?
श्रीकांत का मानना है कि अब समय आ गया है कि भारत टीम को नई दिशा दी जाए। वे कहते हैं, “भारत को अब डर के साथ नहीं, निडर होकर खेलना होगा। हमें ऐसे खिलाड़ियों की जरूरत है जो मौके को अपने अंदाज में भुनाएं। वैभव वैसा ही खिलाड़ी है।”
उन्होंने आगे कहा कि टी20 वर्ल्ड कप की तैयारी अभी से करनी चाहिए, और ऐसे युवा खिलाड़ियों को टीम में लाना, उस दिशा में पहला कदम है।
चयनकर्ताओं के लिए चुनौती
वैभव के साथ असली लड़ाई अब चयनकर्ताओं के दिमाग में है। 19 अगस्त को भारतीय टीम की घोषणा होनी है। टॉप ऑर्डर में पहले से ही भीड़ है,शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, साई सुदर्शन, अभिषेक शर्मा जैसे नाम पहले से कतार में हैं।
ऐसे में 14 साल के लड़के को शामिल करना क्या जल्दबाज़ी होगी या दूरदृष्टि
क्या उम्र वाकई मायने रखती है?
बहस यही है,क्या उम्र चयन का मापदंड होनी चाहिए?
क्रिकेट के इतिहास में ऐसे कई उदाहरण हैं जब युवाओं ने कम उम्र में ही बड़ा असर डाला है, सचिन तेंदुलकर, हसन रज़ा, शाहिद अफरीदी जैसे नाम इसकी मिसाल हैं। अगर खिलाड़ी में दम है, मानसिक स्थिरता है, तो उम्र एक संख्या भर रह जाती है।
श्रीकांत की और क्या राय है?
वैभव के अलावा श्रीकांत ने यशस्वी जायसवाल, साई सुदर्शन और अभिषेक शर्मा को भी टीम में शामिल करने की सिफारिश की है। लेकिन उन्होंने संजू सैमसन पर थोड़ा संदेह जताया। उनका मानना है कि अभिषेक सलामी बल्लेबाज के रूप में उनकी पहली पसंद हैं, और वैभव या साई को साथ में लिया जाना चाहिए
सोशल मीडिया पर क्या माहौल है?
सोशल मीडिया पर भी वैभव की चर्चा जोरों पर है। कुछ लोग कह रहे हैं कि ये सही समय है युवा खिलाड़ियों को मौका देने का, वहीं कुछ लोग अभी इंतजार की सलाह दे रहे हैं।
ट्विटर पर एक यूज़र ने लिखा: “14 साल में अगर कोई 35 गेंदों में IPL शतक मारता है, तो उसे टीम में शामिल करना रिस्क नहीं, इन्वेस्टमेंट है।”
BCCI क्या सोच रहा है?
अब निगाहें BCCI और अजीत अगरकर की अगुआई वाली चयन समिति पर हैं। टीम के चयन से पहले बल्लेबाजों को लेकर स्थिति काफी दिलचस्प बनी हुई है।
क्या चयनकर्ता परंपरागत सोच को तोड़कर 14 साल के खिलाड़ी पर दांव लगाएंगे?
या फिर “थोड़ा और समय लगेगा” वाली सोच जारी रहेगी?
क्रिकेट की भाषा उम्र नहीं, प्रदर्शन समझती है
वैभव सूर्यवंशी एक प्रतीक बन सकता है उस सोच का जो कहती है कि अगर आप अच्छा कर रहे हैं, तो उम्र मायने नहीं रखती। श्रीकांत जैसे अनुभवी क्रिकेटर का समर्थन इस बात का संकेत है कि शायद समय बदल रहा है।
अब देखना होगा कि क्या चयनकर्ता भी इस बदलाव की बयार में साथ देते हैं या फिर एक और युवा प्रतिभा को “अभी नहीं” कहकर रोक दिया जाएगा।
जो भी हो, इतना तो तय है वैभव सूर्यवंशी अब केवल नाम नहीं, उम्मीद बन चुका है।