कार्यालय संवाददाता / आंचलिक खबरें
धुलागढ़ (हावड़ा):
एशियन इंटरनेशनल स्कूल, धुलागढ़ के दो प्रतिभाशाली छात्र-छात्राएं — देवांगी प्रतिहार और स्वप्निल बनर्जी — ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सच्ची लगन, कड़ी मेहनत और सही मार्गदर्शन से किसी भी ऊंचाई को छूना संभव है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आयोजित सीबीएसई फॉर ईस्ट ज़ोन चैंपियनशिप 2025 में भाग लेकर इन दोनों विद्यार्थियों ने न केवल अपने विद्यालय का नाम रोशन किया, बल्कि समूचे हावड़ा ज़िले का गौरव भी बढ़ाया।
इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप का आयोजन केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) द्वारा किया गया, जिसमें देश के पूर्वी क्षेत्रों के कई नामी गिरामी विद्यालयों के छात्रों ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता का स्तर अत्यंत उच्च था और मुकाबले अत्यंत रोमांचक, लेकिन एशियन इंटरनेशनल स्कूल के इन दोनों होनहारों ने अपनी प्रतिबद्धता और समर्पण से हर चुनौती का डटकर सामना किया।
प्रतियोगिता से पहले हुआ था विशेष प्रशिक्षण
प्रतियोगिता से पूर्व, कोच बिपिन मिश्रा के नेतृत्व में देवांगी और स्वप्निल को कठोर प्रशिक्षण से गुजरना पड़ा। कोच ने बताया कि “इन दोनों ने न केवल शारीरिक अभ्यास में खुद को झोंक दिया, बल्कि मानसिक रूप से भी खुद को तैयार किया। सुबह-शाम के अभ्यास सत्र, तकनीकी सुधार, आहार नियंत्रण और मानसिक दृढ़ता पर विशेष ध्यान दिया गया। ये सभी कारक मिलकर इनकी सफलता का आधार बने।”
खेल कौशल के साथ-साथ खेल भावना भी रही सराहनीय
प्रतियोगिता में भाग लेने मात्र से ही बच्चों को विभिन्न संस्कृतियों, भिन्न-भिन्न सोच और खेल शैलियों को जानने का अवसर मिला। देवांगी और स्वप्निल ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन तो किया ही, साथ ही अन्य राज्यों के खिलाड़ियों के साथ समन्वय, मैत्रीपूर्ण व्यवहार और खेल की भावना का भी परिचय दिया। उन्होंने यह दिखाया कि प्रतियोगिता केवल जीतने का मंच नहीं होती, बल्कि सीखने, जुड़ने और खुद को बेहतर बनाने का अवसर भी होती है।
विद्यालय का प्रयास: खेल और शिक्षा का संतुलन
एशियन इंटरनेशनल स्कूल की प्रधानाचार्या सिमरन संघेरा ने इस उपलब्धि पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “हमारा विद्यालय हमेशा से ही छात्रों के समग्र विकास में विश्वास करता है। शिक्षा और खेल दोनों को समान महत्व देना ही हमारे संस्थान की विशेषता है। यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि यदि छात्रों को सही अवसर, संसाधन और प्रेरणा मिले, तो वे किसी भी मंच पर सफलता हासिल कर सकते हैं।”
प्रधानाचार्या ने यह भी उल्लेख किया कि आने वाले समय में स्कूल और भी ज़्यादा खेलों में भागीदारी को बढ़ावा देगा। स्कूल द्वारा आधुनिक खेल सुविधाएं, कोचिंग सत्र और अंतरविद्यालयीय प्रतिस्पर्धाओं को बढ़ावा देने की दिशा में लगातार काम किया जा रहा है।
छात्रों के आत्मविश्वास में वृद्धि, साथी छात्रों को भी मिली प्रेरणा
देवांगी और स्वप्निल की इस सफलता ने न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से आत्मबल और अनुभव प्रदान किया है, बल्कि स्कूल के अन्य विद्यार्थियों के लिए भी यह प्रेरणास्त्रोत बनी है। कई छात्रों ने अब आगामी क्षेत्रीय, राज्य स्तरीय और राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने की रुचि दिखाई है। कोच बिपिन मिश्रा का कहना है कि “अब कई नए छात्र नियमित अभ्यास के लिए मैदान में उतरने लगे हैं, जो कि एक बहुत सकारात्मक संकेत है।”
स्कूल प्रबंधन की ओर से विशेष सराहना एवं प्रोत्साहन
विद्यालय प्रबंधन की ओर से इन दोनों होनहार विद्यार्थियों के सम्मान में विशेष कार्यक्रम आयोजित करने की योजना भी बन रही है, ताकि उनकी मेहनत और सफलता का सार्वजनिक रूप से अभिनंदन किया जा सके। साथ ही उन्हें प्रशस्ति-पत्र और उत्साहवर्धन के रूप में छात्रवृत्ति भी देने पर विचार किया जा रहा है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर की तैयारी की ओर एक कदम
विद्यालय प्रबंधन का मानना है कि अब समय आ गया है कि देवांगी और स्वप्निल जैसे प्रतिभावान छात्र अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं की ओर अग्रसर हों। इसके लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर, खेल मनोविज्ञान कार्यशाला और प्रशिक्षण यात्राओं की योजना बनाई जा रही है। कोच बिपिन मिश्रा और विद्यालय प्रशासन मिलकर ऐसे प्रयासों को मूर्त रूप देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
समाज और अभिभावकों की भूमिका भी रही अहम
देवांगी और स्वप्निल की सफलता के पीछे उनके माता-पिता और समाज का भी बड़ा योगदान रहा है। अभिभावकों ने अपने बच्चों को हर कदम पर सहयोग दिया और स्कूल व कोचिंग के बीच एक सकारात्मक संवाद बनाए रखा। यह तालमेल ही एक मजबूत आधार बनकर छात्रों के भविष्य को दिशा देने में सफल रहा।
अंततः एशियन इंटरनेशनल स्कूल, धुलागढ़ के ये दोनों सितारे न केवल एक स्कूल की शान हैं, बल्कि आने वाले समय में राष्ट्र के लिए खेल क्षेत्र में गौरव का कारण बन सकते हैं। इनकी यह उपलब्धि भविष्य के अनेक खिलाड़ियों को प्रेरित करेगी और यह संदेश देगी कि जहां लक्ष्य स्पष्ट हो, मार्गदर्शक सशक्त हो और प्रयास ईमानदार हो — वहां सफलता निश्चित होती है।
विद्यालय के लिए यह महज़ एक उपलब्धि नहीं, बल्कि एक प्रेरणादायक अध्याय की शुरुआत है — एक ऐसे भविष्य की ओर कदम, जहाँ हर छात्र को अपनी प्रतिभा को मंच देने का अवसर मिलेगा।
रिपोर्ट: कार्यालय संवाददाता, आंचलिक समाचार सेवा, धुलागढ़
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