चित्रकूट के ग्रामोदय मेला में शरदोत्सव की शाम रही कुमार विश्वास के नाम-आंचलिक ख़बरें-अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

News Desk
By News Desk
6 Min Read
WhatsApp Image 2022 10 12 at 8.56.43 PM

 

मैं अपने गीत गजलों से उसे पैगाम करता हूं, कविता की हर पंक्ति ने खूब ताली बटोरी

कुमार विश्वास ने राजनैतिक दलों पर भी कविताओं के माध्यम से कसा तंज

चित्रकूट: राष्ट्र ऋषि नानाजी देशमुख की जयंती पर 9 अक्टूबर से दीनदयाल शोध संस्थान के दीनदयाल परिसर चित्रकूट में चल रहे बहुवर्णी कलाओं पर आधारित ग्रामोदय मेला एवं शरदोत्सव के तीसरे दिन सांस्कृतिक मंच पर डा. कुमार विश्वास ने अपने चिर परिचित अंदाज में कविता पाठ शुरू की तो दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से जोरदार अभिनंदन किया। उनकी वाक्तृत्व कला ने दर्शकों का विश्वास जीता और कविता की हर पंक्ति ने खूब ताली बटोरी। मंच पर आते ही उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री स्व मुलायम सिंह यादव को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
डा कुमार विश्वास की कविता और गीत-गजलों ने श्रोताओं को बांधे रखा। लगभग दो घंटे की अपनी प्रस्तुति में डा. कुमार विश्वास ने राजनैतिक दलों पर कविताओं के माध्यम से भी तंज कसा। मूसलाधार बारिश के बाद भी कार्यक्रम में उम्मीद से अधिक लोगों की भीड़ रही। कार्यक्रम की शुरुआत में उन्होंने मैं अपने गीत गजलों से उसे पैगाम करता हूं, उसी की दी हुई दौलत उसी के नाम करता हूं, हवा का काम है चलना, दिए का काम है जलना, वो अपना काम करती है, मैं अपना काम करता हूं गीत से किया। इसके बाद उन्होंने धाराप्रवाह कविताओं का पाठ किया। श्रोताओं के आग्रह पर उन्होंने कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है की भी प्रस्तुति दी। अपनी कविताओं के बीच-बीच में कुमार विश्वास ने राजनीतिक हालातों पर व्यंग भी कसे। उन्होंने व्यंगात्मक लहजे में मध्य प्रदेश की सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा ने कमलनाथ की सरकार को कमल की सरकार समझकर हथिया लिया।
उन्होंने कहा कि आज दो महापुरुषों की जयंती है, नाना जी और जेपी जिन्होंने भारत के लोकतंत्र को अपहरण से रोकने के लिए समग्र क्रांति का बिगुल फूंका। ऐसे दोनों महापुरुषों को नमन।
डा. विश्वास ने जब स्वयं से दूर हो तुम भी स्वयं से दूर हैं हम भी कविता की पंक्ति गीत के माध्यम से सुनानी प्रारंभ की तो दर्शक हाथ उपर उठाने लगे। वहीं बहुत मशहूर हो तुम भी बहुत मजबूर हैं हम भी अतः मजबूर हो तुम भी पर भी दर्शकों की तालियां मिली। इसके बाद कोई दीवाना कहता है कोई पागल समझता है, गीत पर दर्शकों पर मानो दीवानगी छा गई। पूरे पांडाल में युवाओं का जोश देखने लायक था। चारों तरफ वंस मोर-वंस मोर की गूंज सुनाई दे रही थी। उसके बाद उन्होंने युवाओं को समर्पित एक फरमाइश गीत भी गाया। एक मैं हूं यहां एक तू है, सिर्फ सांसों की ही गुफ्तगू है, शाम के साज पर रोशनी गीत गाते हुए आ रही है, तेरी जुल्फों से छनकर चांदनी नूर बरसा रही है।
कुमार विश्वास ने पुरुषार्थ पर बोलते हुए कहा कि भगवान राम ने दक्षिण में विजय पर्व मनाया, अयोध्या में संकल्प पर्व और चित्रकूट में पुरुषार्थ पर्व मनाया। दशरथ नंदन श्री राम जब अयोध्या में थे तब सिर्फ राजकुमार थे, वे जब चित्रकूट आए तभी मर्यादा पुरुषोत्तम कहलाए। नानाजी देशमुख जिनका जन्मदिन है उन्होंने पुरुषार्थ के बलबूते समाज में अनुकरणीय उदाहरण पेश किया है। कविताओं के बीच-बीच में वे अपनी व्यंग्यात्मक वाक्यों से श्रोताओं को हंसाने से भी पीछे नहीं रहे। कई मौके ऐसे आए जब उन्होंने कार्यक्रम के अतिथियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों पर भी तंज कसा।
—-सियाराम कुटीर पहुंचकर नानाजी को दी श्रद्धांजलि—–
अपने चित्रकूट आगमन पर कुमार विश्वास आरोग्यधाम के मंदाकिनी कॉटेज पहुंचे जहां दीनदयाल शोध संस्थान के संरक्षक व वरिष्ठ प्रचारक मदन दास देवी से मुलाकात की और उनके साथ अल्पाहार लिए। इस मौके पर दीनदयाल शोध संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन भी साथ रहे। कुमार विश्वास भारत रत्न नानाजी देशमुख को श्रद्धांजलि देने सियाराम कुटीर पहुंचे, वहां नानाजी के कक्ष में पहुंचकर उनको श्रद्धा पुष्प अर्पित किए। और कुछ देर नानाजी के कक्ष में ही बैठकर संस्थान के संगठन सचिव अभय महाजन एवं प्रधान सचिव अतुल जैन के साथ नानाजी से जुड़े पलों को याद करते हुए अपनी चिर-स्मृतियां साझा किए। इस दौरान अभय महाजन ने कुमार विश्वास को राम दर्शन की चरण पादुका वाली पेंटिंग सम्मान स्वरूप भेंट की।
उन्होंने कहा कि नानाजी का कार्य यज्ञ की तरह है, उनको देखकर एक विशेष ऊर्जा का संचार होता है। कुमार विश्वास ने भगवान कामतानाथ जी प्राचीन मुखारविंद के दर्शन भी किये। इस दौरान दीनदयाल शोध संस्थान के महाप्रबंधक अमिताभ वशिष्ठ भी साथ में रहे।

 

Share This Article
Leave a Comment