Cold के बढ़ते सितम से परेशान लोग सुबह से लेकर देर शाम तक अलाव का ही सहारा
भितरवार। Cold का सितम बढ़ता जा रहा है। Cold हवाओं के साथ ठिठुरन और गलन बढ़ने लगी है। शुक्रवार को देखा जाए तो सीजन का सबसे बड़ा कोल्ड डै देखने को मिला जिससे लोगों को दिनभर कंपकंपी का सामना करना पड़ा। जहां दिन भर का अधिकतम तापमान 12 से 14 डिग्री सेल्सियस रहा तो न्यूनतम तापमान 4 से 5 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा जिसके कारण स्कूल जाने वाले कई बच्चों की हालत दिनभर रहे कोल्ड डे के कारण बिगड़ गई है।
वही Cold के बढ़ते सितम से परेशान लोग सुबह से लेकर देर शाम तक अलाव का सहारा लेकर सर्दी से बचने के उपाय में दिखाई दिए। इस दौरान पड़ रही कड़ाके की Cold के कारण लोगों की जहां दिनचर्या प्रभावित बनी हुई है तो वही सरकारी कार्यायलयों से लेकर लोगों के प्रतिष्ठानों तक सर्दी का बेजोड़ असर दिखाई दे रहा है जहां कार्यालय सुनसान पड़े हुए हैं तो वहीं दुकानदार अपने प्रतिष्ठानों के बाहर या प्रतिष्ठानों में अलाव जलाकर या रूम हीटर लगाकर ही सर्दी से बचाव के इंतजाम में लगे हुए हैं।
पहाड़ी इलाकों में हो रही बर्फबारी का असर अब मैदानी इलाकों में देखने को मिल रहा है पिछले चार-पांच रोज से भितरवार आंचल में एक बार फिर शीत लहर के साथ कड़ाके की Cold पडना शुरू हो गई यह जिसके कारण लोगों की दिनचर्या तो प्रभावित हो ही रही है साथ ही सबसे ज्यादा परेशानी नन्हे मुन्ने बच्चों को स्कूल जाने के दौरान उठाना पड़ रही है।
भले ही जिला प्रशासन द्वारा मौसम को देखते हुए स्कूल खुलने का समय सुबह 11:00 बजे से कर दिया है लेकिन पिछले तीन-चार रोज से धूप न निकलने से 24 घंटे का Cold Day अलर्ट बना हुआ है ऐसे में चल रही शीत लहर और बादलों की धुंध के बीच जहां बच्चे कप-कपाते हुए स्कूल जा रहे हैं तो उनकी हालत बिगड़ रही है शुक्रवार को कुछ इसी प्रकार का नजारा स्कूल जाते हुए बच्चों में दिखाई दिया तो कई बच्चों की हालत स्कूल में रूम हीटर या अलाव का इंतजाम न होने के कारण बिगड़ गई जिन्हें स्कूल संचालकों की सूचना पर परिजन स्कूल से ले और उनका इलाज कराया तब कहीं जाकर उन्हें राहत मिली।
अभिभावकों ने जिला प्रशासन से एक से आठवीं तक के बच्चों की 31 जनवरी 2024 तक छुट्टी घोषित करने की मांग की है
जिस पर कुछ अभिभावकों ने जिला प्रशासन से एक से आठवीं तक के बच्चों की 31 जनवरी 2024 तक छुट्टी घोषित करने की मांग की है तो वही कड़ाके की सर्दी से बचने के लिए जहां लोग मफलर, टोपा, जर्सी, जैकेट, इनर इत्यादि का उपयोग कर रहे हैं तो वहीं जरूरत पड़ने पर इन्हीं के सहारे अपने आवश्यक कार्यों के लिए निकल रहे हैं। इन सब के बाद भी वह अपने आप को सर्दी के प्रकोप से नहीं बचा पा रहे हैं जिसके चलते जगह-जगह लोग अलाव जलाकर सर्दी से बचाव में जुटे हुए है।
जो लोग सरकारी कार्यालय में अपने कामकाज के लिए आ रहे हैं तो वह चाय के ठेलों और गुमटी पर चाय की चुस्की के साथ अलाव के सहारे दिनभर अधिकारी कर्मचारियों का इंतजार करके वापस अपने गांव लौट रहे हैं। वही अधिकतर लोग बढ़ते सर्दी के प्रकोप से बचने के लिए घरों में ही कैद होकर रह गए हैं। सर्दी से हर तरफ हाहाकार मचा हुआ दिखाई दे रहा है हर वर्ग इस हाड़कपा देने वाली सर्दी से परेशान हैं ,ऐसे में सबसे ज्यादा परेशानी घर के बुजुर्गों और छोटे-छोटे मासूम बच्चों की सबसे ज्यादा देखी जा रही है।
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