सुबह का वक्त था, सूरज ने हल्की रोशनी बिखेरनी शुरू ही की थी। लेकिन भारतीय क्रिकेट फैंस की सुबह आज कुछ अलग थी। चारों तरफ एक ही सवाल था— क्या बुमराह चैंपियंस ट्रॉफी में खेलेंगे? ट्विटर पर चर्चाएं गर्म थीं, न्यूज चैनल्स की ब्रेकिंग न्यूज लगातार फ्लैश हो रही थी। “बुमराह फिट हैं या नहीं?” हर किसी के दिमाग में यही बात दौड़ रही थी।
लेकिन उस वक्त जब फैंस कयासों में उलझे हुए थे, चयनकर्ताओं की मीटिंग अहमदाबाद में जोरों पर थी। एक बंद कमरे में मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर, कप्तान रोहित शर्मा और कोच गौतम गंभीर एक बेहद महत्वपूर्ण फैसले पर विचार कर रहे थे। सवाल सिर्फ बुमराह की फिटनेस का नहीं था, सवाल टीम की रणनीति और चैंपियंस ट्रॉफी में भारत की उम्मीदों का था।
क्या फिट हैं बुमराह?
बुमराह, भारतीय टीम के लिए एक ऐसा नाम जिसने पिछले कुछ सालों में कई मैच अकेले दम पर जिताए हैं। उनकी घातक यॉर्कर और सटीक बाउंसर विपक्षी बल्लेबाजों के लिए एक बुरा सपना साबित होती रही हैं। लेकिन पिछले एक साल में उनकी पीठ की चोट ने उन्हें बार-बार मैदान से दूर कर दिया। एनसीए (नेशनल क्रिकेट एकेडमी) में लंबा रिहैबिलिटेशन और फिर फिटनेस टेस्ट… यह सफर आसान नहीं था।
जनवरी 2025 में, एनसीए ने बुमराह को फिट घोषित कर दिया था। “बुमराह अब गेंदबाजी करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं,” ऐसा कहा गया था। लेकिन सच्चाई कुछ और थी। एनसीए के फिटनेस मापदंड तो पास कर लिए गए थे, मगर सवाल यह था कि क्या बुमराह चैंपियंस ट्रॉफी जैसे हाई-प्रेशर टूर्नामेंट के लिए पूरी तरह तैयार हैं?
अहमदाबाद की अहम मीटिंग: चयनकर्ता vs रिस्क
जब गेंद मुख्य चयनकर्ता अजीत अगरकर के पाले में आई, तो उन्होंने कप्तान रोहित शर्मा और कोच गौतम गंभीर से लंबी बातचीत की। तीनों के बीच इस मुद्दे पर गहन चर्चा हुई।
अगरकर ने गंभीर लहजे में कहा,
“अगर बुमराह फिर से चोटिल हो गए, तो यह न सिर्फ टीम के लिए, बल्कि उनके करियर के लिए भी बड़ा झटका होगा। क्या हमें यह रिस्क लेना चाहिए?”
गंभीर और रोहित दोनों ने स्थिति को ध्यान से सुना। हालांकि, रोहित की इच्छा थी कि बुमराह जैसा अनुभवी गेंदबाज टीम में हो, लेकिन रिस्क का भी आकलन करना जरूरी था।
गंभीर ने जोड़ा, “हमें याद रखना चाहिए कि बुमराह ने अभी तक पूरे दम से गेंदबाजी शुरू नहीं की है। इस स्थिति में हमें कोई और विकल्प देखना चाहिए।”
नया चेहरा—हर्षित राणा
जब तय हुआ कि बुमराह को आराम दिया जाएगा, तब चयनकर्ताओं ने एक नया नाम टीम में शामिल किया— हर्षित राणा। हर्षित का चयन किसी चमत्कार से कम नहीं था। कोलकाता नाइट राइडर्स के इस तेज गेंदबाज ने आईपीएल में अपने प्रदर्शन से सबका ध्यान खींचा था। गौतम गंभीर की सिफारिश भी इसमें अहम भूमिका निभाई।
हर्षित की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। एक समय था जब वह दिल्ली के लोकल क्रिकेट क्लब में सिर्फ अभ्यास के लिए बॉलिंग करते थे। लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई और आज वह भारतीय चैंपियंस ट्रॉफी टीम का हिस्सा हैं।
वरुण चक्रवर्ती की एंट्री—फॉर्म का इनाम
टीम में दूसरा बदलाव भी चौंकाने वाला था। यशस्वी जायसवाल को टीम से बाहर कर दिया गया और उनकी जगह वरुण चक्रवर्ती को मौका दिया गया। वरुण, जो टी20 क्रिकेट में अपनी रहस्यमयी गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं, ने कटक में वनडे डेब्यू** करते हुए चयनकर्ताओं को प्रभावित किया।
लेकिन सवाल यह था
क्या वरुण वनडे क्रिकेट में भी वही प्रभाव छोड़ पाएंगे जो उन्होंने टी20 में छोड़ा है? चयनकर्ताओं को उन पर भरोसा था। गंभीर ने भी खुलकर उनका समर्थन किया।
क्या हुआ यशस्वी जायसवाल के साथ?
यशस्वी जायसवाल—एक ऐसा युवा बल्लेबाज जिसने अपने कौशल से हर किसी का दिल जीता है। लेकिन टीम में रोहित शर्मा और शुभमन गिल पहले से मौजूद थे। ऐसे में यशस्वी को अंतिम 15 में जगह नहीं मिल पाई।
हालांकि, चयनकर्ताओं ने उन्हें ट्रैवलिंग रिजर्व में रखा है। मतलब, जरूरत पड़ने पर वह कभी भी टीम में शामिल हो सकते हैं। यशस्वी के फैंस के लिए यह थोड़ी राहत की खबर थी।
बुमराह की आगे की योजना
चैंपियंस ट्रॉफी में न खेल पाने का दर्द बुमराह के चेहरे पर साफ था। लेकिन उन्हें पता था कि यह फैसला उनके भविष्य के लिए सही है। अब उनकी नजरें आईपीएल 2025 पर थीं, जहां वह मुंबई इंडियंस के लिए वापसी करने की तैयारी में हैं।
बीसीसीआई का भी मानना था कि बुमराह को अभी थोड़ा और समय दिया जाए ताकि वह इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम का नेतृत्व कर सकें।
टीम इंडिया: चैंपियंस ट्रॉफी का अंतिम स्क्वॉड
अब सवाल यह था कि चैंपियंस ट्रॉफी के लिए भारत की टीम कैसी दिखेगी। चयनकर्ताओं ने बेहद सोच-समझकर टीम का चयन किया था। टीम इस प्रकार थी: