झाबुआ में स्थित प्रदेश की प्रथम नक्षत्र वाटिका दिव्य नक्षत्र वाटिका की वार्षिक बैठक व स्नेह भोज का आयोजन दिनांक 8 जनवरी 2023 को संपन्न हुआ इस वार्षिक बैठक में लगभग 100 से अधिक सदस्यों ने उपस्थिति प्रदान इस बैठक में वाटिका का वार्षिक आय-व्यय आगामी योजनापर विचार व उपस्थित सदस्यों से वाटिका के संबंध में सुझाव प्राप्त किए गए
वाटिका के सौंदर्यीकरण व पिचिंग वाल संबंधी कई कई मुद्दों पर चर्चा हुई
उपरोक्त नक्षत्र वाटिका प्रदेश में प्रथम स्थान रखती है झाबुआ की धरा के लिए गौरव का विषय है इसकी
अपनी अलग छाप है दूर दूर से लोग इस वाटिका को देखने आते हैं विभिन्न जलवायु मे होने वाली वनस्पतियों को एक साथ एक जगह पर रोपीत किया गया है यह वाटिका नक्षत्रों पर आधारित है नारद संहिता मे इस तरह के वृक्षों कर उल्लेख है मुख्यतः इसमें रुद्राक्ष, कदंब,शुल रहित बिल्वपत्र,पारस पीपल,कपूर, गूगल, सिंदूर,औदुंबर, कटहल, बकुल कुचला
आदि वृक्षों को रोपित किया गया है साथ ही ग्रहों पर आधारित उनके फल व राशियों पर आधारित उनके वनस्पति वह नवग्रह समिधा पंचों कर लो इत्यादि का भी रोपण किया गया है जैसे सुपारी, मोसनबी, संतरा, अंगूर, खीरनी, श्रपुखा, केल, पारिजात, कुश, श्रीफल और लगभग 50 से अधिक ग्रहों के पुष्प पर आधारित पुष्पों से सुसज्जित यह वाटिका अत्यंत आध्यात्मिक व दिव्य है किस वाटिका का न केवल आध्यात्मिक महत्व है वरन बॉटनिकल भी बहुत अधिक विविधता वाले वनस्पतियों को एक स्थान पर लगाकर अपने आप में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.
वाटिका के सभी सदस्यों सहयोग रहा इस बैठक में झाबुआ के अलावा सुवासरा व थांदला से भी सदस्य गण सम्मिलित हुए कई शासकीय अधिकारी कृषि विभाग के अधिकारी एलआईसी अधिकारी और द्वारा इस बैठक में शिरकत की गई
पंडित हिमांशु शुक्ल, विशाल त्रिवेदी, मयूर शाह
दिव्य नक्षत्र बहुउद्देशीय समिति
झाबुआ दिव्य नक्षत्र बहुद्देशीय समिति के बैनर तले यह संपूर्ण आयोजन संपन्न हुआ
राजगढ़ नाका स्थित कृषि विभाग के तालाब केपास सिद्ध पीठ बालाजी धाम वह मोडेश्वरी मां के प्रांगण में स्थित यह वाटिका विभिन्न समाजों एवं नगर के विभिन्न वर्गों के सामूहिक प्रयास का प्रतिफल है