रोगियों की तलाश में स्वास्थ्य टीमें दे रहीं घर-घर दस्तक-आंचलिक ख़बरें-अश्विनी कुमार श्रीवास्तव

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घरों के बाहर लगाए जा रहे स्टीकर व पोस्टर

812 टीमें लगाई गईं, 30 जुलाई तक चलेगा अभियान

चित्रकूट: दस्तक अभियान का आगाज शनिवार से हो गया। 30 जुलाई तक चलने वाले इस अभियान के दौरान आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर पांच तरह की बीमारियों का पता लगाएंगी। अगर किसी के घर के पास मच्छर पनप रहे हैं, तो उसकी भी रिपोर्ट ब्लाक पर करेंगी। रोगियों को चिन्हित कर सूची तैयार करेंगी।
मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ भूपेश द्विवेदी ने बताया कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के साथ ही शनिवार से दस्तक कार्यक्रम भी शुरू हो गया। दस्तक अभियान में टीमें घर-घर जाकर पांच तरह की बीमारियों का पता लगाएंगी। जिला मलेरिया अधिकारी प्रमोद कुमार शुक्ला ने बताया कि दस्तक अभियान में 812 आशा कार्यकत्री व 812 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को लगाया गया है। इसका सुपरविजन करने के लिए एएनएम, कम्मुनिटी हेल्थ अफसर, आशा संगिनी को लगाया गया है। उन्होंने बताया कि आशा घर-घर जाकर परिवार के लोगों से मलेरिया, टीबी, सर्दी, जुकाम व बुखार (आईएलआई व सारी) से संबंधित सवाल पूछेंगी। इसी के साथ वह यह भी जानकारी लेंगी कि घर में कोई अति कुपोषित बच्चा तो नहीं है। अगर किसी में बीमारी के लक्षण मिलते है या कोई अति कुपोषित बच्चा मिलता है, तो इसकी सूचना वह संबंधित ब्लाक के प्रभारी चिकित्साधिकारी को देंगी। संबंधित विभाग सूचना के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगा। उन्होंने बताया कि अगर किसी घर के पास जल जमाव है तथा वहां पर लार्वा पैदा हो रहा है तो इसकी भी सूचना आशा देंगी। सूचना के बाद मलेरिया विभाग वहां का निरीक्षण कर जल निकासी, दवा के छिड़काव आदि की व्यवस्था संबंधित से कराएगा। अभियान की जिला स्तर पर प्रतिदिन समीक्षा कर कमियों को दूर किया जाएगा। अगर किसी को बुखार के लक्षण हों तो आशा कार्यकर्ता से छिपाए नहीं, बल्कि खुल कर बताएं। बुखार का समय से पता चल जाने से जांच कर सही दिशा में इलाज हो सकता है।
—–कुपोषित भी होंगे चिह्नित—–
अभियान के दौरान आशा, आंगनबाड़ी और संगिनी कार्यकर्ता घर-घर जाकर कुपोषित और अतिकुपोषित बच्चों की सूची तैयार करेंगी। यह सूची एनएनएम के माध्यम से ब्लॉक मुख्यालय भेजी जाएगी। जहां बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मदद से पोषण पुनर्वास केंद्रों पर भेजकर उपचार एवं पोषण उपलब्ध कराएगा। इस अभियान में बुखार के अलावा गंभीर रोगों के मरीजों की भी सूची बनाई जाएगी। इनका निःशुल्क इलाज भी होगा। साथ ही 12 वर्ष से अधिक आयु के जिन लोगों को कोविड का टीका नहीं लगा है, उन्हें कोविड टीके से प्रतिरक्षित किया जाएगा।

 

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