मऊ नगर पंचायत में विकास का दावा, लेकिन हकीकत कुछ और
वार्ड 6 के सभासद ने खोली नगर पंचायत की पोल
सभासद गंगासागर मिश्रा का आरोप – नगर में विकास नहीं, सिर्फ भ्रष्टाचार बढ़ा
26 महीने बाद भी अधूरे पड़े विकास कार्य, नगर पंचायत अध्यक्ष पर उठे सवाल
सड़कों की बदहाली पर जनता त्रस्त, जलभराव और गंदगी से बढ़ी परेशानियां
रामलीला मैदान बना कूड़ाघर! आस्था स्थल की उपेक्षा पर उठे सवाल
1300 लोगों का वार्ड, सुविधाएं नहीं! सभासद ने मांगे थे 21 विकास कार्य
चित्रकूट | मऊ नगर पंचायत का नवसृजन हुए 26 महीने पूरे हो चुके हैं, लेकिन विकास का पहिया अब भी ठहरा हुआ है। वार्ड 6 के सभासद गंगासागर मिश्रा उर्फ शिव भोले मिश्रा ने नगर में विकास कार्यों की अनदेखी और भ्रष्टाचार को लेकर बड़ा आरोप लगाया है।
चौथी बोर्ड बैठक में उठी थी 21 मांगें, पर क्या हुआ?
सभासद गंगासागर मिश्रा ने नगर पंचायत की चौथी सामान्य बोर्ड बैठक में अपने वार्ड के लिए 21 बिंदुओं पर विकास कार्यों की मांग रखी थी। उनकी मांगों में नाली, नाला, सड़क, बिजली, आवास, पानी और तालाब सुंदरीकरण जैसे आवश्यक मुद्दे शामिल थे। लेकिन 26 माह बीत गए और नतीजा वही ढाक के तीन पात!
बने हुए खड़ंजे में ही घोटाला?
सभासद का कहना है कि उनके वार्ड में एकमात्र इंटरलॉकिंग खड़ंजा बना, लेकिन उसकी गुणवत्ता इतनी खराब है कि वह ज्यादा समय तक टिकने वाला नहीं दिखता। नगरवासियों को उम्मीद थी कि यह विकास की शुरुआत होगी, लेकिन सच्चाई यह है कि यह भी आधा-अधूरा ही रह गया।
1300 लोगों के लिए कौन लड़ेगा?
सभासद मिश्रा ने बताया कि उनके वार्ड में 1300 लोग रहते हैं, जिनके लिए मूलभूत सुविधाएं भी नदारद हैं। उन्होंने बार-बार नगर पंचायत से अपील की कि उनके वार्ड में नालियां बनाई जाएं, सड़कें सही कराई जाएं, प्रकाश व्यवस्था को दुरुस्त किया जाए, पीने के पानी की समस्या हल की जाए और तालाबों का सुंदरीकरण हो, लेकिन नगर पंचायत के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी।
नगर पंचायत अध्यक्ष पर लगाए गंभीर आरोप
सभासद गंगासागर मिश्रा ने नगर पंचायत अध्यक्ष अमित द्विवेदी पर आरोप लगाया कि वे नगर का नहीं, बल्कि अपना विकास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नगर की मुख्य सड़कें बुरी तरह टूटी हुई हैं, लेकिन फिर भी इनकी मरम्मत पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।
बारिश में जलभराव, पर कोई ध्यान नहीं
नगर की कई सड़कों पर बरसात में पानी भर जाता है, जिससे लोगों का चलना मुश्किल हो जाता है। लेकिन नगर पंचायत की ओर से ना कोई योजना बनती है, ना कोई समाधान निकलता है। सभासद ने कहा कि अगर यह हालात रहे, तो आने वाले समय में मऊ नगर पंचायत के लोग मूलभूत सुविधाओं से पूरी तरह वंचित हो जाएंगे।
रामलीला मैदान भी बदहाल, आस्था से खिलवाड़?
सभासद मिश्रा ने भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए रामलीला मैदान की दुर्दशा पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने बताया कि भगवान राम की लीलास्थली गंदगी और गोबर से भरी रहती है। आस्था के इस पवित्र स्थल की दुर्गति आखिर किसकी जिम्मेदारी है?
सड़कों की हालत बद से बदतर
नगर पंचायत के कई इलाकों की सड़कें खस्ताहाल हैं। विशेष रूप से मऊ चौराहा से पहाड़पुरवा, शिवपुर रोड, मंडौर मवई रोड जैसी महत्वपूर्ण सड़कों की हालत इतनी खराब है कि लोग परेशान हो चुके हैं। सभासद ने कहा कि आखिर क्यों जनता को इस तरह से परेशान किया जा रहा है? क्या नगर पंचायत की कोई जिम्मेदारी नहीं बनती?
भाजपा सरकार के दावे, लेकिन हकीकत क्या?
नगर पंचायत अध्यक्ष अमित द्विवेदी लगातार यह दावा करते आए हैं कि भाजपा की डबल इंजन सरकार और नगर पंचायत का तिबल इंजन मिलकर मऊ का विकास करेगा। लेकिन हकीकत यह है कि विकास के नाम पर अब तक सिर्फ वादे किए गए हैं, जमीन पर कुछ भी नहीं बदला।
‘विकास का अंधेरा’: सभासद की दो टूक
सभासद गंगासागर मिश्रा ने कहा कि नगर पंचायत जनता को अंधेरे में रखकर विकास के झूठे दावे कर रही है। हर बैठक में सभासद अपने-अपने वार्ड की समस्याओं को उठाते हैं, लेकिन आज तक किसी समस्या का समाधान नहीं हुआ।
जनता कब तक रहेगी ठगी हुई?
अब सवाल यह है कि आखिर कब तक मऊ नगर पंचायत के नागरिकों को विकास के नाम पर छलावा मिलता रहेगा? कब तक वे टूटी सड़कों, गंदगी, जलभराव और बिजली संकट जैसी समस्याओं से जूझते रहेंगे?
अब देखना यह होगा कि नगर पंचायत अध्यक्ष इन गंभीर आरोपों का क्या जवाब देते हैं और क्या वाकई में मऊ नगर पंचायत में बदलाव आएगा या फिर यह भी एक राजनीतिक बयान बनकर रह जाएगा।