बेगूसराय में पुलिस की संवेदनहीनता का एक मामला उजागर हुआ है जहां तड़पते हुए एक युवक को घटनास्थल पर ही छोड़कर पुलिस उसे मरने के लिए छोड़ देती है । वही मृतक का मोटरसाइकिल तो जप्त कर लेती है पर घटना से संबंधित fir दर्ज करने से मुकर जाती है । इस संबंध में पुलिस अधिकारी और पीड़ित के बीच एफ आई आर फाइल करने से इनकार करने का औडियो भी वायरल हो चुका है। संबंधित पीड़िता लगातार एसपी डीआईजी सहित अन्य अधिकारियों के चक्कर काट रहे है पर अब तक f.i.r. दर्ज नहीं हो पाया है ।
भियो – 26 जून की देर रात छौड़ाही थाना क्षेत्र के नारायण पीपर गांव में एक युवक गंभीर अवस्था में पाया जाता है। सुनसान इलाके में हुई इस घटना को प्रथम दृष्टया पुलिस एक्सीडेंट का मामला मानकर हाथ पर हाथ धरकर बैठ जाती है । और परिवार वाले को इसकी सूचना दी जाती है काफी देर बाद परिवार के लोग वहां पहुंचते हैं तो उसे मोटरसाइकिल पर इलाज के लिए ले जाया जाता है जहां कई दिनों के बाद उसकी मौत हो जाती है।
मृतक संतोष कुमार चेरिया बरियारपुर थाना क्षेत्र के कुंभी गांव का रहने वाला था जो घटना के दिन अपने नानी के घर से लौट रहा था तभी यह घटना घटी ।
इस संबंध में मृतक की मौत की सूचना जब पुलिस को दी गई तो पुलिस ने यह कह कर एफ आई आर दर्ज करने से इनकार कर दिया कि एफ आई आर दर्ज करने से क्या फायदा है ? बाद में दबाव बनाने पर पुलिस ने इस घटना से इंकार कर दिया। जबकि पुलिस से हुई बातचीत का ऑडियो परिजनों के द्वारा प्रमाण के तौर पर बड़ी अधिकारी को भी सुनाया और बताया जा रहा है बावजूद इसके अबतक एफ आई आर नहीं हो पा रहा है जबकि परिवार के लोग दर दर की ठोकर खाते फिर रहे हैं। इस संबंध में लोगों का आरोप है कि यह कैसी व्यवस्था है जहां एक फाइल का घोटाला होता है पुलिस की संवेदनहीनता उजागर होती है और बड़े अधिकारी से लेकर छोटे अधिकारी तक कोई भी किसी का नहीं सुनता है।
बेगूसराय में पुलिस की संवेदनहीनता का एक मामला उजागर हुआ

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