पूर्ण चंद्रग्रहण 2025: भाद्रपद पूर्णिमा पर दिखा ब्लड मून, जानें धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व

Aanchalik Khabre
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पूर्ण चंद्रग्रहण 2025

पूर्ण चंद्रग्रहण 2025: आस्था और विज्ञान का संगम

रविवार की रात आसमान पर एक अद्भुत नज़ारा देखने को मिला। पूर्ण चंद्रग्रहण 2025 ने पूरे देश को अपनी ओर आकर्षित किया। जब चांद पृथ्वी की छाया में समा गया और लालिमा से ढंका नजर आया, तो लोग इसे ब्लड मून कहकर देखने लगे।

कुछ लोगों ने इसे केवल एक खगोलीय घटना माना, तो कुछ ने इसे एक आध्यात्मिक अनुभव समझकर पूजा-पाठ और भजन-कीर्तन में समय बिताया।


चंद्रग्रहण का वैज्ञानिक कारण

वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है, तो उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इसी वजह से चांद लालिमा लिए नजर आता है, जिसे ब्लड मून कहा जाता है।

विशेषज्ञों के मुताबिक:

  • ग्रहण पूरी तरह से खगोलीय प्रक्रिया है।

  • इसका किसी भी प्रकार के धार्मिक दोष से कोई संबंध नहीं है।

  • इस ग्रहण की अवधि लगभग 3.5 घंटे रही।


ज्योतिष और चंद्रग्रहण 2025

ज्योतिषाचार्यों ने इस घटना को बेहद महत्वपूर्ण बताया। उनका मानना है कि यह ग्रहण 122 साल बाद भाद्रपद पूर्णिमा पर पड़ा है और इसका प्रभाव अगले 15 दिन तक रहेगा।

  • शुरुआती 48 घंटे विशेष रूप से महत्वपूर्ण बताए गए।

  • इस दौरान प्राकृतिक आपदाओं, सामाजिक-राजनीतिक उथल-पुथल की संभावना जताई गई।

  • शनि और गुरु की स्थिति विश्व स्तर पर बदलाव का संकेत दे सकती है।


चंद्रग्रहण 2025 का राशियों पर प्रभाव

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, यह ग्रहण सभी राशियों पर समान प्रभाव नहीं डालता।

  • शुभ प्रभाव – कुछ राशि वालों के लिए करियर, धन और रिश्तों में सकारात्मक बदलाव की संभावना।

  • सावधानी की जरूरत – अन्य राशियों को चुनौतियों और संघर्ष का सामना करना पड़ सकता है।

इस वजह से लोगों ने ग्रहण के समय धार्मिक परंपराओं का पालन किया और विशेष पूजा-अर्चना की।


धार्मिक मान्यताएं और परंपराएं

भारतीय समाज में चंद्रग्रहण केवल खगोलीय घटना नहीं, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी खास महत्व रखता है।

  • ग्रहण के दौरान मंदिरों के पट बंद कर दिए गए।

  • श्रद्धालु घरों में भजन-कीर्तन और मंत्रोच्चारण में लीन रहे।

  • ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान-दान और शुद्धिकरण की परंपरा निभाई गई।

यह परंपराएं इस बात को दर्शाती हैं कि आस्था और विज्ञान दोनों भारतीय संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलू हैं।


ब्लड मून 2025: लोगों के अनुभव

ग्रहण के दौरान देशभर में लोग टीवी और मोबाइल पर लाइव अपडेट देखते रहे।

  • वैज्ञानिक इसे खगोलीय घटना बता रहे थे।

  • ज्योतिषाचार्य इसे पितृपक्ष पर असर डालने वाला संयोग मान रहे थे।

  • आम लोग इस घटना को अपने-अपने विश्वास और दृष्टिकोण से अनुभव कर रहे थे।

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