Birsa Munda Jayanti 2024 : भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर आज केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने नई दिल्ली के बांसेरा उद्यान में उनकी एक बड़ी प्रतिमा स्थापित की। इस अवसर पर दिल्ली के उपराज्यपाल श्री विनय कुमार सक्सेना, केंद्रीय मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा, केंद्रीय शहरी विकास एवं आवास मंत्री श्री मनोहर लाल सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
भगवान बिरसा मुंडा (Birsa Munda) जयंती की शुरुआत
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि वर्ष 2021 में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने भगवान बिरसा मुंडा (Birsa Munda) की जयंती को ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के रूप में मनाने की घोषणा थी। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन झारखंड के एक छोटे से गांव में भगवान बिरसा मुंडा का जन्म हुआ था। श्री शाह ने कहा कि बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में 15 नवंबर 2025 तक आगामी एक वर्ष ‘आदिवासी गौरव वर्ष’ के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा (Birsa Munda) जी की 150वें जयंती वर्ष के अवसर पर मोदी सरकार ने सराय काले खां चौक का नाम बदलकर ‘भगवान बिरसा मुंडा चौक’ करने का निर्णय भी लिया है।
भगवान बिरसा मुंडा (Birsa Munda) आदिवासियों के लिए अपनी मूल संस्कृति के उद्धारक तो बने ही, साथ ही उन्होंने 25 वर्ष की अल्पायु में देश के अनेक लोगों के लिए अपने कृत्यों के माध्यम से इस बात की व्याख्या की कि जीवन कैसा व किसके लिए होना चाहिए और जीवन का ध्येय क्या होना चाहिए। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर भगवान बिरसा मुंडा आजादी के महानायकों में से एक हैं। गृह मंत्री ने कहा कि बहुत कम उम्र में भगवान बिरसा मुंडा (Birsa Munda) ने अपनी सेकंडरी शिक्षा के दौरान धर्मांतरण के खिलाफ आवाज उठाई थी। जब पूरे भारत और दो-तिहाई दुनिया पर अंग्रेजों का शासन था, उस समय बालक बिरसा मुंडा ने धर्मांतरण के खिलाफ दृढ़ता से खड़ा होने की वीरता दिखाई और आगे चलकर यह दृढ़ता और वीरता इस देश के एक नायक के रूप में परिवर्तित हुई। उन्होंने कहा कि राँची की जेल से इंग्लैंड की महारानी तक राष्ट्र नायक बिरसा मुंडा जी देशवासियों की आवाज बने थे।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री के अनुसार भगवान बिरसा मुंडा (Birsa Munda) ने मूलनिवासियों के लिए जल, जंगल और जमीन की परंपरा को वापस लाया। बिरसा मुंडा ने समाज में विभिन्न मुद्दों के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास किया। वे शराब, ब्रिटिश राज और जमींदारों की दमनकारी व्यवस्था के खिलाफ थे। श्री शाह के अनुसार, समाज सुधार, आजादी की लड़ाई और धर्मांतरण विरोधी प्रयासों में उनके योगदान के लिए भगवान बिरसा मुंडा को पूरे देश द्वारा हमेशा सराहा जाएगा।
श्री अमित शाह ने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रशासन ने आदिवासी गौरव को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। मोदी प्रशासन ने आजादी के बाद 75 वर्षों में पहली बार किसी आदिवासी व्यक्ति को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति दी है। एक निम्न आय वर्ग के आदिवासी परिवार की बेटी श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी वर्तमान में देश राष्ट्रपति है । गृह मंत्री ने कहा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में पिछले दस वर्षों में सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों में विकास में बाधा डालने वाले और बच्चों को धोखा देने वाले नक्सलवाद को लगभग पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।
मोदी सरकार में जनजातियों के विकास बजट में कई गुना बड़ोत्तरी
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि पहले की सरकार में जनजातियों के विकास के लिए सिर्फ ₹ 28,000 करोड़ का बजट था, जबकि मोदी सरकार ने वर्ष 2024-25 के बजट में आदिवासियों के विकास के लिए ₹ 1,33,000 करोड़ का प्रावधान किया है। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत 26,428 आदिवासी गांवों में सभी बुनियादी सुविधाएं पूर्ण रूप से उपलब्ध कराई गई हैं। उन्होंने कहा कि डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन स्कीम के तहत ₹ 97 हजार करोड़ आदिवासी क्षेत्रों में वितरित किए गए। साथ ही 708 एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल बनाए गए, प्रधानमंत्री पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन के तहत ₹ 15,000 करोड़ और प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत 63,000 गांवों को संपूर्ण रूप से विकसित करने के लिए ₹ 24,000 करोड़ आवंटित गए हैं।
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