Chinnaswamy Stadium latest Update: रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के जश्न के दौरान हुई भगदड़ मामले में हाईकोर्ट ने सरकार और बीसीसीआई को जमकर फटकार लगाई। कोर्ट ने कहा 11 मौतों की जिम्मेदारी कौन लेगा।
Stadium Chinnaswamy Stampede: आईपीएल 2025 का फाइनल मुकाबला 3 जून को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और किंग्स इलेवन पंजाब के बीच खेला गया। जिसमें 18 सालों बाद आरसीबी ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। जीत का जश्न मनाने के लिए बैंगलोर में विक्ट्री परेड का आयोजन किया गया था। जहां आरसीबी की टीम को अपने होम ग्राउंड मैदान में जाकर ऐतिहासिक जीत का फैंस के साथ जश्न मनाना था। 40 हजार क्षमता वाले चिन्नास्वामी स्टेडियम में लगभग 3 लाख से अधिक फैंस पहुंच गए। जिसके बाद जश्न के दौरान भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में 11 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। इस पूरे मामले को कर्नाटक हाईकोर्ट ने संज्ञान में लेते हुऐ सुनवाई की। जहां कोर्ट ने कर्नाटक सरकार और बीसीसीआई को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि जिम्मेदारी से बचा नहीं जा सकता। इन मौतों की जिम्मेदारी तो लेनी ही होगी।
Chinnaswamy Stampede, हाईकोर्ट ने भगदड़ मामले पर क्या कहा
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की विक्ट्री परेड के दौरान हुई भगदड़ को लेकर आज कर्नाटक हाईकोर्ट 2.30 बजे सुनवाई करेगा। इस मामले की सुनवाई जस्टिस वी. कामेश्वर और जस्टिस सीएम जोशी करेंगे। सरकार की तरफ से मामले को देखने वाले वकील ने कहा है कि हमनें कोर्ट यह जानकारी देने पर सहमति जताई है कि घटना कैसे हुई। और अभी तक घटना को लेकर क्या क्या कदम उठाए गए हैं। जबकि भगदड़ और 11 लोगों की मौतों पर कर्नाटक सरकार और बीसीसीआई ने पल्ला झाड़ लिया था। जिम्मेदारी ना लेते हुए कोर्ट ने पूरे मामले को खुद संज्ञान में लेते हुए सुनवाई करेगा। सूत्रों के अनुसार कोर्ट सुनवाई के समय मरने वालों और घायलों के लिए मुआवजा तय कर सकता है। ये मुआवजा देने की जिम्मेदारी सरकार और बीसीसीआई दोनों की होगी।
11 मौतों पर राजनीति कर रहे सत्ता पक्ष और विपक्ष, Chinnaswamy Stadium Capacity
18 सालों बाद आईपीएल की चैंपियन बनने वाली रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर की टीम 4 जून को चिन्नास्वामी स्टेडियम में जश्न के साथ बस द्वारा विक्ट्री परेड निकालने की योजना में थी। उससे पहले ही जश्न के समय 3 लाख की भीड़ को काबू करने में सरकार असफल रही। जिसकी वजह से बड़ा हादसा हो गया। अब इस पूरे मामले में कर्नाटक सरकार और विपक्ष आमने जी सामने आ गए हैं। कर्नाटक सरकार के गृहमंत्री जी जी परमेश्वर से विपक्ष ने पूछा कि आरसीबी की जीत के जश्न को लेकर इतनी जल्दी क्या थी। इस पर ग्रह मंत्री ने जवाब देते हुए कहा कि स्टेडियम में जश्न और सड़क पर विक्ट्री परेड का आयोजन सरकार की तरफ से नही था। हमारी सरकार ने आरसीबी टीम वा मैनेजमेंट और कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन से जश्न को लेकर कोई अनुरोध नहीं किया। यह कार्यक्रम बीसीसीआई और एसोसिएशन ने आयोजित किया। गृहमंत्री ने आगे कहा कि हमें लगा कि सरकार को टीम का सम्मान करना चाहिए। इतने समय बाद आरसीबी चैंपियन बनी है।
वहीं विपक्ष की ओर से संबित पात्रा ने सरकार को घेरते हुए कहा कि बीसीसीआई और आईपीएल चेयरमैन का कहना है कि हमें जश्न और विक्ट्री परेड को लेकर जानकारी नही थी। इससे पहले भी जीत के बाद जश्न होता रहा है। लेकिन जीत के दो से तीन दिन बाद विक्री परेड होती रही है। लेकिन इस बार कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने तुरंत जुलूस निकालने का दबाव डाला। ये सभी इंतजाम सिर्फ 12 घंटे में हुआ। सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट थी।
सरकार को पता था कि लाखों की संख्या में लोग आएंगे तो उसकी योजनाबद्ध तरीके से तैयारी क्यों नहीं की। इसलिए 11 मासूमों की मौत हुई है। बहुत लोग गंभीर रूप से घायल हैं। सरकार फेल साबित हुई है। उधर शिवसेना (यूबीटी) गुट के नेता संजय राउत ने कहा भगदड़ की जिम्मेदार सरकार नहीं लोग हैं। कर्नाटक बीजेपी अध्यक्ष बी वाई विजेंद्र ने कहा कि सरकार ने लापरवाही बरती है। तैयारी ठीक होती तो हादसा टल सकता था। अहमदाबाद में जब फाइनल मैच हुआ तो 1.5 लाख लोग आए। कुछ नही हुआ।
हादसे से उपजे सवाल का जवाब कौन देगा
बीते 4 जून को बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ में मरने वाले 11 लोगों की उम्र अलग अलग थी। ये सभी 40 साल से कम थे। तीन लोग टीनएजर थे, 6 लोगों की उम्र 20 से 30 थी। सबसे छोटी मृतक की उम्र 13 साल थी। जबकि 33 से अधिक लोग बुरी तरह से घायल हैं। हादसे के बाद कई सवाल उभरकर सामने आए हैं।
- स्टेडियम में एंट्री लेने के लिए फ्री पास की व्यवस्था थी। जिसे आरसीबी की वेबसाइट से लेने थे। बुधवार को सुबह से ही लोग वेबसाइट पर विजिट करने लगे। जिससे वेबसाइट क्रैश हो गई। जिसके बाद लोग बिना पास के स्टेडियम पहुंचे।
- एंट्री लेने के लिए 10,12,13 गेट को तोड़ने की कोशिश हुई। पुलिस ने लाठी चार्ज किया तो नाले का स्लैब टूट गया। जिससे भगदड़ मच गई।
- जश्न देखने के लिए दोपहर 3.30 बजे भीड़ बढ़ने लगी। लगभग 3 लाख लोग पहुंच गए। अंदर घुसने वाले गेट को बंद कर दिया गया। गेट संख्या 10 पर महिलाएं ,बच्चे धक्के की वजह से गिर गई। जिससे वो बेहोश हो गई। सरकार ने बचाव में कहा स्टेडियम के पास 5 हजार पुलिसकर्मी थे। जबकि 36 घंटे पहले से सभी तैनात थे। हादसे के बाद विक्री परेड रद्द हो गई।
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