आज मातृ शक्ति जागृत हो चुकी है। गणगौर पर्व महोत्सव प्रदेश एवं अखिल भारतीय स्तर पर अपना नाम रोशन करेगा – नीरजसिंह राठौर
गणगौर पर्व को लेकर सर्व समाज की महिलाओं की वृहद बैठक का हुआ आयोजन
28 मार्च से 3 अप्रेल तक मनाया जावेगा गणगौर उत्सव, महिलाओं ने दिये सुझाव
झाबुआ । कोरोना काल के दो वर्ष बाद झाबुआ नगर के सभी समाजों द्वारा आगामी 28 मार्च से 3 अप्रेल तक नगर के राजवाडा चौक से परम्परागत रूप से गणगौर पूजा महोत्सव का गरीमामय आयोजन किये जाने के लिये रविवार रात्री में स्थानीय पैलेस गार्डन में नगर के करीब 2 दर्जन समाज की महिलाओं की एक विशाल बैठक का आयोजन किया जाकर आगामी गणगौर पर्व को नगर की परम्परानुसार ऐतिहािसक तरिके से मनाने के लिये विचार विमर्श किया गया तथा सभी समाजों की महिलाओं के कार्यक्रम आयोजन को लेकर सुझाव लिये गये । स्वर्गीय नानालाल जी कोठारी द्वारा स्थापित परम्परा को सतत बनये रखने के साथ ही गणगौर महापर्व को बिना किसी भेदभाव के मनाये जाने को लेकर आयोजित बेैठक में निर्णय लिये गये तथा इस आयोजन को निर्विध्न संपन्न करने के लिये 11 सदस्यों की प्रबंध समिति का गठन भी किया गया जिसके माध्यम से उक्त आयोजन को संपन्न किया जावेगा ।
गणगौर महोत्सव समिति की श्रीमती कुंता सोनी एवं सरंक्षक नीरजसिंह राठौर ने जानकारी देते हुए बताया कि पैलेस गार्डन पर 7 दिवसीय गणगौर महापर्व को नगर की सभी समाजों की महिलाओं की सहभागिता से इस आयोजन को सफलता पूर्वक सम्पन्न करने के लिये नगर के गवली सामाज, भावसार समाज, सेन समाज, सोनी समाज, बा्रह्मण समाज, जेन समाज, राजपूत समाज, पोरवाल समाज, महाराष्ट्रीय समाज, भावसार समाज, अरोडा समाज, राठौर तेली समाज, नगरची समाज, रजक समाज, माली समाज, कहार समाज, पाटीदार समाज, नीमा समाज, कलाल समाज, पंचाल समाज, बेरागी समाज, नागर समाज, आदिवासी समाज, भाटी समाज, कायस्थ समाज आदि की महिलाओं ने अपने अपने विचार एवं सुझाव व्यक्त किये । कार्यक्रम का संचालन करते हुए श्रीमती कुंता सोनी ने सप्त दिवसीय गणगौर पर्व आयोजन की रूप् रेखा प्रस्तुत करते हुए इस अवधि में प्रतिदिन, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, क्रिडा गतिविधियों, क्रिेट मैच,एक नृत्य आदि के बारे में सुझाव आंमत्रित किये ।
इस अवसर पर श्रीमती नलिनी बैेरागी ने फुहडता से दूर रह कर धार्मिक भावनाओं पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत करने के बारे मे सुझाव दिया । शीतल जादौन से धार्मिक गीतो तथा प्रश्न मंच के आयोजन पर विचार व्यक्त किये ।राखी सिसौदिया एवं कीर्त देवल ने भारतीय संस्कृति के अनुरूप प्रतिदिन अलग अलग आयोजन करने की बात कहीं । अनीला बेस ने रांगोली, मेहंदी स्पर्धा के आयोजन करने की बात कहीं । रेखा माहेश्वरी ने प्रतियोगितों को विवाद रहित हो ऐसा आयोजन की बात बताई । अनीता चाकर ने एक दिन गराबा नृत्य आयोजन का सुझाव दिया । सुनीता बाबेल ने सर्वानुमति से गरीमामय आयोजन करने पर जोर दिया । शिवकुमारी सोनी ने घार्मिक भजनों के कार्यक्रम भी एक दिन आयोजित करने की बात कहीं । श्रीमती देराश्री ने धार्मिक फैंसी ड्रेस कार्यक्रम के बारे मे सुझाव दिया । आशा कटारिया ने धार्मिक भावना से ओतप्रोत आयोजन करने के बारे विचार व्यक्त किये । हरिप्रिया निगम में गणगौर माता के चमत्कारिक स्वरूप की जानकारी देते हुए सभी धर्मो से जुडे कार्यक्रम आयोजित करने पर विचार व्यक्त किये । किरण सोनी ने अमीरी गरीबी के भेदभाव को नही करने के बारे में अपने विचार बताये । ज्योति रांका ने अपने संबोधन में स्वर्गीय नानालाल जी कोठारी को नमन करते हुए मातृ शक्ति जो स्वयं लक्ष्मी सरस्वती का स्वरूप मानी जाती है के लिये सांस्कृति कार्यक्रम के साथ डांडिया रास आयोजन का सुझाव दिया । वही कम से कम दो दिन तक गेम्स रखने के बारे में भी कहा। इनरव्हीलर की ओर से हाउंजी गेम रखने की उन्होंने घोषणा की । चंचला सोनी ने अपने उदबोधन में हर समाज से 2 या 3 दिन तक धर्म, संस्कृति,स्वास्थ्य, पर्यावरण,पौधारोपण आदि सामयिक विषयों पर जानकारी देने के लिये आयोजन करने की बात कहीं । सुश्री रूकमणी वर्मा ने रांगोली प्रतियोगिता आयोजित करने एवं शिवपुराण पर आधारित प्रश्नमंच का कार्यक्रम रखे जाने का सुझाव दिया । बहादूर भाटी ने भी स्वयं की सेवायें समाजहित के कार्यो में दिये जाने की बात कहीं । मीना सोनी, मंजु अरोडा एवं अर्चना सिसौदिया ने भी अपने विचार व्यक्त किये ।
कार्यक्रम के सरंक्षक नीरजसिंह राठौर ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए स्वर्गीय नानाभाई कोठारी को स्मरण करते हुए कहा कि आज मातृ शक्ति जागृत हो चुकी है। प्रतिवर्ष यहां गणगौर पर्व का आयोजन होरहा है। और प्रतिवर्ष पिछले वर्ष की कमियों एवं त्रुटियों को सुधारने का प्रयास किया जाता है। यहां का गणगौर पर्व महोत्सव प्रदेश एवं अखिल भारतीय स्तर पर अपना नाम रोशन करे यही हमारे प्रयास है। उनहोने कहा कि मातृशक्ति अब आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर हैे ओर आगामी दिनों में झाबुआ का गणगौर उत्सव अन्य जिलों एवं प्रदेशों के लिये मिसाल बनेगा । राठौर ने कृष्ण के गोवर्धन पर्वत उठाने के उदाहरण को देते हुए सभी महिलाओं को ग्वालों की तरह यथायोग्य सहयोग देने की बात कही । उन्होने आर्थिक, मानिक एवंसकारात्मक सहयोग की अपील करते हुए इस पर्व के लिये एक थीम होने की बात भी कही । एनीमिया, सीकलसेल को लेकर हमे प्रोजेक्ट लेकर काम करना होगा । धर्म और खेलों से मेल मिलाप बढता है ओर सकारात्मक विचार आते है । उन्होने बताया कि 28मार्च से 3 अप्रेल तक 7 दिवसीय गणगौर महोत्सव मनायाजावेगा ओर इसको पूरी प्रबंधन समिति तय करेगी ।
इस अवसर पर नगर के समाज सेवी रो. एडवोकेट उमंग सक्सैना का जन्म दिन भी होने से पूरी समिति की ओर से उनका स्वागत करते हुए बधाईया दी गई। सक्सेना ने आयोजन मे पूरा सहयोग देने की बात कहीं । झाबुआमातृशक्ति कीएकता का प्रतिक नारे के साथ गणगौर महोत्सव समिति की इस बैठक में मंच पर पद्मजा सक्सेना, किरणमाहेश्वरी, चंचलासोनी, रूकमणी र्मा, ज्योति रांका, कल्पना सकलेचा मंचासीन रही । कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती कुंता सोनी ने किया तािा अंत मे आभार श्रीमती राजकुमारी सोनी ने व्यक्त किया । कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगीत के साथ हुआ । इस अवसर पर सभी महिलाओं के लिये भोजन प्रसादी का आयोजन भी किया गया ।इस आयोजन में नगर के गणमान्यजनो की भी उपस्थिति रही ।