नई दिल्ली – शिक्षा विभाग के आला अधिकारीयो व स्कूल प्रमुख के लिखने के बाद हज़ारों शिक्षक आज भी कोविड ड्यूटी में लगे हे,बच्चों का सलेबस पूरा नही हो पा रहा है l कक्षाओं में बच्चे शिक्षक की राह ताक रहे हैं, सीबीएसई ने मिड टर्म की परीक्षाओं की तारीख़ घोषित कर दी हे, सरकार के साथ नियुक्त NGO अपनी वाह वही के लिए एंटरपिनीयोरशिप,हैपीनेस,EVGC कोंसलिंग व अनेक अलुल जलुल गतिविधियों की अनिवार्यता के कारण सलेबस पूरा करने के लिए वक़्त ही नही मिलता।
इस संबंध में विशेष चर्चा करते हुए दिल्ली गवर्नमेंट स्कूल टीचर एसोसिएशन (जीएसटी) के महासचिव अजयवीर यादव ने कहा कि विभाग के आदेशानुसार सलेबस से ज़्यादा NGO द्वारा निर्धारित गतिविधियों को पूरा करना ही महत्वपूर्ण हे नही तो शिक्षकों को विभागीय कार्यवाही के लिए तैयार रहना होता हे।जब बोर्ड का रिज़ल्ट कम आता हे तो भी शिक्षक ज़िम्मेदार उनके प्रमोशन रोके जाते हे यदि अच्छा आता हे सरकार की नीतिया व NGO की गतिविधियों को श्रेय मिलता हे। दिल्ली शिक्षा माडल सच्चाई से अलग हे।अभी सरकार को अविलम्ब शिक्षकों को स्कूल में भेज कर सिर्फ़ सलेबस पर फ़ोकस करना चाहिए क्योंकि कोविड के चलते पहले ही वर्किंग डेज़ कम हे ये सभी की सोचना चाहिए।