कहते हैं बच्चे के पहले गुरु माता पिता होते हैं। लेकिन जब बच्चा विद्यालय में जाता है तो उसकी शिक्षा और संस्कार की जवाबदारी विद्यालय की हो जाती है, झाबुआ शारदा विद्या मंदिर स्कूल भी अपने बच्चों को शिक्षा और संस्कार के साथ बच्चों मैं छुपी हुई प्रतिभा को भी प्रोत्साहित करता है। शारदा विद्या मंदिर स्कूल की एल के जी की छात्रा, दर्शी गुप्ता कंठस्थ शिव तांडव स्त्रोत का पाठ करती हैं. आइए आपको सुनाते हैं दर्शी गुप्ता के मुख से शिव तांडव स्त्रोत.