झुंझुनू। राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण जयपुर ने ट्रांसफर होकर आई एक शिक्षिका द्वारा स्कूल में कार्यग्रहण करने के तत्काल बाद उसके ट्रांसफर आदेश को निदेशक (प्रारं) शिक्षा द्वारा प्रत्याहारित कर, पुन: पूर्व स्थान लूणी, जोधपुर जाने के आदेश को चुनोती देने वाली अपील पर सुनवाई कर रोक लगाते हुए प्रमुख शासन सचिव पंचायतीराज व निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा बीकानेर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले के अनुसार अपीलार्थी इन्द्रा कुमारी ने एडवोकेट संजय महला के जरिये अपील दायर कर बताया कि उसकी प्रथम नियुक्ति 13 सितम्बर 2013 को जोधपुर जिले की पंस लूणी के धुंधाड़ा गांव की राप्रावि में तृतीय श्रेणी पद पर हुई थी। निदेशक प्राथमिक शिक्षा ने 18 फरवरी 2021 को उसका ट्रांसफर जोधपुर जिले से झुंझुनूं की अलसीसर पंचायत समिति की शोभा का बास स्कूल में कर दिया। विभाग द्वारा 15 मार्च को कार्यमुक्त किये जाने पर दूसरे दिन 16 मार्च को अपीलार्थी ने दोपहर पूर्व अपना कार्यग्रहण शोभा का बास में कर लिया, किन्तु दो घंटे बाद ही विभाग ने फिर नया आदेश जारी कर पूर्व ट्रांसफर आदेश को वापस ले लिया व उसी वक्त शोभा का बास से जोधपुर जाने के लिये कार्यमुक्त कर दिया। बहस में एडवोकेट संजय महला ने कहा कि विभाग ने बिना मस्तिष्क लागू किये कार्यग्रहण के तुरंत बाद विधि विरुद्ध व बिना किसी प्रशासनिक आवश्यकता के अपने पूर्व ट्रांसफर आदेश को प्रत्याहारित कर मनमानी की है। मामले की सुनवाई कर रही अधिकरण ने सुनवाई के बाद शिक्षिका को यथावत रखे जाने व विभाग के विवादास्पद आदेश पर रोक लगाते हुए शिक्षा विभाग के अधिकारियों को नोटिस जारी 10 मई तक जवाब मांगा है।