इस वर्ष गणेश जी की स्थापना अधिक तादाद में की गई थी। पिछले 2 वर्षों से कोरोना काल के कारण भक्त गणेश उत्सव नहीं बना पा रहे थे, इस वर्ष गणेश भक्तों ने बड़ी धूमधाम से अधिक तादाद में गणेश जी की स्थापना की. शहर में लगभग 50 से अधिक जगहों पर गणेश जी की मूर्ति की स्थापना की गई थी, अनंत चौदस के दिन, दिनभर मूर्ति विसर्जन का दौर सुबह से रात तक चला। मुख्य आकर्षण झाबुआ के राजा का विसर्जन था। झाबुआ के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों से भी ट्रैक्टर में गणेश जी की प्रतिमा लेकर, ग्रामीण झाबुआ के उत्कृष्ट विद्यालय मैदान पर, विश्व हिंदू परिषद के बैनर तले एकत्रित हुए, उसके पश्चात सभी विसर्जन के लिए, एक साथ नदी पर पहुंचे ग्रामीण डीजे की धुन पर मस्ती में नाचते हुए नजर आए।नगर पालिका परिषद ने गणेश विसर्जन के लिए, रंगपुरा अनास नदी पर दो पोखर का निर्माण किया था, जिसमें सारी मूर्तियों का विसर्जन किया गया, प्रशासन द्वारा शहर में सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए गए थे. गणेश भक्तों ने डीजे पर नाच कर गणेश भक्ति में रंग कर, गणपति बप्पा को विदाई दी. और बप्पा अगले बरस तू जल्दी आ के जयकारे लगाकर, गणेश विसर्जन किया। प्रशासन के पुख्ता इंतजाम से किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, यातायात कर्मियों द्वारा भी शहर में यातायात प्रभावित ना हो, इसके लिए जगह-जगह जवान तैनात किए गए थे।