ऋषभदेव बावन जिनालय में त्रि-दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव अंतर्गत श्री नागेष्वर पाष्र्वनाथजी, श्री पुंडरिक स्वामीजी एवं श्री शुभ स्वामीजी की प्रतिमाओं की विधि-विधान से मंत्रोच्चार के साथ हुई स्थापना-आँचलिक ख़बरें-राजेंद्र राठौर

Aanchalik Khabre
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ऋषभदेव बावन जिनालय में त्रि-दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव अंतर्गत श्री नागेष्वर पाष्र्वनाथजी, श्री पुंडरिक स्वामीजी एवं श्री शुभ स्वामीजी की प्रतिमाओं की विधि-विधान से मंत्रोच्चार के साथ हुई स्थापना-आँचलिक ख़बरें-राजेंद्र राठौर ऋषभदेव बावन जिनालय में त्रि-दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव अंतर्गत श्री नागेष्वर पाष्र्वनाथजी, श्री पुंडरिक स्वामीजी एवं श्री शुभ स्वामीजी की प्रतिमाओं की विधि-विधान से मंत्रोच्चार के साथ हुई स्थापना गच्छाधिपति आचार्य श्री नित्यसेन सूरीजी को समस्त भंडारी परिवार ने ओढ़ाई कामली दीक्षार्थी बहन आयुषी छाजेड़ का शहर में निकाया गया वरघोड़ा, बडी संख्या में समाजजन हुए शामिल आचार्य श्रीजी आदि ठाणा का झाबुआ से फुलमाल बाद पिटोल के लिए हुआ विहार झाबुआ। प्राचीन जैन तीर्थ श्री ऋषभदेव बावन जिनालय में 26, 27 एवं 28 नवंबर को त्रि-दिवसीय प्रतिष्ठा महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसका संपूर्ण लाभ श्रीमती लीलाबाई चंपालाल भंडारी परिवार, श्रीमती लीलाबाई शांतिलाल भंडारी परिवार, श्री सुरेषचन्द्र,, कमलेषकुमार, प्रमोदकुमार भंडारी, प्रमोद-अंजु भंडारी, यषवंत, निखिल, राजेन्द्र, दीपक भंडारी एवं श्रीमती चंदा-मनोहरलाल, राजेन्द्रकुमार, प्रदीपकुमार, जय भंडारी परिवार द्वारा लिया गया। वहीं सभी आयोजन श्वेतांबर जैन श्री संघ एवं अभा श्री राजेन्द्र नवयुवक परिषद् परिवार की ओर से किए गए। लाभार्थी भंडारी परिवार के प्रमोद भंडारी ने बताया कि पिछले दिनों श्री ऋषभदेव बावन जिनालय में पुण्य सम्राट राष्ट्रसंत आचार्य श्री जयंतसेन सूरीष्वरजी मसा के पट्टधर गच्छाधिपति आचार्य श्री नित्यसेन सूरीष्वरजी मसा आदि ठाणा का चातुर्मास संपन्न हुआ था। उस दौरान मंदिर में श्री नागेष्वर पाष्र्वनाथजी, श्री पुंडरिक स्वामीजी एवं शुभ स्वामीजी की प्रतिमा प्रतिष्ठा करने हेतु आचार्य श्रीजी से विनती की गई थी एवं प्रतिमा स्थापना हेतु मुर्हुत प्रदान करने का आग्रह किया गया।WhatsApp Image 2022 11 30 at 12.08.39 PM जिस पर पूज्य गच्छाधपति द्वारा 28 नवंबर को प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा हेतु मुर्हुत प्रदान किया गया। प्रथम एवं द्वितीय दिन यह हुए कार्यक्रम जिसके निमित्त तीन दिवसीय आयोजन किए गए। जिसमंें प्रथम दिन 26 नवंबर, शनिवार सुबह छोटी पिटोल ग्राम से श्री नागेष्वर पाष्र्वनाथजी की प्रतिमा को झाबुआ जैन मंदिर तक गाजो-बाजों के साथ लाया गया। 27 नवंबर, रविवार को कंुभ स्थापना, दीपक स्थापना, नवग्रह पाटला, दस दिकपाल पाटला एवं 18 अभिषेक की विधि संपन्न हुई, यह विधिे विधिकारक सत्य विजयजी चैन्नई एवं त्रिलोकजी द्वारा संपन्न करवाई गई। शहर में बैंड-बाजों के साथ निकाला गया वरघोड़ा 28 नवंबर, सोमवार सुबह करीब 7.30 बजे से महावीर बाग दिलीप गेट पर नवकारसी का समाजजनों द्वारा लाभ लेने के बाद करीब 8.30 बजे से गच्छाधिपति आचार्य श्री नित्यसेन सूरीष्वरजी मसा एवं मुनि मंडल का शहर प्रवेष के साथ ही ग्राम पारा निवासी दीक्षार्थी बहन आयुषी छाजेड़ का वरघोड़ा भी बैंड-बाजों के साथ निकाला गया। जिसमें आगे महिला परिषद् एवं बहू परिषद् से जुड़ी श्राविकाएं एक जैसे वस्त्रों में अपने सिर पर कलष लेकर चली। आचार्य श्रीजी आदि ठाणा के जगह-जगह समाजजनों एवं शहर के नागरिकों ने भी दर्शन लाभ लिए। विषेष रथ पर दीक्षार्थी बहन आयुषी छाजेड़ परिजनों के साथ विराजमान रहीं। जिनका भी जगह-जगह अभिनंदन किया गया। वरघोड़े में बड़ी संख्या में समाजजन शामिल हुए। यह वरघोड़ा शहर के चेतन्य मार्ग, विजय स्तंभ तिराहा, जिला चिकित्सालय मार्ग, बस स्टैंड फव्वारा चैक, मुख्य बाजार, आजाद चैक, नेहरू मार्ग, राजवाड़ा चैक से लक्ष्मीबाई मार्ग होते हुए बावन जिनालय पहुंचा। भंडारी परिवार ने आचार्य श्रीजी को ओढ़ाई कामली जहां आचार्य श्रीजी द्वारा मंगलचारण फरमाई गई एवं प्रवचन दिए गए। इस दौरान आचार्य श्री नित्यसेन सूरीजी को समस्त भंडारी परिवार की ओर से कामली ओढ़ाई गई। इस दौरान सभी ने उत्सापूर्वक जिनषासन देव के जयकारो के साथ दीक्षार्थी बहन की भी जयकारों के साथ खूब-खूब अनुमोदना की। तत्पष्चात् विजयी मुर्हुत में आचार्य श्री की निश्रा में मंदिर में श्री नागेष्वर पाष्र्वनाथजी, श्री पुंडरिक स्वामीजी एवं श्री शुभ स्वामीजी की प्रतिमाओं की विधि-विधान से मंत्रोच्चार के साथ स्थापना की गई। अहमदाबाद (गुजरात) जाएंगे आचार्य श्रीजी बाद सभी समाजनजों के लिए साधर्मी वात्सल्य का आयोजन रखा गया। दोपहर करीब 3 बजे आचार्य श्रीजी आदि ठाणा के समाजजनों द्वारा दर्षन बाद आपने बावन जिनालय से विहार कर रामकृष्ण नगर में अभा श्री राजेन्द्र नवयुवक परिषद् अध्यक्ष मुकेष जैन ‘नाकोड़ा’ के निवास पर पहुंचकर यहां श्री संघ के वरिष्ठ स्व. चन्द्रषेखर जैन को पुष्पांजलि दी। बाद यहां से फुलमाल के लिए विहार किया। आगे पिटोल होते हुए गुजरात विहार होगा। आचार्य श्रीजी आदि ठााणा अहमदाबाद गुजरात जाएंगे। सत्तरभेदी पूजन हुई इसी प्रकार 29 नवंबर, मंगलवार सुबह 8 बजे से श्री सत्तरभेदी पूजन विधिकारक एवं संगीतकार शैलेश भाई शाह इंदौर द्वारा विधि-विधान से संपन्न करवाई गई। त्रि-दिवसीय सफल आयोजन के लिए लाभार्थी समस्त भंडारी परिवार एवं आयोजक श्वेतांबर जैन श्री संघ तथा परिषद् परिवार ने सकल जैन समाज के प्रति आभार व्यक्त किया।

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