उपराष्ट्रपति चुनाव 2025: मतदान 96% पूरा, NDA प्रत्याशी को जीत की ओर बढ़त

Aanchalik Khabre
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Vice president election

भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के चुनाव में सोमवार को संसद भवन में जोरदार मतदान हुआ। लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों ने गुप्त मतपत्र के जरिए वोट डाले। चुनाव आयोग के मुताबिक, मतदान का प्रतिशत लगभग 96% रहा, जो हालिया वर्षों में सबसे ज्यादा है। अब सभी की निगाहें मतगणना पर टिकी हैं, जो शाम 6 बजे से शुरू हुई है।


मतदान प्रक्रिया

  • चुनाव सुबह 10 बजे आरंभ हुआ और शाम 5 बजे तक चला।

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत तमाम वरिष्ठ नेताओं ने मतदान किया।

  • इस बार भी गुप्त मतदान प्रणाली अपनाई गई, ताकि सांसद अपनी पसंद स्वतंत्र रूप से व्यक्त कर सकें।

  • 3 बजे तक ही 96% सांसद वोट डाल चुके थे, जिससे मतदान का उत्साह स्पष्ट झलक रहा था।


उम्मीदवार कौन हैं?

  1. NDA उम्मीदवार – सी. पी. राधाकृष्णन

    • वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं।

    • लंबे समय तक भाजपा से जुड़े रहे और संगठनात्मक कामकाज में अनुभव रखते हैं।

  2. INDIA ब्लॉक उम्मीदवार – जस्टिस बी. सुदर्शन रेड्डी

    • सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश।

    • विपक्ष ने उन्हें संविधान व लोकतांत्रिक संस्थाओं की रक्षा के प्रतीक के तौर पर उतारा है।


राजनीतिक समीकरण

  • संसद में NDA और सहयोगी दलों का संख्यात्मक पलड़ा भारी है, इसलिए चुनावी नतीजे पहले से ही काफी हद तक स्पष्ट माने जा रहे हैं।

  • विपक्ष ने एकता दिखाने की कोशिश जरूर की, लेकिन क्षेत्रीय दलों—जैसे BRS, BJD और अकाली दल—ने मतदान से दूरी बना ली, जिससे INDIA गठबंधन की मजबूती पर सवाल खड़े हुए।

  • भाजपा को कई निर्दलीय और छोटे दलों का भी समर्थन हासिल है।


मतगणना और नतीजे

  • वोटों की गिनती शाम 6 बजे से शुरू हुई।

  • निर्वाचन अधिकारियों के अनुसार, नतीजे देर शाम तक सामने आ सकते हैं।

  • शुरुआती रुझानों में NDA के उम्मीदवार को स्पष्ट बढ़त मिलती दिख रही है।


उपराष्ट्रपति पद का महत्व

  • उपराष्ट्रपति देश का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है।

  • वे राज्यसभा के सभापति भी होते हैं और सदन की कार्यवाही को संचालन करते हैं।

  • राष्ट्रपति की अनुपस्थिति या पद रिक्त होने की स्थिति में कार्यवाहक राष्ट्रपति की जिम्मेदारी भी उन्हीं पर आती है।


क्या संदेश देता है यह चुनाव?

यह चुनाव सिर्फ एक संवैधानिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि देश की राजनीति का आईना भी है।

  • NDA की मजबूती: यदि राधाकृष्णन जीतते हैं, तो यह भाजपा और सहयोगी दलों के बीच एकजुटता को दर्शाएगा।

  • विपक्ष की चुनौतियां: INDIA ब्लॉक के लिए यह चुनाव एक परीक्षा थी, लेकिन अंदरूनी मतभेद और क्षेत्रीय दलों की दूरी ने विपक्ष की एकता पर सवाल खड़े किए हैं।

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