माढ़ोताल तालाब के गहरीकरण का कार्य शुरू हो गया है। इसके लिए मशीनें मैदान मैं उतार दी गई हैं, साथ ही कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने इंजीनियर्स की एक टीम को पूरे काम की देखरेख का जिम्मा भी सौंपा है। अच्छी खबर यह है कि गहरीकरण के लिए लगाई गई मशीनरी तब तक रुकने वाली नहीं है, जब तक कि तेजी से बारिश नहीं आ जाती। तालाब में निर्बाध रूप से बारिश का पानी आए इसके लिए अवरोधों को भी खोला जा रहा है। बताया गया है कि गहरीकरण का कार्य नगर निगम एवं जनभागीदारी के माध्यम से कराया जा रहा है। प्रशासन का कहना है कि कोई भी व्यक्ति या संस्था इस कार्य में सहयोग कर सकते हैं। माइनिंग विभाग में रॉयल्टी देकर अपनी मशीन से भी मिट्टी ले जा सकता है। योजना के तहत तालाब के गहरीकरण के इससे जल स्रोतों को भी जोड़ा जाएगा। दो भागों में बँट चुके तालाब को एकरूपता भी प्रदान की जाएगी।
बारिश में होगा प्लांटेशन
बताया गया है कि तालाब का गहरीकरण होने के बाद तालाब के किनारे ग्रीन जोन विकसित करने की योजना है। इसके लिए बारिश में बड़े स्तर पर पौधारोपण किया जाएगा। इसके लिए स्वयंसेवी संस्थाओं को भी जोड़ा जाएगा। पौधारोपण के बाद यहाँ पार्क बनाने के साथ ही पैदल पथ व अन्य विकास के कार्य कराए जाएँगे।
बड़ी संख्या में थे अर्जुन के वृक्ष क्षेत्रीय नागरिकों का कहना है कि माढ़ोताल में यहाँ की मिट्टी की
अनुकूलता के अनुसार पौधे लगाए जाएँ तो वे जल्द विकसित होंगे। वयोवृद्ध शिक्षा विद गीतादेवी तिवारी ने बताया कि पहले क्षेत्र में अर्जुन, खट्टी इमली, गूलर, पीपल, कैथा, पलाश आदि के वृक्ष बहुतायत मात्रा में थे। ये यहाँ की मिट्टी व वातावरण के हिसाब से विकसित हुए हैं। कृषि उपज मंडी से कटंगी बायपास के आगे तक आज भी बड़ी संख्या में अर्जुन, पीपल, गूलर और खट्टी इमली आदि के पौधे देखे जा सकते हैं। वहीं कैथा, पलाश आदि के वृक्ष विलुप्तप्राय हो चुके हैं। अर्जुन, पलाश, कैथा, पीपल, गूलर, नीम आदि | मेडिशनल वैल्यू के भी प्लांट हैं।