रतन जी का परिचय शब्दों में बयां नहीं कर पा रहे हैं रतन जी ऐसे व्यक्तित्व के धनी थे इनसे कोई एक बार मिल लेता था तो वह जीवन भर उन्हें भूल नहीं पाता हमेशा सेवा करने के लिए तैयार रहते थे चाहे कोई भी उनके पास जाकर समस्या साझा करता था तो वह तुरंत ही उनकी समस्या का समाधान करने में जुट जाते थे। वर्तमान में रतन जी झाबुआ नगर मंडल उपाध्यक्ष का पद संभाल रहे थे। वनवासी कल्याण आश्रम के छात्र भी रहे है साथ में सैलाना में पूर्ण कालीन भी रहे जनजाति विकास मंच के जिला संयोजक के पद पर कार्य किया और वर्तमान में भी वनवासी कल्याण आश्रम जिला समिति के सदस्य थे उनकी खेलों में बहुत रुचि थी कबड्डी उनका पसंदीदा खेल था कबड्डी की अंपायरिंग भी बहुत अच्छे से करते थे उनकी कमी उनके द्वारा किए गए कार्यक्षेत्र में समाज में सभी को बहुत खलेगी। झाबुआ में कई सालों पहले हिंदू संगम हुआ था जिसमें उनकी सक्रिय भूमिका थी। जमीन से जुड़े रहकर लोगों को जोड़कर कार्य करने वाले व्यक्ति के जीवन का अचानक इस तरह से चले जाना होगा किसी ने सोचा भी नहीं था अचानक हम सबको छोड़ कर चले जाएंगे यह कल्पना करना भी मुश्किल है हमेशा सबके दिलों में अपनी जगह बनाने वाले रतन जी हमेशा अपनी कमी हमें महसूस कराते रहेंगे। क्योंकि उनके द्वारा किए गए हर कार्य की हमेशा सराहना हुई है। उन्होंने समाज को संगठन को हमेशा मजबूत किया है।
विनम्र शब्दों के साथ रतन जी डावर को भावभीनी श्रद्धांजलि.