नागरिकता संशोधन अधिनियम पर भ्रम फैला रहा विपक्ष-फग्गन सिंह कुलस्ते-आंचलिक ख़बरें-मनोज द्विवेदी

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केन्द्र का अधिनियम ना मानने वाले राज्य सरकारों को करें बर्खास्त — की गयी मांग.

राजेन्द्रग्राम / जनजातीय समाज को नागरिकता संशोधन अधिनियम सहित देश हित के सभी मामलों में बहुत जागरुक रहने की जरुरत है। सरकार देश हित में बहुत से अच्छे कार्य कर रही है। पूर्वोत्तर भारत सहित जनजातीय बहुल अन्य क्षेत्रों में कुछ लोग समाज को कमजोर करने के लिये बरगलाने , भ्रमित करने का कार्य कर रहे हैं। हमारा कर्तव्य है कि सभी मुद्दों पर जनता को जागरुक करें। शुक्रवार की देर शाम राजेन्द्रग्राम पहुंचे केन्द्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने कार्यकर्ताओं के बीच उपरोक्त विचार व्यक्त किये। सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह, पूर्व विधायक सुदामा सिंह, अजजा आयोग के पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र मरावी, नमो एप के संभागीय संयोजक मनोज द्विवेदी, भारत विकास परिषद के विंध्य प्रांत के महासचिव डा देवेन्द्र तिवारी, जनपद अध्यक्ष हीरासिंह श्याम , नवल नायक के साथ अन्य लोगों की उपस्थिति में सांसद निवास पर आयोजित बैठक को संबोधित करते हुए श्री कुलस्ते ने कहा कि देश में नागरिकता संशोधन कानून प्रभावी होगा ।

WhatsApp Image 2020 01 11 at 5.23.54 PM पाकिस्तान ,बांग्लादेश, अफगानिस्तान के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने के लिये ,उन्हे सुरक्षा प्रदान करने के लिये यह कानून लाया गया है। इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें अपने देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी। श्री कुलस्ते ने कहा कि जे एन यू में फीस वृद्धि के मुद्दे को विपक्ष ने साजिश के तहत भुनाने की कोशिश की । छात्र – छात्राओं तथा मुसलमानों को भ्रमित किया गया। सभी को यह जानना चाहिए कि यह नागरिकता देने वाला अधिनियम है ,किसी की नागरिकता छीनने के लिये नहीं है। देश को अशांत करने , लोगों को बगावत करने के लिये कुछ लोग साजिश कर रहे हैं। आम जनता को जागरुक करने की जरुरत है। समाज से जुडे सभी संगठन आगे आएं तथा जनता को जागरुक करें।
इससे पूर्व परिचयात्मक उद्बोधन देते हुए भाजपा नेता एवं केन्द्रीय मंत्री श्री कुलस्ते ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम के मुताबिक छह समुदायों के शरणार्थियों को पांच साल तक भारत में रहने के बाद भारत की नागरिकता दी जाएगी। अभी तक यह समय सीमा 11 साल की थी। कानून के मुताबिक ऐसे शरणार्थियों को गैर-कानून प्रवासी के रूप में पाए जाने पर लगाए गए मुकदमों से भी माफी दी जाएगी। कानून के अनुसार यह असम, मेघालय, मिजोरम और त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्रों पर लागू नहीं होगा, क्योंकि ये क्षेत्र संविधान की छठी अनुसूची में शामिल हैं। इसके साथ ही यह कानून बंगाल पूर्वी सीमा विनियमन, 1873 के तहत अधिसूचित इनर लाइन परमिट (आईएलपी) वाले इलाकों में भी लागू नहीं होगा। आईएलपी अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड और मिज़ोरम में लागू है। सांसद श्रीमती हिमाद्री सिंह एवं अजजा आयोग के पूर्व अध्यक्ष नरेन्द्र मरावी ने केन्द्रीय मंत्री का स्वागत करते हुए परिचयात्मक संबोधन किया। इस अवसर पर विनोद बनाफर, मुन्ना लाल गुप्ता, बालकृष्ण शुक्ला, मनोज शुक्ला , केशव सिंह , लोकमंच के मधुकर चतुर्वेदी, समाजसेवी अजय पाण्डेय के साथ अमरकंटक जनजातीय वि वि के बहुत से छात्र उपस्थित थे।१२ जनवरी को जागरुकता रैली की दी जानकारी — भाजपा नेता नरेन्द्र मरावी ने बतलाया कि जिले के विभिन्न संगठनों द्वारा नर्मदांचल नागरिक मंच के साथ जिला मुख्यालय अनूपपुर में १२ जनवरी, रविवार की दोपहर १ बजे नागरिकता संशोधन अधिनियम जागरुकता रैली का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने अपील की कि सभी वर्ग के लोग जागरुकता रैली में अवश्य शामिल हों। राज्य सरकारों को करें भंग — भाजपा के वरिष्ठ नेता नवल नायक ने केन्द्रीय मंत्री श्री कुलस्ते के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि जो राज्य सरकारें केन्द्र के बनाए कानून को मानने से मना करें ,उन्हे तत्काल बर्खास्त किया जाना चाहिए । उन्होंने कहा कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद कांग्रेस ने चार राज्यों की भाजपा सरकारों को बेवजह भंग कर दिया था। जिसे बाद में न्यायालय ने असंवैधानिक माना था। कार्यकर्ताओं ने इस मांग का पूर्ण समर्थन करते हुए कहा कि हिंसा ,अराजकता प्रायोजित करने वाले नेताओं, दलों, संगठनों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाए।

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