योगी जी आखिर गौशाला में कब तक गोवंश के नाम पर शासकीय धन का होता रहेगा बंदरबांट
चित्रकूट। जिला के कर्वी विकासखंड के ग्राम पंचायत अकबरपुर,घुरेटनपुर ,खम्हरिया,मानपुर,दुगवा सहित दर्जनों गांव में ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव के द्वारा गौशाला में बंद गोवंश के लिए भूसे की खरीदी की जा रही है। यह खरीदी सिर्फ कागजों पर हो रही है जबकि जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है। गौशाला में सन्नाटा पसरा हुआ है। लेकिन हजारों रुपए का भूसा रोज गोवंश खा रहा है। यह जादू सिर्फ कर्वी विकासखंड के ग्राम पंचायतों में विकास खंड अधिकारी की छत्रछाया में चल रहा है। जहां गौशाला में गोवंश देखने के लिए नजर नहीं आ रहे लेकिन गौशाला में बंद गोवंश को हजारों रुपए का भूसा रोज खरीदा और खिलाया जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़े शब्दों में कहा है कि गौशाला में बंद गोवंश को बेहतर खाने पीने की व्यवस्था की जाए किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी यदि किसी भी गौशाला में गोवंश की मौत होती है तो समस्त जिम्मेदारी ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव की होगी। लेकिन जब गौशाला में गोवंश रहेगा ही नहीं तो मौत आखिर गोवंश की होगी तो होगी कैसे क्योंकि यहां तो सिर्फ भूसे खरीदी और खिलाने का खेल कागजो पर जारी है। कागजों में गोवंश रोज भूसा खा रहे हैं लेकिन गोवंश की दुर्दशा ग्रामीण क्षेत्र व शहरी क्षेत्र में भ्रमण करने के बाद ही पता चलता है कि वास्तविक गौशाला में गोवंश का कितना ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव ख्याल रख रहे हैं। क्योंकि गौशाला में तो सन्नाटा पसरा हुआ है और सभी गोवंश भूख प्यास से तड़प तड़प कर इस प्रचंड गर्मी में जान गवा रहे हैं। खंड विकास अधिकारी के द्वारा किसी भी ग्राम पंचायत के गौशाला व ग्राम पंचायतों में हो रहे निर्माण कार्य कर जांच नहीं किया जाता और यही वजह है कि आज भी ग्राम पंचायतों में जो भी राशि खर्च की जा रही है उसमें विकास ग्राम पंचायतों का तो नहीं हो रहा लेकिन यह जरूर है कि ग्राम प्रधान और ग्राम पंचायत सचिव अपना विकास भरपूर् कर रहे हैं। वहीं अब देखना यह है कि चित्रकूट के कर्वी विकासखंड के ग्राम पंचायतों में खर्च की गई धनराशि के विकास कार्यों सहित गौशालाओं का वास्तविक निरीक्षण कब किया जाएगा और कब दोषियों पर कार्रवाई होगी या फिर शासकीय धन का इसी तरह बंदरबांट जारी रहेगा और जिम्मेदार अधिकारी दफ्तर में आराम फरमाते ही रहेंगे।